DNA: ट्रंप और मस्क में शुरू हुई दुश्मनी! बढ़ते तनाव से कितना नुकसान? भारत को होगा ये फायदा

2 hours ago

DNA Analysis: DNA में कल हमने आपको बताया था कि अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिका के अरबपति एलन मस्क के बीच जानी दुश्मनी शुरू हो चुकी है लेकिन आज ऐसा लग रहा है जैसे ये दुश्मनी जंग में बदल गई हो. ये जंग ऐसे दो शक्तिशाली इंसानों की है जिसका असर पूरे विश्व पर पड़ने वाला है इसलिए आप इसे, विश्व युद्ध की तरह भी देख सकते हैं. इस विश्वयुद्ध से अमेरिका का कितना नुकसान और भारत का कितना फायदा होगा इसका विश्लेषण भी हम करेंगे लेकिन उससे पहले, ये समझिए कि पिछले 24 घंटे की जंग में क्या हुआ?

कर सकते हैं ये विचार
कल रात तक ये संभावना जताई जा रही थी कि ट्रंप खुद मस्क को फोन करेंगे लेकिन ट्रंप ने इस संभावना को खुद ही ये कहते हुए खत्म कर दिया कि वो मस्क से कोई बात नहीं करने वाले हैं. लेकिन ट्रंप ने मस्क तक ये मैसेज जरूर पहुंचा दिया कि वो उनकी कंपनी को दिये भारी-भरकम सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स रद्द करने पर विचार कर सकते हैं दूसरी तरफ, मस्क ने ट्रंप के जिस बिल का विरोध किया अब सत्ताधारी पार्टी के 13 सांसद भी उस पर राष्ट्रपति ट्रंप को दोबारा विचार करने की सलाह दे रहे हैं. क्या ये मस्क के इशारे पर हो रहा है?

मस्क के तेवर थे सख्त
कल ट्रंप के मुकाबले मस्क के तेवर ज्यादा सख्त थे लेकिन आज ट्रंप के तेवर ज्यादा सख्त लग रहे हैं और मस्क बैकफुट पर दिख रहे हैं. ऐसा इसलिए लग रहा है, क्योंकि मस्क ने ट्रंप के खिलाफ एपस्टीन फाइल्स से जुड़ा विस्फोटक पोस्ट डिलीट कर दिया. वैसे ट्रंप से दोस्ती मस्क के लिये जितनी फायदेमंद रही अब ट्रंप से दुश्मनी भी मस्क के लिये उतनी ही महंगी बताई जा रही है. ऐसा माना जा रहा है कि इस जंग में दोनों, एक दूसरे का बड़ा नुकसान कर सकते हैं.

ट्रंप कर सकते हैं ये काम
ट्रंप चाहें तो मस्क की कंपनियों को सरकार से मिले 4 लाख 11 हजार करोड़ रुपये के कॉन्ट्रैक्ट्स रद्द कर सकते हैं और मस्क चाहें तो अमेरिका में 2026 के मिड टर्म चुनाव के लिये ट्रंप को 8 सौ 57 करोड़ रुपये के डोनेशन पर रोक लगा सकते हैं. ट्रंप समर्थकों का कहना है कि मस्क की टॉप सीक्रेट सिक्योरिटी क्लियरेंस को रद्द किया जाये. इससे मस्क की कंपनियों और यूएस गवर्नमेंट के बीच की सरकारी डील्स खतरे में पड़ जाएगी. मस्क इसका जवाब देते हुए अपनी कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट की उड़ान बंद कर सकते हैं. इसी यान से नासा को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन तक पहुंचने में मदद मिलती है यानी मस्क के एक कदम से, ट्रंप के साथ-साथ पूरे अमेरिका के सामने नया संकट खड़ा हो सकता है. ट्रंप के समर्थक मस्क पर लगे ड्रग्स के सेवन के आरोपों की जांच चाहते हैं. अमेरिका के कुछ अखबारों ने मस्क पर बहुत ज्यादा ड्रग्स का इस्तेमाल करने के आरोप लगाये थे.

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— Zee News (@ZeeNews) June 7, 2025

पॉलिटिकल मूवमेंट कर सकते हैं तेज
मस्क चाहे तों एक्स प्लेटफॉर्म और उस पर मौजूद अपने 22 करोड़ फॉलोअर्स की मदद से ट्रंप के खिलाफ पॉलिटिकल मूवमेंट तेज कर सकते हैं. वहीं ट्रंप चाहें तो अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करके मस्क के खिलाफ सरकारी नियम-कानूनों के दायरे में जांच शुरु कर सकते हैं. इससे मस्क के लिये अमेरिका में बिजनेस करना मुश्किल हो जाएगा और अगर मस्क चाहें तो ट्रंप के बारे में कई सीक्रेट राज़ दुनिया के सामने रख सकते हैं. जिससे ट्रंप का नुकसान हो. मस्क पिछले एक वर्ष से ट्रंप के बेहद करीबी रहे हैं कल ही उन्होंने एपस्टीन फाइल्स पर पोस्ट करके अमेरिका में नई बहस शुरु कर दी.

बढ़ सकती है मुसीबतें
जानकार बताते हैं कि वो ट्रंप के बारे में प्राइवेट से लेकर सरकार के स्तर पर कई ऐसी बातों को जानते हैं, जिसके सामने आने से ट्रंप की मुसीबतें बढ़ सकती हैं. यानी ट्रंप और मस्क एक-दूसरे का काफी नुकसान करने की ताकत रखते हैं. शायद इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. आज ट्रंप से मस्क की कंपनियों के बारे में एक सवाल पूछा गया तब उन्होंने इशारों में कहा कि मस्क के पास बहुत पैसा है. उनको अमेरिकी सरकार से भारी सब्सिडी भी मिलती है. क्या ट्रंप अब मस्क के पैसे पर नजर गड़ाये हुए हैं? इस बयान का मतलब ये है कि मस्क के सरकारी कॉन्ट्रैक्ट्स की जांच ट्रंप सरकार करवा सकती है. अगर इसकी शुरुआत हुई तो ट्रंप और मस्क के बीच की जंग अमेरिका के लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकती है।

हो रहा है विरोध
इसी साल मार्च महीने में ट्रंप ने मस्क को सपोर्ट करने के मकसद से 68 लाख रुपये में लाल रंग की टेस्ला कार खरीदी थी. तब मस्क का विरोध करते हुए अमेरिका में टेस्ला का बहिष्कार हो रहा था और ट्रंप ने उस समय अपने दोस्त मस्क और उनकी कंपनी टेस्ला की खूब तारीफ की थी. पर दावे हैं कि ट्रंप करीब तीन महीने पुरानी इस टेस्ला कार को बेच सकते हैं. हालांकि ट्रंप ने ये कार बस दिखाने के लिये खरीदी थी. ये कार व्हाइट हाउस की पार्किंग में मौजूद है. वैसे भी सुरक्षा कारणों से अमेरिका में राष्ट्रपति और उप-राष्ट्रपति को सड़कों पर गाड़ी चलाने की इजाजत नहीं है. और इस कार को हटाकर शायद ट्रंप अपने जीवन से मस्क का नामो-निशान मिटाने की कोशिश में हैं.

इन पर भी पड़ा असर
अब हम आपको एक ऐसे कपल की कहानी बताने जा रहे हैं, जिसपर ट्रंप और मस्क की जंग का सबसे ज्यादा असर हुआ है. इसे आप इस जंग की पहली पीड़ित जोड़ी भी कह सकते हैं. स्टीफन मिलर और केटी मिलर नाम का एक कपल है. ये दोनों ट्रंप-मस्क के ब्रेकअप का शिकार हो गये हैं.  स्टीफन पॉलिसी मामलों में ह्वाइट हाउस के डिप्टी चीफ ऑफ स्टॉफ हैं. जबकि केटी ट्रंप के बनाए डिपार्टमेंट डॉज की एडवाइजर और प्रवक्ता का काम कर रही थीं. ये वही डिपार्टमेंट है जिसके हेड एलन मस्क थे लेकिन जैसे ही मस्क ने उस डिपार्टमेंट से इस्तीफा दिया केटी मिलर ने भी इस्तीफा दे दिया. दावा किया गया कि मस्क के इस्तीफे के बाद केटी ने भी सरकारी डिपार्टमेंट छोड़कर मस्क के लिये काम करना शुरु कर दिया है और इसके बाद से स्टीफन और केटी के रिश्तों के भविष्य को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. वैसे, संकट सिर्फ इस कपल के रिश्तों पर ही नहीं है अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर भी है.

भारी उतार- चढ़ाव
मस्क की कंपनी टेस्ला के शेयर गिरने से अमेरिका के शेयर बाजार में भारी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है, हालांकि अब टेस्ला के शेयर की गिरावट थम गई है. मस्क पर एक्शन लिया गया तो अमेरिका के डिफेंस और स्पेस के कई प्रोग्राम थम सकते हैं. मस्क ने अमेरिका में इंवेस्टमेंट घटाया तो वहां रोजगार और रिसर्च का काम प्रभावित हो सकता है और सबसे बड़ी बात, अगर मस्क चाहें तो अपने स्टारलिंक सैटेलाइट की मदद रोककर रूस-यूक्रेन जंग में अमेरिका के लिये नई मुसीबत खड़ी कर सकते हैं.

भारत को मिलेगा फायदा
इस जंग में जहां अमेरिका का भारी नुकसान है तो भारत के लिए बड़ा मौका और बड़ा फायदा है. भारत में मस्क की सैटेलाइट इंटरनेट सर्विस स्टारलिंक शुरु हो रही है. ये किसी मोबाइल नेटवर्क के बिना यूजर्स को तेज रफ्तार ब्रॉडबैंड कनेक्शन की सर्विस देती है. और इसे भारत में लाइसेंस मिल चुका है. इसका सबसे बड़ा फायदा भारत के उन 56 करोड़ लोगों को होगा जिनकी पहुंच इंटरनेट तक नहीं है. स्टारलिंक की मदद से 150 Mbps तक की स्पीड मिलेगी. जिससे आप 2 जीबी की HD मूवी सिर्फ 120 सेकेंड में डाउनलोड कर पाएंगे. 

चलेगा इंटरनेट
पहाड़ी इलाकों और अंडमान-निकोबार या लक्षद्वीप जैसे समुद्री इलाकों में मोबाइल टावर लगाना मुश्किल है. वहां इसकी मदद से बिना किसी दिक्कत के इंटरनेट चलेगा, ऑनलाइन काम हो पाएंगे. दावा है कि भारत में स्टालिंक का बेसिक प्लान करीब 850 रुपये महीने का होगा. हालांकि अभी तक आधिकारिक जानकारी सामने नहीं आई है. किसी प्राकृतिक आपदा के समय मोबाइल नेटवर्क अक्सर बंद हो जाते हैं, वैसे हालात में स्टारलिंक का टर्मिनल कुछ ही मिनटों में चालू किया जा सकेगा.

कब सामने आई बात
ट्रंप और मस्क का झगड़ा शुरु होने से पहले भारत में टेस्ला का शोरूम खोले जाने की बात सामने आई. टेस्ला दुनिया की सबसे मूल्यवान इलेक्ट्रिक गाड़ियां बनाने वाली कंपनी है. अब बदले हुए हालात में अगर मस्क अपनी फैक्ट्री भी भारत लेकर आएं तो हमारे देश को बड़ा फायदा मिल सकता है. टेस्ला की बड़ी फैक्ट्री जिसे गीगा-फैक्ट्री कहते हैं. अगर ये भारत में बनी तो 10 हजार से ज्यादा सीधी नौकरियां और 50 हजार से ज्यादा लोगों को अप्रत्यक्ष रोजगार मिल सकता है. टेस्ला के आने से भारतीय कंपनियों के बीच एक प्रतियोगिता शुरु होगी जिससे ग्राहकों को अधिक फीचर्स और तकनीक वाली गाड़ियां मिलेंगी. इससे भारत में शानदार इलेक्ट्रिक गाड़ियां मिलेंगी. 

घट सकती है कीमत
टेस्ला की गाड़ियों की बैटरी रेंज 400 से 600 किलोमीटर तक है जो ज्यादातर भारतीय गाड़ियों के मुकाबले करीब दोगुनी है हालंकि टेस्ला की सबसे सस्ती इलेक्ट्रिक गाड़ी की कीमत करीब 30 लाख रुपये है हालांकि अगर ये गाड़ियां भारत में बनीं तो ये कीमत घटकर 21 से 25 लाख तक आ सकती है. इलेक्ट्रिक गाड़ियों की मदद से भारत में तेल की खपत घटेगी और हर साल 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक तेल आयात पर बचत हो सकती है हालांकि ये सबकुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि ट्रंप और मस्क के बीच मनमुटाव कहां और कितना आगे तक जाएगा. इसका जवाब ट्रंप ने दिया है. आज ट्रंप से एक सवाल पूछा गया कि मस्क की कंपनियों के बिना क्या अमेरिका का काम चल सकता है? इसका जवाब देते हुए ट्रंप ने कहा कि अमेरिका को सिर्फ उनकी जरूरत है. इसके अलावा किसी और की मदद के बिना भी अमेरिका आगे बढ़ सकता है.

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