वन प्राणी के हमले की घटनाएँ अक्सर सामने आती हैं. हाल ही में जाफराबाद तालुका के खालसा कंथारिया गाँव में एक सिंह ने सात साल की बच्ची पर हमला किया. इस घटना में बच्ची की मौत हो गई. इस घटना के बाद वन विभाग के अधिकारियों, रेस्क्यू टीम, डॉक्टरों और वन विभाग के कर्मचारियों ने मौके पर पहुँचकर सिंह को पकड़ने की कोशिश की. शीतकाल के कारण जल्दी अंधेरा होने के चलते वन विभाग को कठिनाइयों का सामना करना पड़ा. साथ ही, पहली बार ड्रोन कैमरे की मदद से सिंह का लोकेशन प्राप्त कर रेस्क्यू किया गया. हालाँकि, जाफराबाद क्षेत्र में बच्ची पर हमले की दूसरी घटना ने हड़कंप मचा दिया है.
जाफराबाद क्षेत्र में अफरातफरी
जाफराबाद क्षेत्र में वन प्राणी ने अफरातफरी मचा दी है. हाल ही में सिंह ने एक बच्चे पर हमला किया, जिसमें बच्चे की मौत हो गई. इस घटना की अभी तक गूंज शांत नहीं हुई थी कि एक और घटना सामने आई है. इसमें सिंह ने एक बच्ची पर हमला किया और बच्ची की मौत हो गई. जाफराबाद तालुका के खालसा कंथारिया गाँव की सीमा में सात साल की कीर्ति मनोजभाई धापा पर सिंह ने हमला किया. बच्ची अपनी माँ के साथ थी, तभी सिंह ने अचानक हमला कर उसे खेत के फसल में उठाकर ले गया. अचानक हुई इस घटना से बच्ची की माँ के पैरों के नीचे से जमीन सरक गई.
घटना की जानकारी और प्रतिक्रियाएँ
इस घटना की जानकारी विभाग को दी गई. घटना के बाद गाँव के सरपंच, विधायक, वन विभाग के अधिकारी, वन विभाग के कर्मचारी, रेस्क्यू टीम आदि मौके पर पहुँच गए. हाल ही में हुई दो घटनाओं के चलते लोगों ने वन विभाग के खिलाफ रोष प्रकट किया. विधायक हिराभाई सोलंकी, वन विभाग के कर्मचारी और स्थानीय लोग बच्ची और सिंह की खोज में जुट गए. लेकिन सिंह ने बच्ची को निगल लिया था. इस घटना में बच्ची की मौत हो गई थी.
शेत्रुंजी डिविजन का बयान
शेत्रुंजी डिविजन के डीसीएफ जयंत पटेल ने बताया कि जाफराबाद क्षेत्र में 15 दिनों में यह दूसरी घटना है. आज सात साल की बच्ची पर सिंह ने हमला किया, जिसमें बच्ची की मौत हो गई. जब माँ और बेटी साथ थीं, तब सिंह ने हमला किया और बच्ची को खतरनाक स्थिति में उठाकर ले गया. सिंह को पकड़ना हमारे लिए मुश्किल था. शीतकाल के कारण जल्दी अंधेरा हो गया था. शेत्रुंजी डिविजन के तीनों रेंज के कर्मचारी और अधिकारी कार्य में जुट गए थे. पशु चिकित्सक भी इस ऑपरेशन में शामिल हुए. साथ ही, पहली बार थर्मल ड्रोन कैमरे की मदद से सिंह का लोकेशन प्राप्त किया गया. चार से पाँच घंटे की मेहनत के बाद सिंह का रेस्क्यू किया गया और उसे पिंजरे में डाल दिया गया.
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FIRST PUBLISHED :
November 5, 2024, 16:57 IST