DU चुनावों के लिए नई शर्तें,1 लाख रुपये का बॉन्ड, तोड़फोड़ पर जुर्माना, निलंबन

2 weeks ago

Last Updated:August 09, 2025, 19:05 IST

DU New Guidelines: दिल्ली विश्वविद्यालय ने DUSU चुनावों में परिसर की साफ-सफाई और तोड़फोड़ रोकने के लिए नए सख्त नियम जारी किए हैं, जो अनुशासन, जवाबदेही और कानूनी मानकों के कड़ाई से पालन पर आधारित हैं.

DU चुनावों के लिए नई शर्तें,1 लाख रुपये का बॉन्ड, तोड़फोड़ पर जुर्माना, निलंबनDU ने चुनाव को लेकर नई गाइडलाइंस जारी की है.

DU New Guidelines: दिल्ली विश्वविद्यालय ने छात्र संघ (DUSU) चुनावों के दौरान परिसर में स्वच्छता बनाए रखने और तोड़फोड़ को रोकने के उद्देश्य से नए नियमों और निर्देशों का ऐलान किया है. यह अधिसूचना शुक्रवार को जारी की गई, जिसमें अनुशासन, जवाबदेही और कानूनी नियमों के सख्त पालन पर ज़ोर दिया गया है. ये निर्देश विश्वविद्यालय अधिनियम, न्यायालय के आदेश और लिंगदोह समिति की सिफारिशों के आधार पर तैयार किए गए हैं.

परिसर में विरूपण रोकने के लिए उठाए गए कदम

अब प्रत्येक छात्र को प्रवेश के समय रैगिंग विरोधी घोषणा-पत्र की तरह ही विरूपण न करने का हलफनामा देना होगा. चुनाव प्रचार के दौरान प्रत्येक कॉलेज में अनुशासन बनाए रखने और सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा के लिए विशेष अभिविन्यास सत्र आयोजित किए जाएंगे. प्रचार के लिए प्रत्येक संस्थान में दो “लोकतंत्र की दीवारें” बनाई जाएंगी, जहां ही चुनाव संबंधी पोस्टर लगाए जा सकेंगे. इसके अलावा, विश्वविद्यालय और कॉलेज दोनों स्तरों पर एक ऑनलाइन पोर्टल विकसित किया जाएगा, जिससे छात्र किसी भी उल्लंघन की सूचना दे सकेंगे.

उम्मीदवारों की जिम्मेदारियां और दंड नियम

हर उम्मीदवार को नामांकन प्रक्रिया के दौरान 1 लाख रुपये के जमानती बॉन्ड पर हस्ताक्षर करना अनिवार्य होगा, जिसमें वे परिसर की संपत्ति को नुकसान न पहुंचाने का वचन देंगे. अगर कोई गलत नाम का उपयोग करता है तो उसकी सूचना 24 घंटे के अंदर पुलिस को देनी होगी. नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना 25,000 रुपये तक हो सकता है, साथ ही निलंबन, निष्कासन या उम्मीदवार की अयोग्यता भी लागू हो सकती है. चुनाव प्रचार संबंधी गतिविधियों जैसे पोस्टर लगाना, रैलियों, रोड शो, लाउडस्पीकर और वाहनों के उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है. इसके स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक प्रचार को बढ़ावा दिया जाएगा.

नाम सत्यापन और पहचान के नियम

उम्मीदवार केवल अपने माध्यमिक या उच्चतर माध्यमिक शिक्षा प्रमाणपत्र में दर्ज नाम का ही उपयोग कर सकते हैं. नाम में कोई बदलाव केवल सरकारी प्रक्रिया के माध्यम से ही किया जा सकता है. प्रत्येक कॉलेज में ‘संपत्ति संरक्षण समिति’ बनाई जाएगी, जो परिसर की सुरक्षा सुनिश्चित करेगी. विश्वविद्यालय स्तर पर भी एक निगरानी समिति गठित की जाएगी जो इन नियमों के पालन की समीक्षा करेगी. चुनावी बहसों को ऑनलाइन आयोजित और सार्वजनिक किया जाएगा. साथ ही, बाहरी व्यक्तियों के परिसर में प्रवेश पर कड़ी निगरानी के लिए बायोमेट्रिक जांच की व्यवस्था की जाएगी.

डूसू पदाधिकारियों के लिए स्थान सीमित

डूसू पदाधिकारियों को केवल तीन स्थानों सम्मेलन केंद्र, शंकर लाल हॉल और कला संकाय का कमरा नंबर 22 में ही कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति दी जाएगी. गेस्ट हाउस और हॉस्टल बुकिंग पर पूर्ण रोक रहेगी. यह नियम सार्वजनिक संपत्ति संरक्षण अधिनियम, 1984, दिल्ली संपत्ति विरूपण निवारण अधिनियम, 2007, तथा न्यायालय के आदेशों के अनुरूप बनाए गए हैं. चुनाव समिति कड़ाई से इन नियमों के पालन को सुनिश्चित करेगी.

Munna Kumar

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...और पढ़ें

पत्रकारिता के क्षेत्र में 8 वर्षों से अधिक का अनुभव. दूरदर्शन, ज़ी मीडिया और News18 के साथ काम किया है. इन्होंने अपने करियर की शुरुआत दूरदर्शन दिल्ली से की, बाद में ज़ी मीडिया से जुड़े और वर्तमान में News18 Hin...

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First Published :

August 09, 2025, 19:05 IST

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