40 Fighter Jets, 100 Bombs: इजरायली वायु सेना (IAF) ने बीते सात दिनों में ईरान को अभूतपूर्व नुकसान पहुंचाया है. खासकर बुधवार की रात उसने ईरानी क्षेत्र में कई हवाई हमले किए, जिसमें ईरान की न्यूक्लियर साइट, मिसाइल प्रोडक्शन प्लांट और ईरानी एयर डिफेंस सिस्टम को निशाना बनाया गया. इजरायल रक्षा बलों (IDF) के मुताबिक, उसने महज 40 लड़ाकू विमानों के साथ किए ऑपरेशन में ईरान को कभी न भूलने वाला दर्द दिया है.
40 जेट और 100 बम, कैसे ईरान हो गया बेदम!
अपने 40 जंगी विमानों से इजरायली पायलटों ने दर्जनों उड़ाने भरीं इस दौरान उन्होंने ईरानी मिलिट्री ठिकानों पर 100 से अधिक सटीक गाइडेड गोला-बारूद गिराए, जिनमें अराक भारी पानी रिएक्टर और नतांज़ के पास परमाणु हथियार विकास से जुड़ी एक साइट शामिल रही. इसके साथ ही तेहरान, इस्फ़हान, शिराज और करमानशाह पर भी भयानक हमला हुआ. अराक साइट पर भी कहर टूटा. इजरायल ने अराक शहर के पास ईरान के IR-40 भारी पानी रिएक्टर पर हमला किया. खोंडब में तेहरान से लगभग 280 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में स्थित यह साइट लंबे समय से अपनी प्लूटोनियम उत्पादन क्षमता के कारण अंतरराष्ट्रीय जांच का केंद्र रही है.
ईरान ने झूठ बोला
गुरुवार सुबह जारी बयान में IDF ने कहा, 'अराक में यह परमाणु रिएक्टर न्यूक्लियर बम बनाने के मकसद से बनाया गया था. इसे हमने निष्प्रभावी कर दिया है. हालांकि अराक रिएक्टर चालू नहीं है, लेकिन इसका निर्माण पहली बार 1997 में शुरू हुआ था, आंशिक रूप से पूरा हो गया था. साल 2015 की संयुक्त व्यापक कार्य योजना (JCPOA) के तहत, ईरान ने इस साइट को नए सिरे से डिज़ाइन करने की बात कही थी ताकि वह यहां से हथियार-ग्रेड प्लूटोनियम का उत्पादन न कर सके. वहीं इज़राइल का दावा है कि ईरान ने सहमत संशोधनों को पूरी तरह से लागू नहीं किया.
आईएईए का बयान
ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर नज़र रखने वाली अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) ने पुष्टि की है कि उसकी न्यूक्लियर साइट्स पर हमला हुआ है. एजेंसी ने ये भी कहा, 'खोंडब रिएक्टर, जैसा कि इसे औपचारिक रूप से जाना जाता है, निर्माणाधीन था और अभी तक चालू नहीं हुआ है. उस पर भी हमला हुआ. IAEA को जानकारी है कि निर्माणाधीन खोंडब (पूर्व अराक) भारी जल अनुसंधान रिएक्टर पर हमला हुआ है. यह प्लांट चालू नहीं था और इसमें कोई परमाणु सामग्री नहीं थी, इसलिए कोई रेडियोलॉजिकल प्रभाव नहीं हुआ.
IAEA ने एक बयान में कहा कि वर्तमान में, IAEA के पास कोई जानकारी नहीं है जो यह संकेत दे कि खोंडब भारी जल संयंत्र पर हमला हुआ था. ईरान के सरकारी टीवी चैनल ने हमले को कम करके आंका और कहा, 'किसी भी तरह का कोई विकिरण खतरा नहीं था.'
नतांज़ पर समानांतर हमला
इसी समय, इज़राइली विमानों ने नतांज़ के पास एक अलग हमला किया, जो यूरेनियम संवर्धन से जुड़ा एक शहर है. IDF के मुताबिक वहां परमाणु हथियारों के विकास के लिए उपयोग किए जाने वाले उपकरण रखे गए थे जहां ऐसी परियोजनाएं चल रही थीं जो ईरान के परमाणु हथियार कार्यक्रम को गति प्रदान करती थीं. यह पहली बार नहीं है जब इज़राइल ने नतांज़ या उसके आस-पास हमला किया हो, अपने कई हमलों में उसने संवर्धन हॉल और सेंट्रीफ्यूज असेंबली प्लांट को निशाना बनाया है. अप्रैल 2021 में, एक संदिग्ध इज़राइली साइबर हमले ने ईरान के संवर्धन बुनियादी ढांचे के बड़े हिस्से को निष्क्रिय कर दिया था.
ऑपरेशन राइजिंग लायन
इजरायल ने अपने मिलिट्री एक्शन को ऑपरेशन राइजिंग लायन नाम दिया है. वरिष्ठ इजरायली सैन्य ब्रिगेडियर जनरल और आईडीएफ के चीफ स्पोक्सपर्सन यानी प्रवक्ता एफी डेफ्रिन ने गुरुवार को कहा कि ऑपरेशन राइजिंग लॉयन का मकसद इजरायल के अस्तित्व के लिए पैदा हुए हर खतरे को खत्म करना है. इस कड़ी में हमने ईरान के परमाणु कार्यक्रम को बहुत नुकसान पहुंचाया और उसकी मिसाइल प्रोग्राम को भी टारगेट किया. हम उन्हें खत्म करके ही दम लेंगे. हमने अपने अतिरिक्त टारगेट्स की पहचान कर चुके हैं और ऑपरेशन जब तक जरूरी होगा वह जारी रहेगा.
ईरान को बड़ा सदमा
IDF ने बताया इजरायल ने ईरान की जो अहम साइट्स रातों-रात बर्बाद कर दीं उसमें एंटी-टैंक मिसाइलों का निर्माण करने वाला एक संयंत्र भी शामिल था, जिससे लेबनान के हिजबुल्लाह को मदद भेजी गई थी. हमलों पर ईरान की आधिकारिक प्रतिक्रिया सीमित रही है. मारे गए लोगों का अधिकारिक आंकड़ा भी जारी नहीं हुआ. ईरानी मीडिया ने कहा हमारे प्रमुख बुनियादी ढांचे को बहुत अधिक नुकसान नहीं पहुंचा.