Last Updated:June 07, 2025, 22:21 IST
Bangladesh News Today: दिल्ली पुलिस ने नकली करंसी रैकेट के अहम सदस्य नौशाद आलम को गिरफ्तार किया है, जिसके पास से ₹4 लाख के नकली नोट बरामद हुए हैं. यह रैकेट बांग्लादेश बॉर्डर से नकली नोट लाकर भारत में फैला रहा थ...और पढ़ें

दिल्ली पुलिस ने सख्त एक्शन लिया. (News18)
हाइलाइट्स
दिल्ली पुलिस ने नौशाद आलम को गिरफ्तार किया.नौशाद के पास से ₹4 लाख के नकली नोट बरामद हुए.नकली नोट बांग्लादेश बॉर्डर से लाए जा रहे थे.Bangladesh News Today: दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने एक बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए अंतरराज्यीय नकली करंसी रैकेट के एक अहम सदस्य को गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार आरोपी की पहचान नौशाद आलम , निवासी बेतिया, बिहार के रूप में हुई है. उसके पास से ₹4 लाख के उच्च गुणवत्ता वाले नकली नोट बरामद हुए हैं, जो सभी ₹500 के नोट हैं. पुलिस ने उसके पास से मोबाइल फोन और फर्जीवाड़े में इस्तेमाल किए गए सिम कार्ड्स भी जब्त किए हैं. पुलिस टीम पिछले 4 महीनों से नकली करंसी सिंडिकेट पर काम कर रही थी. उन्हें इनपुट मिले थे कि कुछ लोग दिल्ली-एनसीआर समेत कई राज्यों में नकली नोटों का जाल फैला रहे हैं. जांच में यह भी पता चला कि यह नकली करंसी बांग्लादेश बॉर्डर से भारत में लाई जा रही है.
हर नोट पर 100 रुपये कमाता था नौशाद
टीम ने लंबे समय तक संदिग्ध लोगों पर नजर रखी और आखिरकार 8 मई 2025 को सूचना मिली कि आरोपी नौशाद दिल्ली के विजय घाट बस स्टैंड पर नकली नोटों की बड़ी खेप पहुंचाने वाला है. तुरंत जाल बिछाया गया और नौशाद को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया. पूछताछ में नौशाद ने कबूला कि वह बिहार के एक गैंग के लिए काम करता है और नकली नोट पश्चिम बंगाल के मालदा से लाकर दिल्ली और बिहार में सप्लाई करता था. उसे ₹500 के नकली नोट ₹200 में मिलते थे, और वह इन्हें दूसरों को ₹300 में बेचता था. अब तक वह 4-5 बार नकली नोटों की खेप सप्लाई कर चुका है.
पैसों से खरीदे जाते थे हथियार
जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि बांग्लादेश से बड़ी मात्रा में नकली नोट भारत भेजे जा रहे हैं, और इससे जो पैसा बनता है, उसका इस्तेमाल आधुनिक हथियार खरीदने में किया जा रहा है. पुलिस का मानना है कि यह केवल नकली करंसी का मामला नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा से जुड़ा गंभीर मामला है. स्पेशल सेल ने इस मामले में बीएनएस की धाराओं के तहत केस दर्ज कर लिया है और अन्य सदस्यों की तलाश जारी है. पुलिस यह पता लगाने में जुटी है कि नकली नोटों का यह नेटवर्क कितने राज्यों में फैला हुआ है और इसके पीछे कौन-कौन से बड़े चेहरे हैं.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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