Bangladesh Political Instability: बांग्लादेश में हाल के महीनों में राजनीतिक उथल-पुथल और साजिशों की खबरें सुर्खियों में रही हैं. शेख हसीना की सरकार के तख्तापलट के नौ महीने बाद अब बांग्लादेशी सेना के भीतर एक नई साजिश का पर्दाफाश हुआ है. जिसमें पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई (ISI) की भूमिका संदिग्ध मानी जा रही है. इसका केंद्र लेफ्टिनेंट जनरल फैजुर रहमान को बताया जा रहा है जो वर्तमान सेना प्रमुख जनरल वकार-उज-जमान के खिलाफ कार्रवाई की योजना बना रहे थे.
बांग्लादेश की राजनीतिक अस्थिरता
पिछले साल छात्र आंदोलनों की आड़ में बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हुए. जिसके परिणामस्वरूप प्रधानमंत्री शेख हसीना को सत्ता छोड़नी पड़ी. इन प्रदर्शनों के दौरान हिंसा और अराजकता की घटनाएं भी सामने आईं. जिससे देश की स्थिरता पर प्रश्नचिह्न लगा. शेख हसीना के भारत में निर्वासन के बाद बांग्लादेश में एक अंतरिम सरकार का गठन किया गया. जिसका नेतृत्व नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस कर रहे हैं.
आईएसआई की संदिग्ध भूमिका
हाल ही में बांग्लादेशी सेना के भीतर एक साजिश का खुलासा हुआ है. जिसमें लेफ्टिनेंट जनरल फैज उर रहमान की संदिग्ध भूमिका सामने आई है. आरोप है कि फैज उर रहमान ने पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के साथ मिलकर वर्तमान सेना प्रमुख जनरल वकार अज जमान को हटाने की योजना बनाई थी. इस साजिश का उद्देश्य बांग्लादेशी सेना में इस्लामी कानून लागू करना और देश को पाकिस्तान के प्रभाव में लाना था.
साजिश का खुलासा और जांच
बांग्लादेशी सेना के अधिकारियों ने इस साजिश का पता चलने पर तुरंत कार्रवाई की. लेफ्टिनेंट जनरल फैज उर रहमान के खिलाफ जांच शुरू की गई, जिसमें उनके आईएसआई के साथ संबंधों की जांच की जा रही है. इसके अलावा, जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश के साथ उनकी नजदीकियों की भी जांच की जा रही है क्योंकि यह संगठन पाकिस्तान समर्थक माना जाता है.
पाकिस्तानी हस्तक्षेप का इतिहास
यह पहली बार नहीं है जब बांग्लादेश में पाकिस्तानी हस्तक्षेप की खबरें सामने आई हैं. 1975 में बांग्लादेश के संस्थापक राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान की हत्या में भी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसियों की संदिग्ध भूमिका की बात कही जाती है. इसके अलावा साल 2011 में भी बांग्लादेशी सेना में तख्तापलट की कोशिश हुई थी. जिसमें इस्लामी कट्टरपंथी गुटों की संलिप्तता पाई गई थी.
बांग्लादेश की वर्तमान स्थिति और चुनौतियां
वर्तमान में बांग्लादेश एक संवेदनशील दौर से गुजर रहा है. अंतरिम सरकार के सामने राजनीतिक स्थिरता बहाल करने, आर्थिक सुधार लागू करने और जनता के विश्वास को पुनर्स्थापित करने की चुनौती है. इसके अलावा सेना के भीतर साजिशों और बाहरी हस्तक्षेप को रोकना भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है.
भारत-बांग्लादेश संबंधों पर प्रभाव
बांग्लादेश में राजनीतिक अस्थिरता का प्रभाव भारत-बांग्लादेश संबंधों पर भी पड़ा है. शेख हसीना की भारत-समर्थक नीतियों के कारण दोनों देशों के बीच घनिष्ठ संबंध थे. लेकिन उनकी सरकार के पतन के बाद भारत की विदेश नीति पर पुनर्विचार की जरूरत महसूस की जा रही है. भारत के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वह बांग्लादेश में लोकतंत्र और स्थिरता का समर्थन करे ताकि क्षेत्र में शांति और विकास सुनिश्चित हो सके.
आईएसआई की साजिश का खुलासा
बांग्लादेश में आईएसआई की साजिश का खुलासा देश की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए एक गंभीर चुनौती है. सेना के भीतर इस तरह की साजिशें न केवल देश की आंतरिक स्थिरता को खतरे में डालती हैं, बल्कि बाहरी हस्तक्षेप के लिए भी मार्ग प्रशस्त करती हैं. ऐसे में बांग्लादेशी सरकार और सेना को मिलकर इन चुनौतियों का सामना करना होगा, ताकि देश में लोकतंत्र और शांति कायम रह सके.