FIR से गायब है सबसे बड़ा आरोप... निक्की मर्डर की एफआईआर में कौन-कौन से सेक्शन?

6 hours ago

Last Updated:August 25, 2025, 18:54 IST

Nikki Bhati dowry murder FIR: ग्रेटर नोएडा के निक्की भाटी मर्डर केस की एफआईआर सामने आई है. इस केस में निक्की भाटी के परिवार को जो सबसे बड़ा आरोप था वो पहले एफआईआर की कॉपी में नहीं है. अभी मामले की जांच चल रही ह...और पढ़ें

FIR से गायब है सबसे बड़ा आरोप... निक्की मर्डर की एफआईआर में कौन-कौन से सेक्शन?गेटर नोएडा में निक्की भाटी की हत्या के मामले की एफआईआर सामने आई.

ग्रेटर नोएडा. निक्की भाटी की दहेज हत्या के मामले में अब तक का सबसे बड़ा अपडेट सामने आया है. निक्की भाटी मर्डर केस की पहली एफआईआर सामने आई है और इसमें दहेज की धारा नहीं है. हो सकता है पुलिस इस मामले की आगे जांच के बाद दहेज की धारा जोड़ सकती है. निक्की के पति विपिन भाटी को पुलिस मुठभेड़ के दौरान पैर में गोली लगी और इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. विपिन भाटी को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.

पुलिस ने बताया कि मृतक के पति पर अपनी पत्नी को आग लगाने का आरोप था, जो बाद में अपनी चोटों के कारण मर गई. उस पर निक्की के साथ बार-बार मारपीट करने का भी आरोप था. अस्पताल के बिस्तर से ANI से बात करते हुए, भाटी ने आरोपों को खारिज कर दिया था. विपिन भाटी ने कहा कि मैंने उसे नहीं मारा. वह खुद ही मर गई. उन्होंने कहा कि जब उनसे शारीरिक हमले के आरोपों के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने जवाब दिया और कहा कि पति-पत्नी के बीच अक्सर झगड़े होते हैं, यह बहुत सामान्य है.

एफआईआर में कौन कौन सी धाराएं…
BNS धारा 103(1) – हत्या (Murder)
क्या कहता है कानून? – जो कोई हत्या करता है, उसे फांसी या आजीवन कारावास की सजा हो सकती है और उसे जुर्माना भी देना पड़ सकता है.
क्या हो सकती है सजा? – मृत्युदंड या आजीवन कैद हो सकती है. यह अपराध नॉन-बेलेबल है और सत्र न्यायालय में जुर्माना भी लग सकता है.

BNS धारा 115(2) – जानबूझकर चोट पहुंचाना
क्या कहती है धारा? यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर या यह जानते हुए कि उससे चोट पहुंचने की संभावना है, किसी को चोट पहुंचाता है तो यह ‘जानबूझकर चोट पहुंचाना’ माना जाता है.
क्या हो सकती है सजा – इम्प्रिजनमेंट (सज़ा की कालावधि) – अधिकतम 1 वर्ष तक की कैद. जुर्माना – अधिकतम ₹10,000 रुपये या दोनों—कैद और जुर्माना.

BNS धारा 61(2) – आपराधिक षड़यंत्र
क्या कहती है धारा? दो या अधिक लोग एक साथ मिलकर अवैध काम करने के लिए या वैध काम को अवैध तरीके से करने का समझौता करते हैं, तो यह अपराधिक षड़यंत्र माना जाता है.
क्या है सजा? यदि षड़यंत्र किसी ऐसे अपराध से जुड़ा है, जिसकी सजा फांसी, आजीवन कारावासया न्यूनतम दो वर्ष कठोर कारावास हो, तो षड़यंत्र के सदस्य की सज़ा उसी अपराध की तरह की जाएगी जैसे वह दोषी ने किया हो.

पिता ने क्या कहा था…
पीड़िता के पिता ने कहा था कि उसकी बेटी 70 प्रतिशत जल चुकी थी और नई दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में मृत घोषित कर दी गई. जैसे ही मेरी बड़ी बेटी ने मुझे फोन किया, मैं वहां पहुंच गया. डॉक्टर ने मुझे बताया कि वह 70% जल चुकी है. हम उसे सफदरजंग अस्पताल ले गए. डॉक्टर ने मुझे उसे वापस ले जाने के लिए कहा क्योंकि वह जीवित नहीं रह पाएगी. उसे (उसके पति को) फांसी दी जानी चाहिए. बेटी की शादी साल 2016 में हुई थी. शादी के कुछ दिनों बाद ही उसने उसे परेशान करना शुरू कर दिया. उन्होंने 35 लाख रुपये की मांग की और उसने अपना काम शुरू किया. उसका पति उसके द्वारा कमाए गए पैसे मांगने लगा. मैं मांग करता हूं कि कोर्ट और मुख्यमंत्री उसे मौत की सजा दें.

क्या है पीड़ित परिवार की मांग
मृतक महिला निक्की भाटी के परिवार ने कसाना पुलिस स्टेशन के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था और न्याय की मांग की. मृतक महिला के पिता ने आरोप लगाया कि उसके ससुरालवालों ने दहेज की मांग के कारण उसे मार डाला. उसकी सास ने केरोसिन डाला जबकि उसके पति ने उसे आग लगा दी. वे लगातार दहेज की मांग करते रहे थे. अब उनकी मांगें पूरी हो गई हैं. मैंने अपनी बेटी की शादी परंपरा के अनुसार की, उनकी दहेज की मांगें अब पूरी हो गई हैं क्योंकि मेरी बेटी मर गई है. उन्होंने कार की मांग की और मेरी बेटी को इसके लिए प्रताड़ित किया.

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Location :

Greater Noida,Gautam Buddha Nagar,Uttar Pradesh

First Published :

August 25, 2025, 18:51 IST

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