DNA: बांग्लादेश में रजाकारों की फौज तैयार कर रहे यूनुस? 1200 हिंदुओं के हत्यारे को किया आजाद, 1971 में ढहाया था कहर

1 day ago

DNA Analysis Why Mohammad Yunus release Azharul Islam from jail: बांग्लादेश 5 अगस्त 2024 के बाद से बैक गियर में चल रहा है. उसकी हालत आज से 54 साल पहले यानी 1971 वाले ईस्ट पाकिस्तान की तरह होती जा रही है. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं आपको आगे ये विस्तार से समझाने वाले हैं. बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस मानों रजाकारों की फौज तैयार कर रहे हैं. बांग्लादेश में एक बार फिर हिंदुओं के कत्लेआम की एक बहुत बड़ी साजिश रची जा रही है. इसके लिए मोहम्मद यूनुस एक ऐसी फौज तैयार कर रहे हैं, जो इसमें माहिर रही है. 

हिंदुओं का हत्यारा इस्लाम रिहा

बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने अजहरुल इस्लाम को जेल से रिहा कर दिया है. ये वही अजहरुल इस्लाम है, जिसे हिंदुओं के नरसंहार के आरोप में कभी मौत की सजा सुनाई गई थी. लेकिन मोहम्मद यूनुस के सत्ता संभालते ही उसे रिहा करने की तैयारी शुरू हो गई थी. जिस शख्स के हाथ हजारों हिंदुओं के खून से सने हैं. आज वो बांग्लादेश में आजाद घूम रहा है.

मोहम्मद यूनुस हिंदुओं के कत्लेआम के लिए जो फौज बना रहा है, अजहरुल इस्लाम उसका कमांडर है. 1971 में अजहरुल ने पूरे बांग्लादेश में न जाने कितने हिंदुओं को मरवाया था. अजहरुल इस्लाम को बांग्लादेश में ATM के नाम से बुलाया जाता है. 'ATM इस्लाम' जमात ए इस्लामी का आतंकी कमांडर है. 1971 में अजहरुल ने हिंदुओं पर कई हमले करवाए थे. 

1256 हिंदुओं की करवाई थी हत्या

'ATM इस्लाम' पर 1256 हिंदुओं को मारने का इल्जाम है. 17 लोगों को किडनैप और 13 हिंदू महिलाओं को रेप करना का आरोप भी है. इन्हीं आरोपों के तहत उसे फांसी की सजा सुनाई गई थी. लेकिन मोहम्मद यूनुस के सत्ता में आते ही इसी साल फरवरी के महीने में ATM इस्लाम को दोबारा कोर्ट में अपील करने का मौका दिया गया. जिस कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई, आज उसी कोर्ट ने उसे बाइज्जत बरी कर दिया. माना जा रहा है कि ATM इस्लाम की रिहाई के बाद हिंदुओं पर हमले का सिलसिला फिर से शुरू हो जाएगा, जिसकी तस्वीरें आनी शुरू भी हो गई हैं.

मंगलवार को कुछ कट्टरपंथियों ने बांग्लादेश के मानिकगंज में काली मंदिर पर हमला कर दिया. कट्टरपंथियों ने मंदिर को आग के हवाले कर दिया. आग इतनी भयानक थी की कई घंटों तक धुंआं उठता रहा. जो सिलसिला 5 अगस्त 2024 को शेख हसीना के तख्तापलट के बाद शुरू हुआ था.. वो थमने की जगह और बढ़ता जा रहा है. ये सब मोहम्मद यूनुस की एक सोची समझी साजिश का एक हिस्सा है. 

रजाकारों की फौज बना रहे यूनुस

यूनुस अंदरखाने रजाकारों की फौज तैयार कर रहे हैं. इस फौज में कौन कौन लोग शामिल हैं. इसका मकसद क्या है. आपको विस्तार से समझाएंगे लेकिन सबसे पहले आपको ये जानना होगा की रजाकार फौज है क्या.1970 में पाकिस्तान की फौज ने ईस्ट पाकिस्तान यानी आज के बांग्लादेश में एक वॉलंटीयर फौज तैयार की थी, जिसे नाम दिया गया था रजाकार. रजाकारों को पाक फौज ने लोकल सपोर्ट पाने के लिए तैयार किया था लेकिन रजाकारों ने स्थानीय हिंदुओं पर अत्याचार करना शुरू कर दिया. 

#DNAWithRahulSinha | हिंदुओं का हत्यारा 'ATM इस्लाम' रिहा हो गया, बांग्लादेश में 1971 वाला दौर आने वाला है?#DNA #Bangladesh #BangladeshCrisis #BangladeshiHindus @RahulSinhaTV pic.twitter.com/zNuJ7vPK2Z

— Zee News (@ZeeNews) May 28, 2025

रजाकारों की फौज ही हिंदुओं की हत्याओं में शामिल थी. रजाकारों पर ही हिंदू महिलाओं के साथ दुष्कर्म का आरोप था. कुल मिलाकर रजाकार नाम तब ईस्ट पाकिस्तान में हिंदुओं के लिए आतंक का पर्याय बन गया था. मोहम्मद यूनुस आज 54 साल बाद एक बार फिर हिंदुओं के खिलाफ रजाकारों की फौज तैयार कर रहा है और आज के रजाकारों को वो चुन चुन कर बांग्लादेश की जेल से रिहा करवा रहा है.

जेल से बाहर आ रहे हत्यारे

इसका सबसे ताजा उदाहरण आतंकी ATM अजहरुल इस्लाम है. इससे पहले छोटा लादेन के नाम से जाना जाने वाला जसीमुद्दीन रहमानी रिलीज हुआ था. छोटा लादेन अंसारुल्लाह बांगला टीम का चीफ है जो अल कायदा का एक गुट है. बांग्लादेश की आर्मी से बर्खास्त हो चुके सय्यद जिया उर्फ मेजर जिया को भी रिहा कर दिया गया. मेजर जिया के ISI से संबंध बताए जाते हैं. इसके सिर पर अमेरिका ने पांच मिलियन डॉलर का इनाम रखा था. 
यूनुस की सरकार ने अब्दुस सलाम पिंटू को भी रिहा कर दिया. पिंटू के संबंध भी लश्कर ए तैयबा से हैं.

एक के बाद एक इन लोगों के जेल से रिहा होने पर एक सवाल खड़ा होता है.. कि क्या 1971 की तरह एक बार फिर यूनुस की ये रजाकार फौज एक बार फिर हिंदुओं का नरसंहार करने के लिए तैयार है.. और अगर ये थ्योरी सच है तो क्या एक बार फिर मुक्तिवाहिनी की जरूरत है..

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