CBSE रिजल्ट में A, B, C, D क्या है? मार्कशीट से पहले समझिए ग्रेडिंग सिस्टम

20 hours ago

Last Updated:March 22, 2025, 15:03 IST

CBSE Board Result, CBSE Board Grading System: केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की 10वीं की परीक्षाएं खत्म हो गई हैं और 12वीं की जल्द ही खत्म होने वाली हैं. इसके बाद सीबीएसई बोर्ड रिजल्ट बनाया जाएगा. सीबीएसई बोर्ड...और पढ़ें

CBSE रिजल्ट में A, B, C, D क्या है? मार्कशीट से पहले समझिए ग्रेडिंग सिस्टम

CBSE Board Grading System: सीबीएसई रिजल्ट से पहले ग्रेडिंग सिस्टम समझना जरूरी है

हाइलाइट्स

सीबीएसई बोर्ड में मार्क्स के बजाय ग्रेड्स दिए जाते हैं.पास होने के लिए हर विषय में कम से कम 33% अंक जरूरी हैं.कक्षा 10 में CGPA और कक्षा 12 में प्रतिशत पर फोकस होता है.

नई दिल्ली (CBSE Board Result, CBSE Board Grading System). सीबीएसई बोर्ड रिजल्ट में स्टूडेंट्स को मार्क्स के बजाय ग्रेड्स दिए जाते हैं. सीबीएसई बोर्ड ग्रेडिंग सिस्टम क्लास 10 और 12, दोनों के लिए लागू होता है. हालांकि कक्षा 10 में CGPA (Cumulative Grade Point Average) और कक्षा 12 में मुख्य रूप से प्रतिशत पर फोकस किया जाता है. सीबीएसई बोर्ड में हर ग्रेड का एक खास मतलब और अंक सीमा होती है.

CBSE Grading System: सीबीएसई ग्रेडिंग सिस्टम क्या है?
सीबीएसई बोर्ड के स्टूडेंट्स को A1 से E तक ग्रेड्स दिए जाते हैं. स्टूडेंट्स का प्रदर्शन इन्हीं ग्रेड्स के हिसाब से इवैल्युएट किया जाता है. हर ग्रेड की अंक सीमा और उसका मतलब नीचे समझ सकते हैं.

सीबीएसई बोर्ड ग्रेडिंग सिस्टम

ग्रेडअंक सीमा (100 में से)ग्रेड पॉइंटमतलब
A191-10010बेस्ट (Top 1/8th of Passers)
A281-909बहुत अच्छा
B171-808अच्छा
B261-707औसत से ऊपर
C151-606औसत
C241-505संतोषजनक
D133-404पास
D221-32कंपार्टमेंट (पास नहीं)
E0-20फेल

विस्तार से समझिए सीबीएसई बोर्ड ग्रेडिंग सिस्टम
A1 का मतलब: यह ग्रेड उन स्टूडेंट्स को मिलता है, जो अपने बैच के टॉप 1/8वें हिस्से में होते हैं.
उदाहरण: अगर 1000 स्टूडेंट्स पास होते हैं तो टॉप 125 को A1 मिल सकता है.

D1 और पासिंग क्राइटेरिया: पास होने के लिए हर विषय में कम से कम 33% अंक (D1 ग्रेड) हासिल करना जरूरी है.
कक्षा 12 में कुछ विषयों (जैसे विज्ञान) में थ्योरी और प्रैक्टिकल में अलग-अलग 33% मार्क्स होने चाहिए.

D2 और E: D2 का मतलब है कि स्टूडेंट सीबीएसई कंपार्टमेंट परीक्षा दे सकता है (1-2 विषयों में फेल होने पर). E का मतलब है कि वह फेल हो गया है. अब स्टूडेंट को अगले साल फिर से परीक्षा देनी होगी.

सीबीएसई CGPA क्या है? (कक्षा 10 में)
सीजीपीए का फुल फॉर्म Cumulative Grade Point Average है. सीजीपीए सभी विषयों के ग्रेड पॉइंट्स का एवरेज है.
गणना: सभी 5 मुख्य विषयों के ग्रेड पॉइंट्स को जोड़कर टोटल को 5 से विभाजित किया जाता है.
उदाहरण:
हिंदी: A2 (9), अंग्रेजी: B1 (8), गणित: A1 (10), विज्ञान: B2 (7), सामाजिक विज्ञान: A2 (9)
कुल ग्रेड पॉइंट = 9 + 8 + 10 + 7 + 9 = 43
CGPA = 43 ÷ 5 = 8.6

CBSE 12th Grading System: सीबीएसई 12वीं ग्रेडिंग सिस्टम
सीबीएसई क्लास 12 में CGPA का इस्तेमाल कम होता है. यहां मुख्य रूप से मार्क्स और प्रतिशत पर फोकस किया जाता है. लेकिन मार्कशीट में ग्रेड्स भी लिखे होते हैं.
अगर कोई स्टूडेंट 6 विषयों की परीक्षा देता है तो 5 सर्वश्रेष्ठ विषयों का प्रतिशत निकाला जाता है.

सीबीएसई ग्रेडिंग सिस्टम की खास बातें
मॉडरेशन: अगर पेपर कठिन होता है तो सीबीएसई अंकों को समायोजित कर सकता है ताकि ग्रेड्स प्रभावित न हों.
प्रैक्टिकल और थ्योरी: विज्ञान, कंप्यूटर जैसे विषयों में प्रैक्टिकल (20-30 अंक) और थ्योरी (70-80 अंक) के अंक अलग-अलग जोड़े जाते हैं. ग्रेड कुल अंकों पर आधारित होता है.
सापेक्ष ग्रेडिंग (Relative Grading): A1 और A2 जैसे ग्रेड्स देशभर के स्टूडेंट्स के प्रदर्शन के आधार पर तय होते हैं, न कि सिर्फ निश्चित अंक सीमा से.
डिजिलॉकर: 2025 में रिजल्ट डिजिटल मार्कशीट के रूप में डिजिलॉकर पर उपलब्ध रहेगा. इसमें ग्रेड और मार्क्स, दोनों दिखते हैं.

उदाहरण
मान लीजिए कोई स्टूडेंट साइंस विषय में ऐसे मार्क्स स्कोर करता है:
थ्योरी: 80 में से 55 (68.75%)।
प्रैक्टिकल: 20 में से 18 (90%)।
कुल: 73/100 → B1 ग्रेड (71-80)।
अगर सभी विषयों में इतने मार्क्स हों तो CGPA 8 के आस-पास होगा.

First Published :

March 22, 2025, 15:03 IST

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