115 km की रफ्तार से बह रहा था पानी; लबालब हो गया था खाली भूमध्य सागर, ये थी दुनिया की सबसे भयानक बाढ़

6 days ago

World Biggest Flood: अक्सर देखा जाता है कि बारिश के महीनों में नदी- नाले उफान पर आ जाते हैं. जिसकी वजह से लोगों को तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. दुनिया भर के कई हिस्सों में बाढ़ आती है जिससे लोगों का रहन- सहन प्रभावित होता है. एक रिपोर्ट से पता चला है कि पांच मिलियन वर्ष पहले एक विशाल बाढ़ आई थी.  इस बाढ़ में पानी 115 km की रफ्तार से बह रहा था. 

भर गया था पानी
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक बाढ़ में अटलांटिक महासागर से बहता हुआ पानी आया और जिब्राल्टर जलडमरूमध्य से होकर भूमध्य सागर में घुस गया.  इसने खाली भूमध्य सागर को भर दिया था. इस दौरान पानी का बहाव इतना ज्यादा तेज था कि देखने पर जैसे कार की रफ्तार हो, इस पानी ने गगनचुंबी इमारत के आकार के क्षेत्र को खोद डाला था. 

कितना गुना था पानी
द कन्वर्सेशन की रिपोर्ट के अनुसार, भूमध्य सागर दो वर्षों में अटलांटिक के पानी से भर गया था. शोधकर्ताओं का कहना है कि यह समय-सीमा कुछ महीने भी हो सकती है.अपने चरम पर बाढ़ ने आधुनिक समय की अमेज़ॅन नदी के पानी से लगभग 1,000 गुना पानी जोड़ा था. 

किया गया था अध्ययन
जिब्राल्टर चैनल के साथ स्थित एक पानी के नीचे की घाटी का अतीत में अध्ययन किया गया था, और 2009 के एक अध्ययन में कहा गया है कि इस बाढ़ ने इसे बनाया थ.  इस घटना को ज़ैनक्लीन मेगाफ्लड के रूप में जाना जाता है और माना जाता है कि यह पृथ्वी पर दर्ज की गई सबसे बड़ी इकलौती बाढ़ है. हालाकि, सभी शोधकर्ता इस पर सहमत नहीं हैं. 

हुआ था असामान्य
एक नए अध्ययन ने ज़ैनक्लीन युग की तलछटी चट्टान की जांच की और यह समझने की कोशिश की कि कैसे पानी आधुनिक सिसिली और मुख्य भूमि अफ्रीका के बीच की खाई से होकर भूमध्य सागर के पूर्वी आधे हिस्से को भरता है. बता दें कि 6 मिलियन साल पहले भूमध्य सागर सूखा था 19वीं सदी के उत्तरार्ध में, वैज्ञानिकों ने पाया कि लगभग 5 से 6 मिलियन साल पहले कुछ असामान्य हुआ था. सभी समुद्र सूख गए, और इस अवधि को "मेसिनियन" युग के रूप में जाना जाता है,

नमक की परत
भूमध्य सागर के नीचे की चट्टानों में खुदाई करने पर नमक की एक किलोमीटर मोटी परत का पता चला. इससे साबित हुआ कि 6 मिलियन साल पहले एक बड़ा पर्यावरणीय परिवर्तन हुआ था और टेक्टोनिक गतिविधि ने समुद्र को अटलांटिक महासागर से अलग कर दिया था. उन्होंने उथली, कम नमक वाली झीलों से जीवाश्म भी खोजे, जिससे पता चला कि पानी वाष्पित हो गया था, जिससे समुद्र अपने वर्तमान स्तर से एक किलोमीटर नीचे गिर गया.

ये बनी वजह
इस घटना में केवल लगभग 11 प्रतिशत भूमध्यसागरीय समुद्री प्रजातियां ही बचीं. अचानक और प्रलयकारी बाढ़ ने खाई बनाई. वर्ष 2009 में, वैज्ञानिकों को पता चला कि अटलांटिक महासागर और भूमध्य सागर के बीच पानी के नीचे की खाई संभवतः अचानक और प्रलयकारी बाढ़ के कारण बनी थी. 

नए अध्ययन के सह-लेखक जियोवानी बैरेका कहते हैं कि टीम ने सिसिली सिल के पास की निचली पहाड़ियों का अध्ययन किया, जो असामान्य दिखाई दीं, वे अमेरिका के वाशिंगटन राज्य की पहाड़ियों के समान अधिक संरेखित और सुव्यवस्थित थीं. उत्तरार्द्ध पिछले हिमयुग के अंत में एक मेगाफ्लड द्वारा निर्मित हुए थे, और समानता ने उन्हें आगे अनुसंधान करने के लिए प्रेरित किया.

उन्होंने मान लिया कि अवसादों के आधार से कटा हुआ चट्टान का मलबा पहाड़ियों के शीर्ष के पास होना चाहिए. यह धारणा सही साबित हुई, और उन्होंने एक बोल्डर के आकार तक के चट्टान के मलबे की खोज की.टीम ने एक मॉडल बनाया, जिसने दिखाया कि 40 मीटर या उससे अधिक गहरे पानी ने, 115 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से बहते हुए, पहाड़ियों को काट दिया.

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