Last Updated:November 17, 2025, 11:09 IST
Digital Arrest Case: बेंगलुरु की एक सॉफ्टवेयर MNC में काम करने वाली 57 वर्षीय सीनियर अफसर छह महीने तक डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड में फंसी रहीं. ठगों ने उन्हें नकली जांच का डर दिखाकर 187 बार पैसे ट्रांसफर करवाए और करीब 32 करोड़ रुपये हड़प लिए. महिला अस्पताल में भर्ती रहते हुए भी ठगों के दबाव में रहीं.
6 महीने तक महिला से ठगी हुई.बेंगलुरु में सॉफ्टवेयर सेक्टर की एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी में ऊंचे पद पर काम करने वाली 57 साल की महिला एक साइबर फ्रॉड का शिकार हुईं. छह महीनों तक उन्हें यकीन दिलाया गया कि उन पर एक गंभीर आपराधिक केस चल रहा है और वे कभी भी गिरफ्तार हो सकती हैं. इसी डर और दबाव में उनसे लगभग 32 करोड़ रुपये निकलवा लिए गए.
पीड़ित महिला ने क्या बताया?
महिला ने 14 नवंबर को ईस्ट साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई. उन्होंने बताया कि ठगों ने खुद को किसी सरकारी एजेंसी का अधिकारी बताते हुए कहा कि उनके नाम पर एक संवेदनशील केस चल रहा है. फोन और वीडियो कॉल्स के जरिए धीरे-धीरे उन्हें इतना दबाव में ले लिया गया कि वे हर बात को सच मानने लगीं.
महिला ने बताया कि जब भी वे विरोध या सवाल करने की कोशिश करती थीं, सामने से उन्हें डराया जाता, “अगर जांच में सहयोग नहीं किया, तो गिरफ्तारी पक्की समझो.” इस लगातार दहशत ने उनकी मानसिक स्थिति पर असर डाला और वे बात-बात पर ठगों के निर्देश मानने लगीं.
187 ट्रांजैक्शन, एक ही बैंक अकाउंट और 6 महीने की ठगी
पुलिस के अनुसार 15 सितंबर 2024 से लेकर 26 मार्च 2025 तक पीड़िता ने अलग-अलग बैंक अकाउंट्स में कुल 187 लेन-देन किए. सारा पैसा उनके एक ही बैंक खाते से धीरे-धीरे निकालकर ऐसे खातों में ट्रांसफर कराया गया, जो ठगों के कंट्रोल में थे. जांच अधिकारियों ने बताया कि यह शहर में रिपोर्ट हुए अब तक के सबसे बड़े डिजिटल अरेस्ट मामलों में से एक है.
अस्पताल में भर्ती होने पर भी ठगों की “निगरानी” जारी रही
शिकायत के अनुसार ठग हर समय उन्हें कॉल पर रखते थे. जब महिला तबीयत बिगड़ने पर अस्पताल में भर्ती हुईं, तब भी यह सिलसिला नहीं रुका. वे कैमरा ऑन रखने को कहते थे ताकि वे “निगरानी” में बनी रहें. पीड़िता को डर था कि अगर उन्होंने फोन उठाना बंद किया या निर्देश मानने से मना किया तो उनके बेटे की होने वाली शादी भी खतरे में पड़ जाएगी. इस निजी दबाव का फायदा उठाते हुए ठगों ने उन्हें पूरी तरह मानसिक रूप से जकड़ लिया था.
बैंक अकाउंट फ्रीज करने की कार्रवाई
ईस्ट साइबर क्राइम पुलिस का कहना है कि वे अभी उन सभी बैंक खातों की जांच कर रहे हैं जिनमें पैसे भेजे गए. एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, “हमने कई खातों को ट्रैक किया है. बैंकों के साथ मिलकर रकम को फ्रीज करने की प्रक्रिया चल रही है. ऐसी घटनाएं बढ़ रही हैं, इसलिए लोगों को डिजिटल अरेस्ट फ्रॉड के बारे में जागरूक होना बहुत जरूरी है.”
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Location :
Bengaluru,Bengaluru,Karnataka
First Published :
November 17, 2025, 11:09 IST

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