Trump Tariff: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने अब तक कई देशों को अपने टैरिफ के वार से निशाना बना चुके हैं. कुछ नामों की बात करें तो इस सूची में पड़ोसी कनाडा, ब्राजील और मेक्सिको से लेकर तमाम यूरोपीय देशों पर टैरिफ बम से प्रचंड प्रहार किया है और इन पर 50 फीसदी तक का टैरिफ लगाया है. इन सभी देशों को डेड लाइन दे दी गई है. उन्हे बता दिया गया है कि नीचे बताया गया Trump Tariff लागू होने की 1 अगस्त तय की गई है और इससे पहले कई और देशों के बारे में अहम ऐलान हो सकता है. ल
ट्रंप टैरिफ की लिस्ट-लेटर बंट चुके
सीरियल | देश | टैरिफ दर |
1 | ब्राजील | 50% |
2 | लाओस | 40% |
3 | म्यांमार | 40% |
4 | थाइलैंड | 36% |
5 | कंबोडिया | 36% |
6 | कनाडा | 35% |
7 | बांग्लादेश | 35% |
8 | सर्बिया | 35% |
9 | इंडोनेशिया | 32% |
10 | पूरा यूरोप (EU) | 30% |
11 | द. अफ्रीका | 30% |
12 | मेक्सिको | 30% |
13 | श्रीलंका | 30% |
14 | बोस्निया हर्जेगोविना | 30% |
यूरोपियन यूनियन समेत कई देशों ने जताई नाराजगी
इन सभी देशों को चिठ्ठी लिखकर सारा हिसाब किताब बता दिया गया है. आपको बताते चलें कि यूरोपियन यूनियन की सर्वेसर्वा नेता उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने अमेरिकी फैसले पर नाराजगी जताते हुए कहा कि यूरोपीय संघ के देशों से जुड़े निर्यात पर 30 फीसदी का टैरिफ अटलांटिक के दोनों ओर के व्यवसायों, उपभोक्ताओं और मरीजों के लिए घाटे का सौदा होगा.
भारत की स्थिति क्या है?
जिस तारीख से ट्रंप ने अपने टैरिफ बम की धमकी दी थी उसके बाद से भारत कई बार अलग-अलग मंचों से अमेरिका को बता चुका है कि भारत अपने हितों अपने प्रोडक्ट्स अपने किसानों और कारोबारियों के हितों से समझौता नहीं करेगा. अगर किसी ने भी भारत को टैरिफ की धमकी दी तो उसे व्यापक टैरिफ लगातार जवाब दिया जाएगा. भारत अपने हितों की रक्षा करना जानता है. ऐसे में ट्रंप और उनका प्रशासन भी सधी बयानबाजी कर रहा है.
भारत-अमेरिकी डील पर मुहर लगनी बाकी
भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील (India-US Trade Deal) के लिए निगोशिएशन यानी बातचीत का दौर जारी है. दोनों ओर से अच्छी और म्यूचुअल हितों का ध्यान रखने जैसी बातें हो रही हैं. डील अभी तक फाइनल नहीं हो सकी है. हालांकि ट्रंप ने भारत पर टैरिफ को लेकर जो संकेत दिए, उससे ये लगता है कि भारत पर अमेरिकी टैरिफ की दर 20 फीसदी के आसपास रह सकती है. ट्रंप भी समझदार हैं दूर के हितों को ध्यान में रखते हुए वो कह चुके हैं कि जरूरी नहीं है कि हर देश को लेटर भेजा जाए, जो हमारे व्यापारिक साझेदार हैं, उनपर 15 से 20 फीसदी तक ही होगा.
ऐसे में भारतीय कृषि और डेयरी उत्पादक हों या अन्य चीजों के निर्यातक किसी को चिंता करने की जरूरत नहीं है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि अगले हफ्ते या दो हफ्तों में राजीखुशी वाली डील का ऐलान हो सकता है.