कोटा. इंसान अगर ठान ले कि वह अन्याय के आगे घुटने नहीं टेकेगा तो उसे न्याय मिलता ही मिलता है. यह दीगर बात है कि न्याय में देरी हो सकती है. ऐसा ही एक मामला कोटा जिले में सामने आया है. यहां एक शख्स ने टोल प्लाजा की ओर से नियम विरुद्ध उससे लिए गए 135 रुपये के रिफंड के लिए चार साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी. आखिरकार उसे इसमें सफलता मिल गई. उपभोक्ता कोर्ट ने टोल प्लाजा कंपनी को परिवादी को हर्जे खर्चें समेत जुर्माना अदा करने के आदेश दिए हैं.
जानकारी के अनुसार परिवादी डडवाड़ा निवासी प्रशांत शर्मा ने इस मामले में जिला उपभोक्ता कोर्ट में परिवाद पेश किया था. परिवादी ने बताया की 28 जून 2020 को वह अपने परिवार के साथ जयपुर से कोटा लौट रहा था. रास्ते में किशोरपुरा टोल प्लाजा पर फास्टैग में बैलेंस होने के बाद भी मजबूरी में 135 रुपये की मैनुअल रसीद कटवानी पड़ी.
परिवादी ने पहले वकील के जरिए टोल कंपनी को नोटिस भेजा था
परिवादी के मुताबिक टोल कर्मचारियों की वजह से उसे दो बार टोल का भुगतान करना पड़ा. उसने इस मामले में टोल कंपनी से 135 रुपये रिफंड करने को कहा. इसके लिए वकील के जरिये टोल कंपनी को नोटिस भी दिलवाया गया. लेकिन कंपनी की ओर से हठधर्मिता दिखाते हुए 135 रुपये रिफंड नहीं किए गए. उसके बाद उसने जिला उपभोक्ता कोर्ट में परिवाद पेश किया.
टोल राशि के अलावा 70 हजार रुपये देने के दिए आदेश
जिला उपभोक्ता कोर्ट ने पूरे मामले की सुनवाई करने के बाद फैसला प्रशांत शर्मा के पक्ष में सुनाया. फोरम ने फैसला सुनाते हुए टोल कंपनी को आदेश दिया कि वह परिवादी को 135 रुपये ब्याज सहित अदा करे. इसके साथ उपभोक्ता कोर्ट ने परिवादी को राहत देते हुए टोल कंपनी को आदेश दिया कि वह उसे 20000 रुपये का जुर्माना और 50000 परिवाद खर्च भी दे.
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FIRST PUBLISHED :
January 9, 2025, 16:12 IST