5 राज्य जहां MLA, मंत्रियों और CMs पर होती पैसों की बारिश, करोड़पति बनने...

6 days ago

Last Updated:March 21, 2025, 09:58 IST

कर्नाटक में कांग्रेस सरकार ने विधायकों, मंत्रियों और मुख्यमंत्री की सैलरी में 50% बढ़ोतरी की है. मुख्यमंत्री की सैलरी 75,000 से 1.5 लाख रुपये होगी. तेलंगाना में सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है.

5 राज्य जहां MLA, मंत्रियों और CMs पर होती पैसों की बारिश, करोड़पति बनने...

देश में तेलंगाना के विधायकों को सबसे अधिक सैलरी मिलती है.

हाइलाइट्स

कर्नाटक में विधायकों की सैलरी 50% बढ़ी.तेलंगाना में सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है.दिल्ली के विधायकों की सैलरी 66% बढ़ी.

कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी की सरकार ने राज्य के विधायकों, मंत्रियों और मुख्यमंत्री की सैलरी और अन्य भत्तों में भारी बढ़ोतरी करने का फैसला किया है. इन सभी की सैलरी में करीब 50 फीसदी की बढ़ोतरी होने वाली है. मुख्यमंत्री की सैलरी 75,000 से बढ़कर 1.5 लाख रुपये करने का प्रस्ताव है. वहीं मंत्रियों की सैलरी 60,000 से बढ़कर 1.25 लाख रुपये कर दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि विधायकों की सैलरी ₹40,000 से बढ़ाकर 80,000 रुपये करने का प्रस्ताव है.

ऐसे में सवाल यह है कि देश के किस राज्य में जनप्रतिनिधियों को सबसे अधिक सैलरी मिलती है. इस सूची में तेलंगाना, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक शामिल हैं.

सबसे ज्यादा सैलरी वाला राज्य
तेलंगाना भारत में ऐसा राज्य है जहां नेताओं को सबसे ज्यादा सैलरी मिलती है. यहां के मुख्यमंत्री की मासिक सैलरी करीब 4.10 लाख रुपये है. इसमें उनका मूल वेतन और कई तरह के भत्ते शामिल हैं, जैसे घर, गाड़ी, यात्रा और सुरक्षा के लिए पैसा. तेलंगाना के मंत्रियों को हर महीने 3 से 3.5 लाख रुपये मिलते हैं. वहीं, विधायकों की सैलरी लगभग 2.5 लाख रुपये प्रति माह है. इसमें मूल वेतन 20,000 रुपये है, लेकिन क्षेत्र भत्ता (2.3 लाख रुपये सालाना), मेडिकल और यात्रा भत्ते इसे बढ़ा देते हैं. तेलंगाना के विधायकों को अपने क्षेत्र के विकास के लिए हर साल 3 करोड़ रुपये का फंड भी मिलता है.

छोटा राज्य, बड़ी सैलरी
दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है, लेकिन यहां के नेताओं की सैलरी भी कम नहीं है. दिल्ली के मुख्यमंत्री की सैलरी 3.90 लाख है, जो तेलंगाना के बाद दूसरी सबसे ज्यादा है. मंत्रियों को 3 लाख रुपये के आसपास और विधायकों को 90,000 रुपये महीने मिलते हैं. 2023 में दिल्ली के विधायकों की सैलरी में 66% की बढ़ोतरी हुई थी, जब उनकी सैलरी 54,000 रुपये से बढ़कर 90,000 रुपये हुई. इसके साथ ही, उन्हें रोज़ाना 1,500 रुपये का भत्ता और मुफ्त घर जैसी सुविधाएं मिलती हैं. दिल्ली में विधायक अपने क्षेत्र के लिए सालाना 4 करोड़ रुपये का फंड भी इस्तेमाल कर सकते हैं.

राज्यमुख्यमंत्रीमंत्रीविधायक
तेलंगाना4.10 लाख रुपये3 से 3.5 लाख रुपये2.5 लाख रुपये
दिल्ली3.90 लाख रुपये3 लाख रुपये90,000 रुपये
उत्तर प्रदेश3.65 लाख रुपये2 से 2.5 लाख1.87 लाख रुपये
महाराष्ट्र3.40 लाख रुपये2.5 से 3 लाख रुपये1.60 लाख रुपये
कर्नाटक3 लाख रुपये करीब2 से 2.5 लाख रुपये1.60 लाख रुपये

सबसे बड़ा राज्य, अच्छी सैलरी
आबादी के हिसाब से उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है, जहां 403 विधायक हैं. यहां के मुख्यमंत्री की सैलरी 3.65 लाख रुपये प्रति माह है, जो देश में तीसरे नंबर पर आती है. मंत्रियों को 2 से 2.5 लाख रुपये और विधायकों को औसतन 1.87 लाख रुपये महीने मिलते हैं. इसमें मूल वेतन 25,000 रुपये, क्षेत्र भत्ता 50,000 रुपये, चिकित्सा भत्ता 30,000 रुपये और अन्य भत्ते शामिल हैं. विधानसभा सत्र के दौरान हर बैठक के लिए 2,000 रुपये अलग से मिलते हैं. उत्तर प्रदेश के विधायकों को 5 साल में 7.5 करोड़ रुपये का विकास फंड भी दिया जाता है. 2020 में कोविड के दौरान यहां सैलरी में 30% कटौती हुई थी, जो अब वापस सामान्य हो चुकी है.

आर्थिक ताकत, मध्यम सैलरी
महाराष्ट्र भारत का आर्थिक रूप से मजबूत राज्य है. यहां के मुख्यमंत्री की सैलरी 3.40 लाख रुपये महीने है. मंत्रियों को 2.5 से 3 लाख रुपये और विधायकों को औसतन 1.60 लाख रुपये मिलते हैं. इसमें मूल वेतन, क्षेत्र भत्ता (50,000 रुपये), यात्रा और चिकित्सा भत्ते शामिल हैं. महाराष्ट्र के विधायकों को अपने क्षेत्र के लिए हर साल 2 करोड़ रुपये का फंड मिलता है. इसके अलावा, उन्हें मुफ्त आवास, गाड़ी और पेंशन जैसी सुविधाएं भी दी जाती हैं. पेंशन की शुरुआत 30,000 रुपये से होती है, जो कार्यकाल के हिसाब से बढ़ती है.

बढ़ती सैलरी वाला राज्य
कर्नाटक में 2022 में विधायकों और मंत्रियों की सैलरी में बड़ी बढ़ोतरी हुई थी. यहां के मुख्यमंत्री की सैलरी 75,000 रुपये मूल वेतन से बढ़कर अब कुल मिलाकर 3 लाख रुपये के आसपास है. मंत्रियों को 60,000 रुपये मूल वेतन के साथ भत्ते मिलते हैं, जो कुल 2 से 2.5 लाख रुपये हो जाता है. विधायकों की सैलरी 40,000 रुपये मूल वेतन से बढ़कर 1.5 लाख रुपये महीने तक पहुंचती है. इसमें क्षेत्र भत्ता (25,000 रुपये), यात्रा भत्ता (35 रुपये प्रति किमी) और सत्र के लिए 2,500 रुपये रोज़ाना शामिल हैं. कर्नाटक में विधायकों को सालाना 2 करोड़ रुपये का विकास फंड भी मिलता है.

First Published :

March 21, 2025, 09:58 IST

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