Last Updated:November 06, 2025, 06:13 IST
भारत और अमेरिका के बीच AI ऑपरेटेड X-BAT फाइटर जेट को लेकर बातचीत चल रही है. (फाइल फोटो/AP)X-BAT Fighter Jet: दुनियाभर में बदलते सामरिक माहौल के बीच भारत अपने ग्राउंड, एयर और मैरीटाइम सिक्योरिटी को मजबूत और अपग्रेड करने में जुटा है. चौथी पीढ़ी के मल्टीरोल फाइटर जेट के साथ ही 5th जेनरेशन के लड़ाकू विमान के बेड़े को बढ़ाने की तैयारी चल रही है. पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान को डेवलप करने के लिए AMCA प्रोजेक्ट को लॉन्च भी कर दिया गया है. इंडियन आर्म्ड फोर्सेज की कोशिश है कि ऐसे जेट डेवलप किए जाएं जो रडार और एयर डिफेंस सिस्टम को धोखा देने में सक्षम हो. फाइटर जेट के साथ ही एडवांस्ड मिसाइल सिस्टम भी डेवलप किया जा रहा है. भारत की इस कोशिश में जल्द ही बड़ा अध्याय जुड़ने वाला है. अब ऐसे एयरक्राफ्ट की खरीद की तैयारी चल रही है, जिसमें न तो पायलट की जरूरत होगी और न ही लैंडिंग और टेक-ऑफ के लिए रनवे की आवश्यकता पड़ेगी. इसके जरिये चीन और पाकिस्तान से लगती सीमा की निगहबानी पहले से और मजबूत होगी.
अमेरिकी डिफेंस टेक्नोलॉजी कंपनी Shield AI ने अपने एडवांस्ड फाइटर जेट X-BAT को लेकर भारत के रक्षा अधिकारियों के साथ प्रारंभिक बातचीत शुरू करने का प्रस्ताव रखा है. कंपनी Hivemind नामक ऑटोनोमस एआई सॉफ्टवेयर के लिए जानी जाती है और X-BAT को एक छोटा एआई ऑपरेटेड स्टील्थ VTOL (वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग) स्ट्राइक जेट के रूप में डेवलप करने की योजना है. एक्सपर्ट का कहना है कि इस जेट के अस्तित्व में आने के बाद पायलट के साथ ही ट्रेडिशनल रनवे की आवश्यकता भी खत्म हो जाएगी. यदि अमेरिकी कंपनी के साथ भारत की बात बनती है तो फ्यूचर सिक्योरिटी और वॉर का स्वरूप बदल जाएगा. खासकर लेह-लद्दाख समेत उन इलाकों की सुरक्षा को पुख्ता करने में मदद मिलेगी, जहां पारंपरिक रनवे नहीं बनाए जा सकते हैं. दूसरी तरफ, एआई बेस्ड जेट होने की वजह से पायलट की भी जरूरत नहीं होगी. इससे युद्ध की स्थिति में जनहानि की आशंका भी खत्म हो जाएगी.
न पायलट, न रनवे की जरूरत
‘इंडिया डिफेंस न्यूज’ की रिपोर्ट के अनुसार, Shield AI का रुख भारत में बढती रुचि के अनुरूप है, जहां बिना पायलट के या ऑप्शनल पायलट वाले वॉर सिस्टम, कम्यूनिकेशन को जाम करने और हाई-रिस्क वाले ऑपरेशन में काम करने की क्षमता विकसित की जा रही है. कम्पनी के मैनेजिंग डायरेक्टर ने कहा है कि यह प्लेटफॉर्म इंडियन एयरफोर्स (IAF) के लिए 5th जेनरेशन और ऑटोनोमस एयर बैटल कैपेबिलिटी की ओर एक ऐतिहासिक तकनीकी सेतु साबित हो सकता है. हालांकि, बातचीत अभी प्राइमरी फेज में ही है. X-BAT की रूपरेखा के मुताबिक यह विमान पूरी तरह ऑटोनोमस ऑपरेशन के इरादे से डिज़ाइन किया गया है. Hivemind के माध्यम से नेविगेशन, मिशन प्रबंधन और निर्णय-निर्माण की भूमिकाएं कम्यूनिकेशन गिरने या GPS जैमिंग की स्थिति में भी स्वतंत्र रूप से निभाई जा सकती हैं. कंपनी का दावा है कि यह प्लेटफॉर्म डीप-स्ट्राइक, एयर-टू-एयर और SEAD (सप्रेशन ऑफ़ एनमी एयर डिफेंस) कार्यों के लिए सक्षम होगा और इंटरनल वेपन बे (internal weapons bay) में सटीक प्रहार करने वाली मिसाइलें व हवा-विरोधी शस्त्र ले सकता है, जिससे रडार विजिबिलिटी न्यूनतम रहे.
राफेल का जोड़ीदार
Shield AI का दावा है कि X-BAT की मिशन रेंज 3700 किलोमीटर से अधिक हो सकती है. यह जेट राफेल और AMCA के तहत डेवलप होने वाले पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू विमान के साथ कोऑर्डिनेशन कर एयर स्ट्राइक कर सकता है. ऐसे में इसकी उपयोगिता और भी अधिक बढ़ जाती है. X-BAT को Shield AI के ‘Allied Export Framework’ के तहत विदेशी, भरोसेमंद साझेदारों के लिए पेश किया जा रहा है. भारत ‘Make in India’ पहल के तहत बिना रनवे की जरूरत वाले फाइटर जेट को डेवलप करने में जुटा है. ऐसे में X-BAT भारत के उस मिशन को पूरा कर सकता है. कंपनी ने सुझाव दिया है कि यह प्लेटफ़ॉर्म छोटे पैड्स, बेस-फॉरवर्ड-डिप्लॉयमेंट या एयरक्राफ्ट कैरियर डेक्स से भी ऑपरेटेड हो सकेगा. X-BAT के बेड़े में शामिल होने से एयरफोर्स के साथ ही नेवी की ताकत भी बढ़ेगी.
बिहार, उत्तर प्रदेश और दिल्ली से प्रारंभिक के साथ उच्च शिक्षा हासिल की. झांसी से ग्रैजुएशन करने के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी से पत्रकारिता में PG डिप्लोमा किया. Hindustan Times ग्रुप से प्रोफेशनल कॅरियर की शु...और पढ़ें
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Location :
New Delhi,Delhi
First Published :
November 06, 2025, 06:13 IST

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