Last Updated:November 26, 2025, 14:07 IST
Amit Shah: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का भाजपा मुख्यालय के टाइपिस्ट रामधन की बेटी की शादी में पहुंचना, सत्ता की अकड़ के विपरीत संगठन के संस्कार को दर्शाता है. यह व्यस्ततम कार्यक्रम के बावजूद सामान्य कार्यकर्ता के प्रति व्यक्तिगत जुड़ाव और मानवीय संवेदनशीलता का प्रमाण है. यह कार्यशैली निचले स्तर के कार्यकर्ता में 'परिवार का हिस्सा' होने की भावना को मजबूत करती है, जो पार्टी की जमीनी पकड़ को निर्णायक रूप से सशक्त करती है.
अमित शाह बीजेपी कार्यकर्ता की बेटी की शादी में पहुंचे. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने मंगलवार रात एक बार फिर अपने संगठनवादी स्वभाव और मानवीय संवेदनशीलता का परिचय दिया. वह भाजपा मुख्यालय में वर्षों से टाइपिस्ट के पद पर कार्यरत एक सामान्य कर्मचारी रामधन जी की बेटी के विवाह समारोह में शामिल होने पहुंचे. यह घटना मात्र एक सामाजिक उपस्थिति नहीं है, बल्कि राजनीति और नेतृत्व के संदर्भ में एक गहरा संदेश देती है. सांसद-विधायक बनने के बाद कई नेता अपने पुराने सहयोगियों और परिचितों से दूरी बना लेते हैं. ऐसे में देश के सबसे ताकतवर पदों में से एक पर आसीन होने और व्यस्त कार्यक्रम के बावजूद अमित शाह का बीजेपी के एक साधारण कार्यकर्ता की बेटी की शादी में पहुंचना गहरा संदेश देता है. सत्ता की अकड़ के विपरीत अमित शाह ने संगठन के संस्कार को तरजीह दी.
गृहमंत्री के करीबी बताते हैं कि राष्ट्रीय महासचिव और फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष रहने के दौरान भी अमित शाह ने भाजपा मुख्यालय में कार्य करने वाले हर छोटे-बड़े कर्मचारी को न केवल व्यक्तिगत रूप से पहचाना बल्कि उनका हालचाल भी रखा. रामधन के यहां उनकी उपस्थिति इसी व्यक्तिगत जुड़ाव और याद रखने की क्षमता का प्रमाण है. यह घटना पार्टी के कार्यकर्ताओं के मनोबल को बढ़ाने की दृष्टि से अत्यंत निर्णायक है. यह शीर्ष नेतृत्व द्वारा दिया गया स्पष्ट संदेश है कि भाजपा में पद चाहे कितना भी छोटा क्यों न हो, कार्यकर्ता का महत्व सर्वोपरि है. यह मानवीय स्पर्श संगठन की रीढ़ को और मजबूत करता है.
अमित शाह का यह कार्य मजबूत नेतृत्व क्षमता का मजबूत उदाहरण है. यह बताता है कि कार्यकर्ताओं को केवल चुनावी मशीनरी का पुर्जा नहीं माना जाता बल्कि वे परिवार का हिस्सा हैं. यह संदेश निचले स्तर के कार्यकर्ता में सेंस ऑफ ओनरशिप पैदा करता है, जो अंततः पार्टी की जमीनी पकड़ को मजबूत करता है. यह मानवीय पहल न केवल रामधन जी के परिवार के लिए एक अविस्मरणीय सम्मान है बल्कि यह विपक्ष के उस आरोप का भी परोक्ष उत्तर है जिसमें भाजपा को केवल ‘पॉवर सेंटर’ के रूप में देखा जाता है. शाह ने अपनी उपस्थिति से यह सिद्ध किया कि पार्टी का आधार संवाद, सम्मान और संवेदनशीलता पर टिका हुआ है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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First Published :
November 26, 2025, 14:07 IST

17 minutes ago
