World News In Hindi : फ्रांस के पूर्व राष्ट्रपति निकोलस सरकोजी को बीते महीनों पेरिस की ला सांते जेल में 5 साल की सजा सुनाई गई थी. वहीं अब पेरिस की एक अदालत सोमवार 10 नवंबर 2025 को यह फैसला ले रही है कि सरकोजी को जेल से रिहा किया जाए या नहीं. सरकोजी पर लीबिया से प्राप्त धन से 2007 के अपने चुनाव अभियान को फंड करने और क्रिमिनल कॉनसपिरेसी के लिए 5 साल की सजा सुनाई गई थी.
जेल में बंद सरकोजी
बता दें कि सरकोजी को 5 साल की सजा काटने के 3 हफ्ते से भी कम समय बाद जेल से रिहा किया गया है. फ्रांस के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी पूर्व राष्ट्रपति को जेल में बंद किया गया है. उनकी 5 साल की सजा में 2 साल की कठोर कैद भी शामिल है. 70 वर्षीय सरकोजी आधुनिक समय में फ्रांस के पहले पूर्व राष्ट्राध्यक्ष हैं जिन्हें 25 सितंबर को दोषी ठहराए जाने के बाद जेल भेजा गया.
रिहा होंगे सरकोजी?
सरकोजी को 21 अक्टूबर 2025 को अपील लंबित रहने तक जेल में रखा गया था, लेकिन उन्होंने तुरंत ही शीघ्र रिहाई के लिए आवेदन कर दिया. फ्रांसीसी कानून के तहत अपील पर फैसला होने से पहले हिरासत में रखना असाधारण माना जाता है. जज इस बात पर विचार करेंगे कि क्या सरकोजी के भागने का खतरा है या फिर वे गवाहों पर दबाव डाल सकते हैं. उन पर न्याय में बाधा डालने की भी आशंका जताई जा रही है. अगर अनुरोध स्वीकार कर लिया जाता है, तो सरकोजी न्यायिक निगरानी में कुछ ही घंटों में पेरिस की ला सांते जेल से बाहर आ सकते हैं.
सरकोजी पर लगे आरोप
बता दें कि निकोलस सरकोजी 2007-2012 तक पब्लिक सर्विस में रहे हैं. उन्होंने कुछ भी गलत काम करने से साफ किया है और कहा है कि वह पूर्व लीबियाई नेता मुअम्मर गद्दाफी से जुड़ी एक साजिश का शिकार हैं. सरकोजी को अलग-अलग प्रोसीडिंग्स का भी सामना करना पड़ रहा है, जिसमें साल 2012 के उनके असफल री इलेक्शन मिशन के इलीगल फंडिंग पर फ्रांस की सुप्रीम कोर्ट की ओर से 26 नवंबर 2025 को फैसला दिया गया था. इसमें लीबिया मामले में कथित गवाहों से छेड़छाड़ को लेकर चल रही जांच भी शामिल है.

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