9 तरह के होते हैं बैंक चेक, बियेरर से लेकर ट्रैवलर तक, सबका अलग इस्‍तेमाल

7 hours ago

Last Updated:November 03, 2025, 16:32 IST

Types of Bank Cheque : बैंक चेक से पाला तो सभी का पड़ता है. कभी आप किसी को जारी करते हैं तो कभी आपको कंपनी या अन्‍य किसी की तरफ से चेक मिलता है. लेकिन, क्‍या आपको पता है कि सिर्फ एक जैसे कागज पर ही जारी होने वाले चेक मामूली अंतर से ही एक-दूसरे से अलग हो जाते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि चेक पूरे 9 तरह के होते हैं.

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बेयरर चेक (Bearer Cheque) के जरिये भुगतान उसी व्‍यक्ति को किया जाता है, जो इसे लेकर बैंक में जाता है. इसका मतलब है कि जो इस चेक को बियर करता है, बैंक उसे ही पैसों का भुगतान कर देते हैं. ऐसे चेक में बैंकों को जारी करने वाले से किसी तरह के स्‍पष्‍टीकरण या इजाजत की जरूरत नहीं पड़ती. इसमें चेक ले जाने वाले का नाम अथवा बियरर लिखा होता है.

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ऑर्डर चेक (Order Cheque) जारी करते समय आगे लिखे बियरर शब्‍द को काट दिया जाता है. ऐसे चेक सिर्फ उसी व्‍यक्ति को जारी किए जाते हैं, जिसका नाम चेक पर लिखा जाता है. ऐसे चेक लेकर बैंक में जाने वाले को पैसे भुगतान करने से पहले बैंक उसकी पहचान की पुष्टि करता है. चेक धारक की पहचान उस पर लिखे नाम से करने के बाद ही बैंक उसे पैसों का भुगतान करता है.

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क्रॉस्ड चेक (Crossed Cheque) पर दो तिरछी समानांतर रेखाओं के साथ 'a/c payee' लिखा जाता है. इसका मतलब है कि बैंक में चेक लेकर भले ही कोई भी जाए, पैसों का भुगतान सिर्फ उसी व्‍यक्ति के खाते में किया जाएगा जिसका नाम चेक पर लिखा है. इस चेक पर अकाउंट नंबर भी लिखे जाते हैं. इस तरह के चेक ज्‍यादा सुरक्षित होते हैं और भुगतान सिर्फ पाने वाले के अकाउंट में किया जाता है.

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ओपन चेक (Open Cheque) एक तरह से अनक्रॉस्‍ड चेक होता है और इस चेक के जरिये किसी भी बैंक में जाकर नकद प्राप्‍त किया जा सकता है. इसका मतलब है कि यह सिर्फ उसी बैंक में जाकर नहीं भुनाया जा सकता है, जिस बैंक का चेक है बल्कि इसे किसी भी बैंक में भुनाया जा सकता है. इसका भुगतान उस व्‍यक्ति को किया जाता है जो इस चेक को लेकर बैंक में जाता है. इसे जारी करने वाले को आगे और पीछे दोनों तरफ हस्‍ताक्षर करना पड़ता है.

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पोस्ट-डेटेड चेक (Post-Dated Cheque) पर बाद की तारीख लिखी जाती है और इसे भविष्‍य में लिखी तारीख के बाद से 3 महीने तक भुनाया जा सकता है. आप भले ही इस चेक को तत्‍काल बैंक में जमा कर दें, लेकिन बैंक पैसों का भुगतान इस पर लिखी तारीख के बाद ही करेगा. इसका मतलब है कि यह चेक उसी तारीख से वैध होगा, जब इस पर लिखी तारीख आएगी, उसेस पहले नहीं भुगतान हो सकता है.

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स्टेल चेक (Stale Cheque) का मतलब है कि यह जिस दिन जारी किया जाता है, उसके बाद सिर्फ 3 महीने तक ही वैलिड होता है. इसके बाद चेक की वैधता अपने आप समाप्‍त हो जाती है और इसे भुनाया नहीं जा सकता है. मान लीजिए कि किसी को यह चेक 1 जनवरी को जारी किया गया है तो इसकी वैधता मार्च के आखिर तक ही रहेगी और फिर स्‍वत: समाप्‍त हो जाएगी.

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ट्रैवलर चेक (Traveller’s Cheque) एक तरह से यात्रा के समय ही उपयोग किए जाते हैं. इस तरह के चेक विदेशी पर्यटकों को जारी होते हैं, जो किसी अन्‍य देश में घूमने जाने से पहले अपने देश के बैंक से लेते हैं. दूसरे देश में जाने के बाद वहां के बैंक में इसे भुनाकर नकद पैसे लिए जा सकते हैं. यह सुविधाजनक और सुरक्षित होता है. इस तरह के चेक की कोई वैलिडिटी नहीं होती और इसका इस्‍तेमाल कभी भी किया जा सकता है.

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सेल्फ चेक (Self Cheque) में जारी करने वाले कॉलम में सेल्‍फ लिखा जाता है. यह सबसे ज्‍यादा इस्‍तेमाल किया जाने वाला चेक होता है. इस तरह के चेक का भुगतान सिर्फ जारी करने वाले के खाते में ही किया जा सकता है या सिर्फ जारी करने वाला खुद बैंक में जाकर नकद पैसे ले सकता है.

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बैंकर चेक (Banker’s Cheque) एक बैंक की ओर से किसी अन्‍य व्‍यक्ति को जारी किया जाता है. भले ही बैंक किसी अन्‍य खाताधारक की ओर से इसे अन्‍य किसी व्‍यक्ति को जारी करे. इसमें बैंक जारी करने वाले के नाम से खाते से पैसे काट लेते हैं और उसे किसी अन्‍य के खाते में डालने के लिए उसे चेक जारी कर देते हैं. इनकी वैधता तीन महीने की होती है.

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First Published :

November 03, 2025, 16:32 IST

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