Last Updated:July 21, 2025, 17:44 IST
सुप्रीम कोर्ट ने IIT खड़कपुर-शारदा यूनिवर्सिटी सुसाइड केस पर संज्ञान लेते हुए सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन से गंभीर सवाल पूछे हैं. साथ ही कहा गया कि अगर नियमों का पालन नहीं किया गया तो इस मामले में सख्त एक्...और पढ़ें

हाइलाइट्स
सुप्रीम कोर्ट ने आईआईटी खड़कपुर और शारदार यूनिवर्सिटी केस पर चिंता जताई.देश की सर्वोच्च अदालत ने आज छात्रों के सुसाइड पर स्वयं संज्ञान लिया.कोर्ट ने कहा कि नियमों का पालन नहीं किया गया तो सख्त एक्शन लिया जाएगा.नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने आज IIT खड़गपुर और शारदा यूनिवर्सिटी में हुई दो छात्र की आत्महत्याओं पर स्वतः संज्ञान लिया. कोर्ट ने दोनों संस्थानों से पूछा है कि क्या इन घटनाओं की सूचना तुरंत पुलिस को दी गई थी और क्या आपराधिक मामलों के लिए FIR दर्ज की गई थी. जस्टिस जे.बी. परदीवाला और जस्टिस आर. महादेवन की बेंच ने शिक्षा व्यवस्था में खामियों पर गहरी चिंता जताते हुए कहा कि अगर FIR तुरंत दर्ज नहीं हुई तो अवमानना कार्यवाही शुरू की जाएगी.
कुछ गड़बड़ है…
IIT खड़गपुर में 18 जुलाई को चौथे वर्ष के मैकेनिकल इंजीनियरिंग छात्र रीतम मंडल ने आत्महत्या की थी. सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश सरकारों से भी रिपोर्ट मांगते हुए कहा कि “कुछ गड़बड़ है”. कोलकाता निवासी रीतम पांच साल के डुअल डिग्री प्रोग्राम में थे. यह इस साल जनवरी से IIT खड़गपुर में चौथा आत्महत्या का मामला है. 12 जनवरी को तीसरे वर्ष के इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग छात्र शॉन मलिक का शव फंदे से लटका मिला था.
शिक्षकों पर उत्पीड़न का आरोप
वहीं, शारदा यूनिवर्सिटी में दूसरी वर्ष की बीडीएस छात्रा ज्योति शर्मा ने हॉस्टल में आत्महत्या की. ज्योति के सुसाइड नोट में दो शिक्षकों पर मानसिक उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जिसके बाद उनकी गिरफ्तारी हुई. सुप्रीम कोर्ट ने इन मामलों की अगली सुनवाई 28 जुलाई को निर्धारित की है और वरिष्ठ अधिवक्ता अपर्णा भट्ट को अमिकस क्यूरी यानी न्याय मित्र नियुक्त किया है ताकि वे विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराएं. कोर्ट ने मार्च 2024 में हर आत्महत्या के लिए FIR दर्ज करने का आदेश दिया था और IIT दिल्ली में दो आत्महत्याओं के बाद इस मुद्दे का दायरा बढ़ाया.
राष्ट्रीय टास्क फोर्स का हो चुका गठन
सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व जज जस्टिस एस. रवींद्र भट की अध्यक्षता में एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स गठित की, जो यौन उत्पीड़न, रैगिंग और जातिगत भेदभाव जैसे कारणों की जांच कर रही है. टास्क फोर्स की प्रारंभिक रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है. सुप्रीम कोर्ट ने शिक्षा संस्थानों में मानसिक स्वास्थ्य, रैगिंग और भेदभाव जैसे मुद्दों पर गंभीर चिंता जताई. यह कदम देश की शिक्षा व्यवस्था में सुधार और छात्रों की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है.
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें
पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...
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