Last Updated:September 01, 2025, 10:39 IST
मणिमहेश यात्रा में भारी बारिश और भूस्खलन से 16 श्रद्धालुओं की मौत, हजारों फंसे. NDRF, SDRF ने राहत दी. उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने 100 करोड़ नुकसान की पुष्टि की.

चंबा. हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले में बारिश ने ऐसा कहर ढाया कि 30 साल पहले 1995 की याद आ गई. प्रसिद्ध मणिमहेश यात्रा में हुई त्रासदी तो सालों साल याद रहेगी. पहली बार मणिमहेश यात्रा के समापन पर राधाअष्टमी के दिन डल तोड़ने की परंपरा नहीं हो सकी और फिर चंबा के चौगान मैदान में ही इस रस्म को निभाया गया.
दरअसल, राधा अष्टमी पर मणिमहेश डल झील में पारंपरिक शाही स्नान संभव नहीं हो पाया और भारी बारिश और लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण यह परंपरा 84 मंदिर परिसर में पूरी की गई. प्रशासन ने शाही स्नान के लिए सचुईं से चेलों को गौरीकुंड तक हेलीकॉप्टर से ले जाने की योजना बनाई थी, लेकिन खराब मौसम ने यह प्रयास विफल कर दिया. स्थिति की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन को यात्रा समय से पहले रोकनी पड़ी थी.
जानकारी के अनुसार, इस बार 25 अगस्त के दिन हुई बारिश बारिश के चलते 15 से 20 हजार श्रद्धालु, भरमौर और मणिमहेश में फंस गए थे. NDRF और SDRF की टीमों ने मणिमहेश ट्रेक से करीब 4 हजार श्रद्धालुओं को निकाला. वहीं, भरमौर से 10 हजार से अधिक श्रद्धालु पैदल चलकर चंबा पहुंचे. लगभग 10,000 से अधिक श्रद्धालुओं ने पैदल चलकर कलसूई तक की कठिन यात्रा पूरी की और जहां से उन्हें चंबा, पठानकोट और जम्मू भेजने की व्यवस्था की गई.
फिलहाल, ताजा जानकारी के अनुसार, अब भी करीब 4,000 श्रद्धालु भरमौर में रुके हुए हैं, जो धीरे-धीरे चंबा की ओर रवाना हो रहे हैं. 31 अगस्त की शाम तक लगभग 50 श्रद्धालु गौरीकुंड से हरसल ट्रैक पर फंसे हुए थे. राहत और बचाव टीमों के साथ पुलिस, मेडिकल स्टाफ व लंगर समितियों के सदस्य उनकी सहायता में जुटे हैं. उम्मीद है कि ये सभी 1 सितम्बर की शाम तक भरमौर पहुंच जाएंगे.
15 दिन में 16 लोगों की मौत
इस बार की मणिमहेश यात्रा में अब तक 16 श्रद्धालुओं के निधन की पुष्टि हुई है. इनमें से 7 की मृत्यु मणिमहेश कैलाश परिक्रमा के दौरान हुई, जबकि अन्य 9 लोगों की मौत अलग-अलग स्थानों पर हुई. कुछ श्रद्धालुओं ने हरसल से डल झील के बीच और अधिक मौतों की आशंका जताई थी. इस पर डीसी मुकेश रेपस्वाल और एसपी चंबा ने स्वयं पैदल ट्रैक का निरीक्षण कर स्थिति की समीक्षा की.
डीसी मुकेश रेपस्वाल ने आम जनता और श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और केवल सरकारी आंकड़ों और सूचना पर ही विश्वास करें. उन्होंने कहा, “हमारी टीमें हर प्रभावित क्षेत्र में सक्रिय हैं. श्रद्धालुओं की सुरक्षा और सहायता हमारी पहली प्राथमिकता है. कृपया भ्रामक खबरों से दूर रहें.” हालांकि इस वर्ष की मणिमहेश यात्रा विपरीत परिस्थितियों से भरी रही, लेकिन प्रशासन, राहत कर्मियों और स्थानीय निवासियों की सतर्कता से हज़ारों श्रद्धालु सकुशल लौट सके. परंपराएं पूरी भले न हो पाईं, पर सेवा और सहयोग की भावना ने इस यात्रा को एक नई पहचान दी. उधर, भरमौर से चंबा के लिए नेशनल हाईवे टूटा है. हालांकि, कलसूई तक इसे खोला गया है. भरमौर में एयरटेल का नेटवर्क आ गया है.
चंबा में 394 पेयजल योजनाएं बहाल, 100 करोड़ का नुकसान
उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रदेश में भारी बारिश के कारण प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की है और कहा कि विभागीय अधिकारियों को राहत एवं बहाली कार्य युद्ध स्तर पर करने के निर्देश दिए हैं. जल शक्ति विभाग को इस आपदा में लगभग 100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। ज़िले की कुल 487 जल आपूर्ति योजनाएं प्रभावित हुई हैं, जिनमें से 394 योजनाओं को आंशिक रूप से बहाल कर दिया गया है। शेष योजनाओं को शीघ्र बहाल करने के लिए तत्परता से कार्य किया जा रहा है. विशेषकर चंबा और भरमौर क्षेत्र में स्थानीय स्रोतों से अस्थायी जल आपूर्ति व्यवस्था की जा रही है.
मणिमहेश में 25 अगस्त को फ्लैश फ्लड आया था. (फोटो-जितेंद्र सरोच)
विभागीय अनुमान के अनुसार इन योजनाओं को पूरी तरह बहाल करने में चार से पांच दिन और लग सकते हैं. उप-मुख्यमंत्री ने राहत एवं बहाली कार्यों में जुटे कर्मचारियों के साहस और समर्पण की सराहना की है। उन्होंने कहा कि मणिमहेश यात्रा के दौरान ड्यूटी पर तैनात किए गए सभी 41 कर्मचारी सुरक्षित हैं.
Results-driven journalist with 13 years of experience in print and digital media. Proven track record of working with esteemed organizations such as Dainik Bhaskar, IANS, Punjab Kesari and Amar Ujala. Currently...और पढ़ें
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Location :
Chamba,Chamba,Himachal Pradesh
First Published :
September 01, 2025, 10:37 IST