Last Updated:July 23, 2025, 12:07 IST
What is Compounding : महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आईंस्टीन ने कम्पाउंडिंग को 8वां अजूबा ऐसे ही नहीं बताया था. इसकी ताकत ऐसी है कि जिस 1 करोड़ के निवेश को 2 करोड़ बनने में 6 साल लग जाते हैं, उसी 9 से 10 करोड़ का र...और पढ़ें

हाइलाइट्स
कम्पाउंडिंग को आईंस्टीन ने आठवां अजूबा बताया था.कम्पाउंडिंग से निवेश की रकम तेजी से बढ़ती है.1 से 2 करोड़ बनने में 6 साल, 9 से 10 करोड़ बनने में 12 महीने लगते हैं.नई दिल्ली. महान वैज्ञानिक अल्बर्ट आईंस्टीन ने विज्ञान के क्षेत्र में तो कई चमत्कारिक खोज किए, लेकिन एक खोज को वह खुद चमत्कार मानते हैं. अपनी इस खोज से अल्बर्ट आईंस्टीन इतना ज्यादा प्रभावित हुए थे कि उन्होंने इसे आठवां अजूबा तक बता दिया. आज उनका यह आठवां अजूबा दुनियाभर के निवेशकों के लिए वरदान साबित हो चुका है. यह आईंस्टीन के आठवें अजूबे का ही कमाल है कि निवेश किए गए 1 करोड़ रुपये के 2 करोड़ बनने में तो 6 साल लग जाते हैं, लेकिन 9 से 10 करोड़ का रास्ता महज 12 महीने में ही तय हो जाता है.
अल्बर्ट आईंस्टीन का यह आठवां अजूबा कुछ और नहीं बल्कि कम्पाउंडिंग यानी चक्रवृद्धि ब्याज है. म्यूचुअल फंड जैसे निवेश में इसी कम्पाउंड का फायदा मिलता है, जिससे निवेशकों की रकम तेजी से बढ़ जाती है. FundsIndia ने हाल में एक आंकड़ा जारी कर बताया था कि अगर किसी को निवेश पर सालाना 12 फीसदी का ब्याज मिलता है तो कम्पाउंड के जरिये 1 से 2 करोड़ रुपये बनने में 6 साल का समय लग जाता है, जबकि 9 से 10 करोड़ का सफर महज सालभर में ही पूरा हो जाता है. यह कमाल सिर्फ कम्पाउंडिंग की पॉवर से ही होता है.
कैसे मिलता है कम्पाउंडिंग का लाभ
अगर ऊपर दिए गए आंकड़े से आप भी चौंक गए तो निश्चित रूप से अल्बर्ट आईंस्टीन के इस आठवें अजूबे के बारे में जानना जरूरी है. कम्पाउंडिंग का फॉर्मूला साफ कहता है कि आपका निवेश कॉर्पस जितना बड़ा होगा, रिटर्न्स भी उतनी ही तेजी से बढ़ेगा. भले ही आपको मिलने वाला ब्याज स्थिर रहे, लेकिन कुछ रिटर्न में तेजी से इजाफा होगा और कम्पाउंडिंग के जरिये आपका फंड भी तेजी से बढ़ जाएगा.
1 से 2 करोड़ बनने में कितना समय
FundsIndia के अनुसार, 1 से 2 करोड़ बनाने में लगने वाला समय काफी ज्यादा होता है. अगर 12 फीसदी सालाना ब्याज मिले तो भी इसमें 6 साल का समय लग जाएगा, लेकिन 2 करोड़ के 3 करोड़ बनने में सिर्फ 3.5 साल का समय ही लगेगा, क्योंकि आपका रिटर्न भले ही 12 फीसदी ब्याज से मिले लेकिन कॉर्पस ज्यादा हो जाएगा. इसके बाद तो हर एक करोड़ का फंड तैयार होने का समय लगातार घटता जाएगा. 3 से 4 करोड़ बनने में 2.5 साल तो 4 से 5 करोड़ सिर्फ 2 साल में बन जाएंगे. 5 से 6 करोड़ का रास्ता 1.5 साल में तो 6 से 7 करोड़ का सफर 1.4 साल में पूरा हो जाएगा. आखिरी 9 से 10वां करोड़ तो महज 6 महीने में तैयार हो जाता है.
शुरुआती सुस्त रिटर्न से घबराएं नहीं
कम्पाउंडिंग के इस खेल का असली मजा तब आता है, जबकि आपका निवेश किया गया कॉर्पस ज्यादा होता है. यही वजह है कि निवेश की शुरुआत में मिलने वाला रिटर्न्स कम लगता है, जबकि धीरे-धीरे जब आपका कॉर्पस बड़ा हो जाता है तो हर साल मोटा पैसा ब्याज के रूप में आता है. ज्यादातर लोग शुरुआत के सुस्त रिटर्न्स की वजह से जल्दी अपना पैसा निकाल लेते हैं, जबकि असली कमाई तो बाद में मोटा कॉर्पस बनने पर होती है. जो लोग इसमें लंबे समय तक टिके रहते हैं, उन्हें ही करोड़ों रुपये का स्वाद चखने का मौका मिलता है.
आखिर ऐसा क्या है कम्पाउंडिंग में
आईंस्टीन ने कम्पाउंडिंग को आठवां अजूबा इसलिए बताया था, क्योंकि इसमें आपका मूलधन बढ़ने के साथ ब्याज की रकम भी तेजी से बढ़ जाती है. इसकी वजह ये है कि चक्रवृद्धि ब्याज के तहत आपको ब्याज पर भी ब्याज मिलने लगता है. मान लीजिए आपने 1 लाख रुपये निवेश किए और आपको 12 फीसदी रिटर्न मिला तो सालभर में यह रकम 1.12 लाख रुपये हो जाएगी. अब अगले साल जो रिटर्न मिलेगा, वह 1 लाख पर नहीं बल्कि 1.12 लाख रुपये पर मिलेगा. इसी तरह, साल दर साल आपको ब्याज पर भी ब्याज मिलता रहता है और आपकी कुल रकम तेजी से बढ़ती है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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