Last Updated:August 11, 2025, 16:04 IST
Ahmedabad Plane Crash: अमेरिकी अटॉर्नी माइक एंड्रयूज़ ने एयर इंडिया की आलोचना की और कहा कि रतन टाटा अगर जीवित होते तो विमान हादसे के पीड़ितों को मुआवज़ा देने में देरी नहीं होती. एंड्रयूज़ इस हादसे में 65 से ज़्...और पढ़ें

नई दिल्ली. अगर टाटा समूह के पूर्व अध्यक्ष रतन टाटा जीवित होते, तो एयर इंडिया विमान हादसे में मारे गए पीड़ितों के परिवारों को मुआवज़ा देने में एयरलाइंस कंपनी देरी नहीं करती. अहमदाबाद विमान दुर्घटना से प्रभावित 65 से ज़्यादा परिवारों की पैरवी करने वाले अमेरिकी अटॉर्नी माइक एंड्रयूज़ ने पीड़ितों के परिवारों को मुआवज़ा देने में देरी के लिए एयर इंडिया की आलोचना की और कहा कि रतन टाटा के रहते मुआवजे के लिए पीड़ितों को ऐसी “नौकरशाही प्रक्रिया” का सामना नहीं करना पड़ता.
एंड्रूज़ ने रविवार को एएनआई से बात की और इस बात पर ज़ोर दिया कि रतन टाटा के काम करने का तरीका और विनम्रता शोक में डूबे परिवारों के सामने आने वाली ऐसी बाधाओं को रोक सकती थी. उन्होंने कहा, “अमेरिका में भी, हम जानते हैं कि रतन टाटा कौन थे. हम अमेरिका में उनकी कार्यशैली और विनम्र रहने तथा अपने कर्मचारियों की देखभाल करने पर उनके ध्यान के बारे में थोड़ा-बहुत जानते हैं, इसलिए हमें पता है कि अगर वह आज यहां होते, तो हमें नहीं लगता कि कर्मचारियों, पीड़ितों और विमान और ज़मीन पर मौजूद लोगों को ऐसी नौकरशाही प्रक्रिया का सामना करना पड़ता जिसमें उन्हें भुगतान में देरी होती.”
वकील ने सुनाई बुजुर्ग महिला की पीड़ा
अमेरिकी वकील ने आगे एक परिवार का मामला बताया, जहां एक बुजुर्ग महिला, जो दुर्घटना में मारे गए अपने बेटे पर निर्भर है, अपनी मेडिकल जरूरतों को पूरा करने के लिए मुआवजे का इंतजार कर रही है. अमेरिकी वकील ने आगे एक परिवार का मामला बताया, जहां एक बुजुर्ग महिला, जो दुर्घटना में मारे गए अपने बेटे पर निर्भर है, अपनी मेडिकल जरूरतों को पूरा करने के लिए मुआवजे का इंतजार कर रही है. एंड्रयूज ने एएनआई को बताया, “हम एक परिवार से मिले, उनकी बुज़ुर्ग मां बिस्तर पर पड़ी थीं और अपने स्वास्थ्य के लिए अपने बेटे पर निर्भर थीं. अब उनका निधन हो चुका है. उन्हें भुगतान नहीं मिला है. अब वे क्या करें? अब वे दुनिया के भरोसे हैं कि उनकी मां कैसे आगे बढ़ें, जबकि जो व्यक्ति उनकी देखभाल कर रहा था, उसकी बिना किसी गलती के मौत हो गई.”
उड़ान भरने के तुरंत बाद ही हादसे का शिकार हो गया था विमान
65 से ज़्यादा परिवारों ने अमेरिका स्थित लॉ फ़र्म बेस्ली एलन के ज़रिए एयर इंडिया और विमान निर्माता कंपनी बोइंग के ख़िलाफ़ अमेरिकी फ़ेडरल कोर्ट में याचिका दायर की. बेस्ली एलन के एविएशन अटॉर्नी माइक एंड्रयूज ने इस मामले को अपने हाथ में लिया और अहमदाबाद के मेघानीनगर इलाके में दुर्घटनास्थल का दौरा किया. 26 जुलाई को, एयर इंडिया ने दुर्घटना में मारे गए 229 यात्रियों में से 147 और ज़मीन पर मारे गए 19 अन्य यात्रियों के परिवारों को अंतरिम मुआवज़े के रूप में 25 लाख रुपये जारी किए गए हैं. 12 जून को, एयर इंडिया की उड़ान संख्या AI171, बोइंग 787-8 विमान, अहमदाबाद के सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे से उड़ान भरने के तुरंत बाद दुर्घटनाग्रस्त हो गया, जिसमें 229 यात्रियों, 12 चालक दल के सदस्यों और 19 लोगों सहित 260 लोगों की मौत हो गई थी.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
August 11, 2025, 15:42 IST