मिशन सुदर्शन चक्र: ISRO और न्यूक्लियर प्लांट्स को मिलेगा हाई-टेक कवच, काम शुरू

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Last Updated:September 18, 2025, 21:02 IST

Mission Sudarshan Chakra: मिशन सुदर्शन चक्र पर काम तेज हो गया है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने समिति बनाई है. 2035 तक भारत ISRO, न्यूक्लियर प्लांट्स और बॉर्डर को हाई-टेक एयर डिफेंस कवच देगा.

 ISRO और न्यूक्लियर प्लांट्स को मिलेगा हाई-टेक कवच, काम शुरूमिशन 'सुदर्शन चक्र' पर काम शुरू (AI Generated Image)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 15 अगस्त को लाल किले से ऐलान किए गए मिशन सुदर्शन चक्र ने औपचारिक रूप से रफ्तार पकड़ ली है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को इस प्रोजेक्ट पर प्रेजेंटेशन दिया गया और उसके बाद उन्होंने एक उच्चस्तरीय समिति गठित कर दी. सूत्रों के अनुसार, समिति चरणबद्ध तरीके से इस प्रोजेक्ट का खाका तैयार करेगी ताकि सबसे अहम ठिकानों को प्राथमिकता दी जा सके. इस मिशन के तहत भारत के स्ट्रैटेजिक इंस्टॉलेशंस जैसे ISRO, न्यूक्लियर पावर प्लांट्स और बॉर्डर इलाकों को हाई-टेक सुरक्षा कवच मिलेगा. इस पर हाल ही में हुई कंबाइंड कमांडर्स कॉन्फ्रेंस में भी चर्चा हुई.

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में कहा था कि भारत की सुरक्षा ढाल को और मजबूत, आधुनिक और व्यापक बनाया जाएगा. महाभारत के प्रसंग का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि जिस तरह भगवान श्रीकृष्ण ने सूर्य को ढकने के लिए सुदर्शन चक्र का इस्तेमाल किया था, उसी तरह भारत भी आधुनिक तकनीक से एक अदृश्य कवच तैयार करेगा.

आकाश, S-400, और QR-SAM… और लेजर इंटरसेप्टर्स भी

मिशन की जरूरत ऑपरेशन सिंदूर के दौरान और साफ हो गई थी. जब यह सामने आया कि भारत को बहुस्तरीय हवाई खतरों से निपटने के लिए और सशक्त सुरक्षा तंत्र की जरूरत है. मौजूदा सिस्टम जैसे आकाश, S-400, और QR-SAM पहले से तैनात हैं, लेकिन मिशन सुदर्शन चक्र उन्हें और अपग्रेड करेगा. साथ ही इसमें भविष्य के लेजर-आधारित इंटरसेप्टर्स को भी शामिल किया जाएगा.

सूत्रों का कहना है कि इस प्रोजेक्ट की लागत भारी होगी, इसलिए इसे फेज-वाइज लागू किया जाएगा. सबसे पहले उन जगहों को कवर किया जाएगा जो सबसे ज्यादा संवेदनशील हैं. 2035 तक भारत के पास पूरी तरह से स्वदेशी एयर डिफेंस नेटवर्क होगा, जो सिर्फ दुश्मन के हमलों को नाकाम नहीं करेगा बल्कि तगड़ा जवाब भी देगा.

2035 तक तैयार होगा भारत का महाकवच!

भारत की योजना इसे एक अम्ब्रेला डिफेंस नेटवर्क बनाने की है, जिसमें शॉर्ट, मीडियम और लॉन्ग रेंज के सभी खतरों को एक साथ काउंटर किया जा सके. यह सिर्फ सुरक्षा कवच नहीं, बल्कि भारत की स्ट्रैटेजिक स्वायत्तता और टेक्नोलॉजिकल लीडरशिप का भी प्रतीक होगा. अगर सब कुछ तय समय पर चलता है, तो 2035 तक भारत के पास एक ऐसा रक्षा कवच होगा जो दुनिया के सबसे आधुनिक एयर डिफेंस नेटवर्क्स में शुमार होगा.

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New Delhi,New Delhi,Delhi

First Published :

September 18, 2025, 21:02 IST

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