Last Updated:July 04, 2025, 17:16 IST
Amit Shah in Pune: अमित शाह ने एनडीए में पेशवा बाजीराव प्रथम की प्रतिमा का अनावरण किया और कहा कि भारत की सेना स्वराज की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर को इसका उदाहरण बताया.

अमित शाह ने कार्यक्रम के बाद एनडीए काडरों से भी बातचीत की. (फाइल फोटो)
हाइलाइट्स
अमित शाह ने पेशवा बाजीराव प्रथम की प्रतिमा का अनावरण किया.अमित शाह ने 'ऑपरेशन सिंदूर' को स्वराज की रक्षा का संकल्प बताया.एनडीए में बाजीराव की प्रतिमा का अनावरण हुआ.पुणे. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शुक्रवार को कहा कि भारत के सशस्त्र बल एवं नेतृत्व देश की संप्रभुता या स्वराज की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध हैं और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान यह बहुत अच्छे तरीके से प्रदर्शित हुआ. शाह ने घोड़े पर सवार मराठा सेनापति एवं पेशवा बाजीराव प्रथम की प्रतिमा के यहां राष्ट्रीय रक्षा अकादमी (एनडीए) में अनावरण के बाद कहा कि जब भी वह नकारात्मक विचारों से ग्रस्त होते हैं तो वह छत्रपति शिवाजी महाराज और बाजीराव के बारे में सोचते हैं.
उन्होंने कहा कि एनडीए उनके स्मारक के लिए सबसे उपयुक्त स्थान है क्योंकि यह वह अकादमी है जहां सैन्य नेतृत्व को प्रशिक्षित किया जाता है. शाह ने कहा, “जब भी मेरे मन में नकारात्मक विचार आते हैं, तो मैं आमतौर पर बाल शिवाजी और पेशवा बाजीराव के बारे में सोचता हूं कि वे प्रतिकूल परिस्थितियों के बीच ‘स्वराज’ स्थापित करने में सक्षम रहे.”
शाह ने कहा कि स्वराज की रक्षा करने की जिम्मेदारी अब 140 करोड़ भारतीयों पर है. उन्होंने कहा, “जब स्वराज की स्थापना के लिए लड़ाई लड़ने का समय आया तो हमने ऐसा किया. जब स्वराज की रक्षा के लिए लड़ाई की आवश्यकता होगी तो हमारी सेना एवं नेतृत्व निश्चित रूप से ऐसा करेंगे और ऑपरेशन सिंदूर इसका सबसे अच्छा उदाहरण था.”
उन्होंने बाजीराव प्रथम (1700 से 1740) को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, “अगर शिवाजी महाराज द्वारा शुरू की गई और पेशवाओं द्वारा 100 साल तक आगे बढ़ाई गई स्वतंत्रता की लड़ाई नहीं लड़ी गई होती, तो भारत का मूल ढांचा अस्तित्व में नहीं होता.” शाह ने कहा, “अपने 40 साल के जीवन में पेशवा बाजीराव ने अपना ऐसा अमर इतिहास लिखा जो कोई और व्यक्ति नहीं लिख सकता.”
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “श्रीमंत बाजीराव पेशवा जी ने 20 वर्षों में 41 युद्ध लड़े और एक भी युद्ध नहीं हारा, ऐसा रिकॉर्ड किसी और सेनापति का नहीं होगा. मृत्यु पर्यंत पराजय को जिसने अपने नजदीक भटकने नहीं दिया, ऐसे वीर सेनानी की मूर्ति लगाने का सबसे उचित स्थान नेशनल डिफेंस अकादमी है.” बाजीराव 19 वर्ष की आयु में मराठा साम्राज्य के पेशवा या प्रधानमंत्री बने. उन्हें मध्य और उत्तरी भारत में मराठा शासन के विस्तार का श्रेय दिया जाता है.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
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Location :
Pune,Maharashtra