26,000 सेना के जवानों ने अंग दान का लिया संकल्प, बना नया रिकॉर्ड

11 hours ago

Last Updated:August 03, 2025, 14:39 IST

ORGAN DONATION: लोगों की जान बचाने के लिए सेना अपनी पूरी ताकत झोंक देती है. बड़े एयरक्राफ्ट से लेकर पूरा एयर कॉरिडोर बनाकर तैयार कर देती है. क्योकिं उन्हें पता है कि हर जान कीमती है. अब जब एक साथ इतने सेना के ज...और पढ़ें

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हाइलाइट्स

26,000 सैनिकों ने अंगदान का संकल्प लिया, बना नया रिकॉर्ड.NOTTO ने सेना को अंगदान रिकॉर्ड के लिए सम्मानित किया.भारत अंग प्रत्यारोपण में तीसरे स्थान पर है.

ORGAN DONATION: 8 फरवरी 2025 को हवलदार नरेश कुमार के बेटे अर्शदीप सिंह की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई थी. 18 साल के बेटे की मौत किसी भी पिता के लिए बहुत बड़ा दुख होता है. लेकिन इस दुख के बावजूद नरेश कुमार ने ऐसा फैसला लिया जिसने 6 लोगों की जिंदगी बदल दी. हवलदार नरेश कुमार ने अपने बेटे के अंगों को दान करने का निर्णय लिया. 16 फरवरी 2025 को उन्होंने अर्शदीप के लीवर, किडनी, पैंक्रियास और कॉर्निया दान करने की सहमति दी. ऐसी हजारों कहानियां हैं जहां सेना ने आम लोगों की जान बचाने के लिए अंग दान का फैसला किया है. अब 26,000 सैनिकों ने एक साथ मिलकर ऐसा प्रण लिया जो न केवल एक मिसाल बना बल्कि एक रिकॉर्ड भी बन गया. स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत NOTTO यानी नेशनल ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गेनाइजेशन ने 15वें वार्षिक अंगदान दिवस समारोह के मौके पर सेना को इस रिकॉर्ड के लिए सम्मानित किया. इस मौके पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा भी मौजूद थे.

ऑर्गन डोनेशन में भारत तीसरे नंबर पर
अंगदान को भारत में महादान के रूप में देखा जाता है. लेकिन अब भी भारत इसमें तीसरे स्थान पर है. स्वेच्छा से अंग दान भारत में ज्यादातर परिवार के लोग ही करते हैं. अंगदान की दिशा में भारत द्वारा की गई प्रगति पर रौशनी डालते हुए, जे पी नड्डा ने कहा कि “2023 में आधार आधारित NOTTO ऑनलाइन प्रतिज्ञा वेबसाइट के शुरू होने के बाद से, 3.30 लाख से ज्यादा लोगों ने अपने अंगदान का संकल्प लिया है, जो जनभागीदारी का एक ऐतिहासिक क्षण है. प्रतिज्ञा पंजीकरण में यह बढ़ोतरी इस साझा लक्ष्य के प्रति नागरिकों में बढ़ती जागरूकता और समर्पण को दर्शाती है.” उन्होंने आगे कहा कि “हमारे प्रत्यारोपण पेशेवरों के अटूट समर्पण के कारण, भारत ने 2024 में 18,900 से अधिक अंग प्रत्यारोपण करने का एक उल्लेखनीय मील का पत्थर हासिल किया है, जो किसी एक वर्ष में दर्ज किया गया अब तक का सबसे अधिक रिकॉर्ड है. यह 2013 में 5,000 से भी कम प्रत्यारोपणों की तुलना में एक महत्वपूर्ण छलांग है. अंग प्रत्यारोपण की कुल संख्या के मामले में भारत विश्व स्तर पर तीसरे स्थान पर है, जो केवल संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन से पीछे है.

सरकार उठा रही है गरीब मरीजों का खर्च
सरकार की तरफ से देश के लोगों को अंग दान करने के लिए जागरूक भी किया जा रहा है. रिपोर्ट के मुताबिक अंगों के इंतजार की लिस्ट भी काफी लंबी है. हर दिन तकरीबन 20 लोग अंग के इंतजार में मौत हो जाती हैं. अंग प्रत्यारोपण को और ज्यादा आसान बनाने के लिए, राष्ट्रीय आरोग्य निधि के अंतर्गत गरीब मरीजों को किडनी, लिवर, हृदय और फेफड़ों के प्रत्यारोपण के लिए 15 लाख रुपये तक की वित्तीय सहायता दी जाती है. गरीब मरीजों को प्रत्यारोपण के बाद इलाज के खर्च के तौर पर हर महीने 10,000 रुपये तक की सहायता दी जाती है. किडनी प्रत्यारोपण पैकेज को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (AB PM-JAY) में भी शामिल किया गया है.

First Published :

August 03, 2025, 14:39 IST

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