Last Updated:July 02, 2025, 21:52 IST
Election Commission on India: चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की विशेष गहन समीक्षा पर राजनीतिक दलों से चर्चा की. चुनाव आयोग ने करीब 3 घंटे तक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों संग चर्चा की. इंडिया गठबंधन के नेताओं ने चुन...और पढ़ें

हर पार्टी से दो लोगों को चुनाव आयोग ने दी अनुमति. (News18)
हाइलाइट्स
चुनाव आयोग ने मतदाता सूची की विशेष गहन समीक्षा पर राजनीतिक दलों से चर्चा की.चुनाव आयोग ने करीब 3 घंटे तक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों संग चर्चा की.इंडिया गठबंधन के नेताओं ने चुनाव आयोग पर गंभीर सवाल उठाए.Election Commission on India: चुनाव आयोग ने आज मतदाता सूची की विशेष गहन समीक्षा (SIR) पर राजनीतिक दलों से चर्चा की. इस दौरान विभिन्न दलों ने SIR प्रक्रिया पर चिंताएं जताई. मतदाता सूची समीक्षा पर राजनीतिक दलों से मुलाकात पर चुनाव आयोग का बयान सामने आया है. चुनावा आयोग ने कहा कि राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने SIR से संबंधित चिंताएं बातई हैं. कहा गया कि मतदाता सूची SIR की प्रक्रिया अनुच्छेद 326, जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 के तहत आती हैं. चुनाव आयोग ने प्रत्येक चिंता को पूरी गंभीरता और विस्तार से संबोधित किया. आयोग ने इस बात के लिए सभी राजनीतिक दलों को धन्यवाद दिया. बताया गया कि चुनाव आयोग ने SIR अभ्यास में भाग लेने के लिए 1.5 लाख से अधिक बूथ स्तर के एजेंट्स की नियुक्ति की है.
सिंघवी ने उठाए सवाल?
अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि लगभग 3 घंटे तक चर्चा हुई. 11 पार्टियों के साथ डेलिगेशन गया था. कई बार एंट्री के लिए नियम बताए गए. हर पार्टी के सिर्फ दो व्यक्ति अंदर जा सकते थे, ये बताया गया. इसको लेकर भी निर्वाचन आयोग में शिकायत की गई. 2003 से अब तक कई चुनाव हो चुके हैं. क्या चुनाव गलत थे. इंटेंसिव रिवीजन करना था तो अचानक फैसला क्यों किया गया. एक महीने में कैसे सब हो सकता है. एक दशक से आधार या राशन कार्ड चलता था. अब जन्म का दस्तावेज मांग रहे हैं. दशकों से जो लोग लिस्ट में वो अपना नाम अलग पाएंगे. इसपर चर्चा व्यापक होनी चाहिए थी,लेकिन जल्दबाजी में कर दिया. SIR का कहीं नहीं नाम लिया, अचानक फैसला किया गया. ये प्लेइंग फील्ड को विवादास्पद बना रहा है.
क्या बोले बिहार कांग्रेस अध्यक्ष?
बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश कुमार ने कहा कि चुनाव आयोग ने तुगलकी फरमान जारी किया है. लाखों, करोड़ों वोटर्स पर खतरा है. चुनाव आयोग में हमारी बात भी सही से नहीं सुनी गई. बिहार के वोटर्स के अधिकार छीने गए हैं. बिहार के काफी लोग बाहर रहते हैं ,वो वोटर्स कैसे बनेगा? प्राकृतिक आपदा से पीड़ित लोग कैसे डॉक्यूमेंट देंगे?
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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