Last Updated:May 14, 2025, 15:39 IST
Miyazaki Mango India: तेलंगाना के संगारेड्डी स्थित कोंडा लक्ष्मण बापूजी अनुसंधान केंद्र में 477 किस्मों पर शोध हो रहा है. जापान के मियाज़ाकी आम और तेलंगाना का हिमायत आम इस बार प्रदर्शनी के आकर्षण बने.

मियाजाकी आम
गर्मियों की दस्तक के साथ ही बाजारों में आम की मिठास बिखरने लगती है. आम खाने के शौकीन लोग हर साल इस मौसम का इंतजार करते हैं ताकि वे अलग-अलग किस्मों के आमों का स्वाद ले सकें. इसी बीच, तेलंगाना के संगारेड्डी में स्थित कोंडा लक्ष्मण बापूजी फल अनुसंधान केंद्र अब देश में आम की खेती और शोध का एक बड़ा नाम बन चुका है. इस केंद्र में अब तक 477 किस्मों के आमों पर गहरा रिसर्च किया जा चुका है.
100 साल से ज्यादा पुराना है यह अनुसंधान केंद्र
यह संस्थान साल 1918 में शुरू हुआ था और पिछले 50 सालों से यह नर्सरियों के ज़रिए किसानों को अच्छी क्वालिटी के पौधे भी दे रहा है. कुल 50 हेक्टेयर में फैले इस रिसर्च सेंटर में से 42.2 हेक्टेयर ज़मीन पर आमों के बाग हैं. यहां हिमायत, दसेरी, बंगिनापल्ली और केसरी जैसी ऊंची क्वालिटी और महंगी किस्मों पर खास फोकस किया जाता है.
240 किस्मों के आमों की हुई शानदार प्रदर्शनी
हर साल यहां आमों की प्रदर्शनी होती है, लेकिन इस बार यह कार्यक्रम दो दिन (3 और 4 मई) चला. प्रदर्शनी में कुल 240 अलग-अलग किस्मों के आमों को दिखाया गया. इनमें से कई किस्में जूस, गूदा और चटनी बनाने के लिए बेहतरीन मानी जाती हैं. इस प्रदर्शनी में देश भर से किसान, वैज्ञानिक और फल व्यापारी बड़ी संख्या में शामिल हुए.
जापानी आम मियाज़ाकी बना शो का सुपरस्टार
इस बार की प्रदर्शनी में सबसे ज्यादा ध्यान खींचा जापान के मशहूर मियाज़ाकी आम ने. इसका रंग बाहर से बैंगनी और अंदर से नारंगी होता है. यह आम पॉली हाउस में उगाया जाता है और इसे आंखों की सेहत के लिए बेहतरीन बताया गया है, क्योंकि इसमें बीटा-कैरोटीन भरपूर मात्रा में होता है. जापान में इसकी कीमत करीब 2 लाख रुपये प्रति किलो तक जाती है.
भारत के तीन बड़े आम केंद्र, संगारेड्डी का नाम टॉप-3 में
वैज्ञानिक डॉ. सुचित्रा ने जानकारी दी कि भारत में लखनऊ के सीएचआर में सबसे ज्यादा 700 किस्में हैं, बेंगलुरु के एएचआर में 600 किस्में और संगारेड्डी में 477 किस्में. उन्होंने बताया कि इस केंद्र का उद्देश्य सिर्फ शोध नहीं, बल्कि किसानों को नई तकनीकों की जानकारी देना भी है.
हिमायत तेलंगाना का ऑफिशियल फल, अल्फांसो बना ‘राजा’ और केसरी ‘रानी’
तेलंगाना सरकार ने यहां की खास हिमायत आम को राज्य का प्रमुख फल घोषित किया है. वहीं अल्फांसो को ‘आमों का राजा’ और केसरी को ‘आमों की रानी’ कहा जाता है. वैज्ञानिकों ने किसानों को बैगिंग तकनीक अपनाने की सलाह दी है ताकि आमों की त्वचा पर दाग-धब्बे न पड़ें और उनकी गुणवत्ता बनी रहे.
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