ईरान में मारे गए हमास नेता इस्माइल हनीयेह, गाजा में युद्ध के दौरान फिलिस्तीनी ग्रुप की इंटरनेशनल डिप्लोमेसी का कठोर चेहरा माने जाते थे. अपनी तीखी बयानबाजी के बावजूद, उन्हें गाजा के अंदर ईरान समर्थित ग्रुप के अधिक कट्टरपंथी सदस्यों की तुलना में उदारवादी के रूप में देखा गया था. 2017 में हमास के शीर्ष पद पर नियुक्त होने के बाद, हनीयेह तुर्की और कतर की राजधानी दोहा के बीच घूमते रहे, जिससे वे नाकाबंदी वाले गाजा पट्टी के यात्रा प्रतिबंधों से बच गए और युद्धविराम वार्ता में वार्ताकार के रूप में काम करने या हमास के सहयोगी ईरान से बात करने के काबिल बने रहे.
7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों द्वारा इजरायल पर अपना सबसे बड़ा हमला करने के तुरंत बाद कतर स्थित अल जजीरा टेलीविजन पर हनीयेह ने घोषणा की, 'आपने (अरब देशों ने) (इजरायल) के साथ जो भी समझौते किए हैं, वे इस संघर्ष को समाप्त नहीं करेंगे.'
इस हमले के जवाब में इजरायल ने गाजा में मिलिट्री ऑपरेशन की घोषणा कर दी जिसमें क्षेत्र के फिलिस्तीनी अधिकारियों के मुताबिक अब तक गाजा के अंदर 35,000 से अधिक लोग मारे गए हैं.
अप्रैल में मारे गए तीन लबेट और पोते-पोतियां
कुछ महीनों पहले एयर स्ट्राइक में मारे गए हनियेह के तीन बेटे मारे गए थे. हमास के मुताबिक हनीयेह के तीन बेटे - हेज़म, आमिर और मोहम्मद - 10 अप्रैल को मारे गए, जब एक इजरायली एयर स्ट्राइक में उनकी कार पर हमला हुआ. हमास ने कहा कि हमले में हनीयेह ने अपने चार पोते-पोतियों, तीन लड़कियों और एक लड़के को भी खो दिया.
हनियेह ने इजरायल के इस दावे का खंडन किया कि उनके बेटे हमास के लिए लड़ाके थे. जब उनसे पूछा गया कि क्या उनके बेटों की हत्या से युद्धविराम वार्ता पर असर पड़ेगा, तो उन्होंने कहा कि 'फिलिस्तीनी लोगों के हितों को हर चीज से ऊपर रखा जाता है.'
सार्वजनिक रूप से कठोर भाषा के बावजूद, अरब राजनयिकों और अधिकारियों ने उन्हें गाजा के अंदर अधिक कट्टरपंथी आवाजों की तुलना में अपेक्षाकृत व्यावहारिक माना.