डोनाल्ड ट्रंप ने अपनी कैबिनेट लगभग चुन ली है. इनमें से ज्यादातर ऐसे हैं, जिसका भारत के प्रति लगाव साफ नजर आता है. वे भारत को फायदा पहुंचाएं या न पहुंचाएं, लेकिन नुकसान तो नहीं होने देंगे. लेकिन सिर्फ एक नाम स्टीफन मिलर का ऐसा है, जिसे लेकर टेक और आइटी प्रोफेशनल्स में थोड़ी बेचैनी है. क्योंकि उनके जिस तरह के बयान रहे हैं और अब वे इमीग्रेशन को लेकर काफी हार्डलाइनर रहे हैं. वे विदेशियों को बाहर करने की बातें करते रहे हैं. H-1B वीजा में लॉटरी सिस्टम खत्म करने की बात करते रहे हैं. अगर ये सबकुछ हुआ तो सबसे ज्यादा नुकसान इंडियन प्रोफेशनल्स को हो सकता है, जो वर्षों से H-1B वीजा की आस लगाए बैठे हैं.
अमेरिका में H-1B वीजा उन लोगों को दिया जाता है, जो काम करने आते हैं. साइंस, इंजीनियरिंंग और प्रोग्रामिंग जैसे फील्ड से आने वालों को तवज्याे दी जाती है और इसका सबसे बड़ा लाभ भारतीय टेक प्रोफेशनल्स को मिलता रहा है. हर साल 65,000 वीजा जारी किए जाते हैं. वहां की कंपनियां चाहती हैं कि इसे लागू रहना चाहिए, क्योंकि इसकी बदौलत ही स्मार्ट ब्रेन उन्हें मिलता है. लेकिन विरोधियों का दावा है कि इससे घरेलू प्रोफेशनल्स के लिए मौके कम जाते हैं. ऐसा सोचने वालों में स्टीफन मिलर भी हैं.
ट्रंप के बेहद खास
अब जब 2024 में ट्रंप और स्टीफन मिलर दोनों व्हाइट हाउस में वापस आ चुके हैं, तो इंडियन प्रोफेशनल्स के लिए इसका क्या मतलब है? आइए जानते हैं. स्टीफन मिलर ट्रंप के बेहद खास हैं, उनके भाषण लिखते रहे हैं. माना जाता है कि व्हाइट हाउस में नीतियां बनाने में उनका सबसे अहम रोल रहने वाला है. ट्रंप के पहले कार्यकाल के दौरान भी उन्हें सबसे सख्त इमीग्रेशन ऑफिसर माना गया था. अब उन्होंने देश का सबसे बड़ा इमीग्रेशन कैंपेन चलाने का ऐलान किया है. यह एक चिंता की बात हो सकती है, क्योंंकि इसकी जद में तमाम इंडियन प्रोफेशनल भी आ सकते हैं.
टेक कंपनियों की राय
जब गूगल, फेसबुक समेत अमेरिका की टॉप कंपनियों से H-1B वीजा खत्म करने के बारे में पूछा गया, तो किसी ने भी विरोध नहीं किया. लेकिन माइक्रोसाफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने कहा-हमें एक ऐसा सिस्टम अपनाना चाहिए, ताकि जरूरत पड़ने पर हम विदेश से टैलेंट ला सकें. जबकि मिलर मानते हैं कि अमेरिका के पास भी टैलेंटेड लोग हैं. उनका इस्तेमाल होना चाहिए. अगर हम कुछ कड़े नियम लागू कर दें तो एच1बी वीजा के आवेदनों पर रोक लगाई जा सकती है. हालांकि, ट्रंप के एक और सहयोगी एलन मस्क मानते हैं कि टैलेंट, जहां से भी मिले, ले लेना चाहिए. इसके बावजूद मिलर का रुख साफ है, जो दिखाता है कि इमीग्रेशन को लेकर वे सख्त फैसला ले सकते हैं, जो भारतीयों के लिए मुश्किल भरा हो सकता है.
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FIRST PUBLISHED :
November 14, 2024, 21:32 IST