Last Updated:September 10, 2025, 18:52 IST
Nepal Royal Family: 1 जून 2001 की शाम राजमहल में शाही परिवार की गैदरिंग थी. इस गैदरिंग में शाही परिवार के 9 सदस्यों को मौत के घाट उतार दिया गया. चलिए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है.

Nepal Gen Z Protest: भारत के पड़ोसी देश नेपाल में Gen Z के उग्र प्रदर्शन ने तख्तापलट कर दिया. हालांकि, इतिहास में कुछ घटनाएं ऐसी होती हैं जो पूरे देश को हिला देती हैं. अब नेपाल का शाही परिवार ही देख लीजिए, इस शाही परिवार को देवताओं का वंशज माना जाता था, लेकिन 1 जून 2001 की एक रात इस परिवार के साथ कुछ ऐसा हुआ जिससे पूरा नेपाल दहल उठा था. इस शाही परिवार के 9 सदस्यों की निर्मम हत्या कर दी गई. चलिए आपको बताते हैं पूरा मामला क्या है.
1 जून 2001 की शाम राजमहल में शाही परिवार की गैदरिंग थी. हर शुक्रवार को परिवार के लोग डिनर और बातचीत के लिए इकट्ठा होते थे. इस दिन भी महाराज बीरेन्द्र, महारानी ऐश्वर्या, युवराज दीपेन्द्र, राजकुमार निराजन, राजकुमारी श्रुति और राज परिवार के अन्य सदस्य मौजूद थे.
करीब रात 8 बजे, युवराज दीपेन्द्र शाह शराब और ड्रग्स के नशे में वहां पहुंचे. कहा जाता है कि वे अपने माता-पिता से विवाह को लेकर नाराज थे. दीपेन्द्र एक साधारण परिवार की लड़की, देवयानी राणा से शादी करना चाहते थे, लेकिन शाही परिवार इसके खिलाफ था. इस विवाद ने युवराज और परिवार के बीच तनाव पैदा कर दिया था.
नेपाल शाही परिवार हत्याकांड
उस रात क्या हुआ, कैसे हुआ, किसने किया और क्यों किया? ये चार सवाल आज भी सिर्फ थ्योरी हैं. सच क्या है, कोई नहीं जानता. लेकिन गवाहों की मानें तो, दीपेन्द्र ने पहले सबके साथ शराब पी और फिर अचानक कमरे से बाहर चले गए. थोड़ी देर बाद वे बंदूक लेकर लौटे. बिना कुछ कहे उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी. सबसे पहले राजा वीरेन्द्र को गोली लगी. उसके बाद उन्होंने महारानी ऐश्वर्या और भाई निराजन पर गोलियां दाग दीं. महल के अंदर अफरा-तफरी मच गई. जो जहां था, जान बचाने के लिए भागने लगा. कुछ ही मिनटों में महल गोलियों की आवाज और चीखों से गूंज उठी. कुल मिलाकर 9 शाही सदस्य वहीं ढेर हो गए.
नेपाल शाही परिवार हत्याकांड का असली गुनहगार कौन?
घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल यह था कि कातिल कौन है? शुरूआती रिपोर्ट में साफ लिखा गया कि गोली चलाने वाला कोई और नहीं बल्कि खुद युवराज दीपेन्द्र था. लेकिन गोलीबारी के बाद दीपेन्द्र ने खुद को भी गोली मार ली थी, लेकिन वे तीन दिन तक कोमा में जिंदा रहे. इसी दौरान उन्हें नेपाल का राजा घोषित कर दिया गया, लेकिन 4 जून को उनकी भी मौत हो गई. नेपाल सरकार ने जांच कर यह दावा किया कि पूरी वारदात के पीछे दीपेन्द्र ही जिम्मेदार थे. लेकिन यह हत्याकांड आज तक सवालों के घेरे में है.
3 दिन में बदले 3 राजा
इस हत्याकांड के बाद नरेश बीरेंद्र के छोटे भाई ज्ञानेंद्र की ताजपोशी हुई. इससे पहले बेहोशी की हालत में ही 2 जून को युवराज दीपेंद्र को ही नेपाल का नया राजा बनाया गया था. उस वक्त प्रसारित खबर में भी इसकी जानकारी दी गई थी कि राजा के निधन के बाद उनके बेटे को राजा बनाया गया, लेकिन वह अभी राज्य संचालन की स्थिति में नहीं हैं. आखिर 4 जून की सुबह उसे भी ब्रेन डेड घोषित कर दिया गया. वह सिर्फ 54 घंटे का राजा रहा. इसके बाद 4 जून को महाराजा वीरेंद्र के छोटे भाई ज्ञानेंद्र वीर विक्रम शाह को नेपाल का नया राजा नियुक्त किया गया. इस तरह 1 जून से लेकर 4 जून तक नेपाल में 3 राजा हुए. लेकिन राजशाही अधिक दिनों तक नहीं चली. 2008 में नेपाल में राजशाही समाप्त होने के बाद उनसे नरेश के सारे अधिकार छीन लिए गए थे.
2008 में माओवादी सरकार बनने के साथ ही इस बात की घोषणा हुई थी कि शाही हत्याकांड की फिर से और पूरी जांच होगी. लेकिन नेपाल की सरकारें ही अभी तक ठीक से जम नहीं पाई है जांच क्या ही होगी. राजशाही हत्य़ाकांड को अब 25 साल होने वाले है. नेपाल राजनीतिक संकट के दौर से गुजर रहा है.
यामिनी सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. फिलहाल न्यूज18 में ये क्राइम सेक्शन को देख रही हैं. इन्हें देश (Nation) और विदेश () मामलों में भी गहरी रुचि है. खबरों से जुड़ी और जानकारी के लिए ...और पढ़ें
यामिनी सिंह न्यूज18 हिंदी (NEWS18) में पत्रकार हैं. फिलहाल न्यूज18 में ये क्राइम सेक्शन को देख रही हैं. इन्हें देश (Nation) और विदेश () मामलों में भी गहरी रुचि है. खबरों से जुड़ी और जानकारी के लिए ...
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First Published :
September 10, 2025, 18:52 IST