Last Updated:September 16, 2025, 14:43 IST
Bihar Chunav 2025: पूर्णिया में पीएम मोदी के 19 मिनट के भाषण में कहे गए 24 शब्द बिहार चुनाव में 'गेम चेंजर' साबित हो सकते हैं. उन्होंने सीधे तौर पर सीमांचल में घुसपैठियों का मुद्दा उठाया और विपक्षी दलों को घेरा. क्या पीएम मोदी का यह 'मास्टर स्ट्रोक' चार जिलों की 24 सीटों के समीकरण को पलट देगा?

पटना. बिहार में चल रही’ राजनीतिक सरगर्मियों के बीच पीएम मोदी ने एक बड़ा मास्टर स्ट्रोक खेला है. पीएम मोदी का यह मास्टर स्ट्रोक बिहार चुनाव में अगर कारगर साबित हुआ तो चार जिलों की 24 सीटों के नतीजों को पलट सकता है. दरअसल, पूर्णिया में पीएम मोदी सोमवार को नए एयरपोर्ट स्टेशन के साथ 40 हजार करोड़ से अधिक योजनाओं का शिलान्यास और उद्घाटन किया. इस दौरान उन्होंने 19 मिनट का भाषण भी दिया, जिसमें उनके 24 शब्द बिहार चुनाव में गेम चेंजर साबित हो तौ हैरानी नहीं होनी चाहिए. पीएम मोदी ने सीमांचल के चार जिलों किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार और अररिया में घुसपैठिये का मुद्दा न केवल उठाया बल्कि साफ संकेद दिया कि घुसपैठियों को हर हालत में देश छोड़ना ही होगा. पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत में भारत का कानून चलेगा… घुसपैठियों का नहीं’.
पीएम मोदी ने घुसपैठियों को चेतावनी देते हुए कहा कि उन्हें बाहर जाना ही होगा. उन्होंने कहा आरजेडी और कांग्रेस को इन घुसपैठियों के परिवार की चिंता करने का आरोप लगाया और कहा कि उनके लिए जनता ही परिवार है. बिहार की राजनीति में इन दिनों हर बयान को चुनावी नजरिए से देखा जा रहा है. इसी कड़ी में पूर्णिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 19 मिनट के भाषण में कहे गए महज 24 शब्द एक बड़ा सियासी तूफान ला सकते हैं.
पीएम मोदी का यह बयान कई मायनों में खास और रणनीतिक माना जा रहा है. फाइल फोटो)
क्यों खास है यह बयान?
पीएम मोदी का यह बयान कई मायनों में खास और रणनीतिक माना जा रहा है. सीमांचल का यह इलाका सामाजिक और राजनीतिक रूप से संवेदनशील है. यहां घुसपैठियों का मुद्दा एक लंबे समय से चर्चा में रहा है. पीएम मोदी ने इस मुद्दे को उठाकर एक तरह का ‘मास्टर स्ट्रोक’ खेला है. पीएम मोदी का यह बयान वोटों के ध्रुवीकरण का काम कर सकता है. यह बयान उन मतदाताओं को एकजुट कर सकता है जो राष्ट्रीय सुरक्षा और घुसपैठियों के मुद्दे पर चिंतित हैं.
सीमांचल में महागठबंधन की चुनौती
पीएम मोदी ने सीधे तौर पर आरजेडी और कांग्रेस को इस मुद्दे पर घेरकर उन्हें एक नई चुनौती दी है. आरजेडी और कांग्रेस के लिए यह एक बड़ी चुनौती है. अगर वे इस बयान का विरोध करते हैं तो उन पर देश विरोधी होने का आरोप लग सकता है. और अगर वे चुप रहते हैं तो उनके समर्थक निराश हो सकते हैं. क्योंकि सीमांचल में जातीय समीकरण काफी महत्वपूर्ण है. लेकिन पीएम मोदी का यह बयान जातीय समीकरण को दरकिनार कर एक नए राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे को सामने ला सकता है.
2020 में आरजेडी, कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का दबदबा रहा था.
सीमांचल की 24 सीटों पर साल 2020 में आरजेडी, कांग्रेस और असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम का दबदबा रहा था. लेकिन पीएम मोदी बिहार चुनाव 2025 में यह मुद्दा छेड़कर घुसपैठिया बनाम स्थानीय कर दिया है. बता दें कि इन 24 सीटों पर 20 प्रतिशत से 40 प्रतिशत मुस्लिम वोटर्स हैं. ऐसे में अगर जातियों का ध्रुवीकरण हुआ तो एनडीए इस बार बाजी मार सकता है.
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First Published :
September 16, 2025, 14:43 IST