Last Updated:October 03, 2025, 19:55 IST
OPERATION SINDOOR FEAR FOR PAK: पाकिस्तान के लिए आतंकी तंजीम और उनके मुखिया की सुरक्षा के लिए पूरी मशीनरी तैनात कर देती है. पाकिस्तान ने तो बहावलपुर में जैश के हेडक्वाटर की सुरक्षा के लिए एयर डिफेंस सिस्टम तक तैनात कर दिए थे. लेकिन पाकिस्तान के चीनी एयर डिफेंस भी उन्हें बचा नहीं सकी. अब नई जगह नए पते का पता भी भारतीय खुफिया एजेंसियों के पास है.जब चाहे उन्हें फिर से जमीदोज कर सकते है.

OPERATION SINDOOR FEAR FOR PAK: ऑपरेशन सिंदूर के डर से पाकिस्तान के आतंकी संगठनों ने अपने हेडक्वार्टर और ट्रेनिंग सेंटर को LoC से दूर स्थापित करना शुरू कर दिया है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक खैबर पख्तूनख्वा में तेजी से नए निर्माण जारी हैं. ISI और आतंकी तंजीमों को लग रहा होगा कि ऐसा करने से वे भारतीय वायुसेना के रडार से बाहर हो गए हैं और अब भारत कोई स्ट्राइक नहीं कर सकेगा. लेकिन कुछ पल के इस भ्रम को भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल ए. पी. सिंह ने चंद पलों में ही तोड़ दिया. IAF चीफ का सख्त संदेश साफ नजर आया कि कहीं भी छुपो, बच नहीं सकते.पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में आतंकवादी समूहों द्वारा मुख्यालय स्थापित करने की खबरों पर एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने साफ कहा “यह तो अपेक्षित था. हमें भी ऐसी खबरें मिल रही हैं कि उनके ठिकाने बदले जा रहे हैं और अब वे बड़े ढांचों के बजाय छोटे ढांचे बनाएंगे. लेकिन अगर खुफिया जानकारी उपलब्ध है, तो हमारे पास किसी भी उनके ठिकाने तक जाकर सटीक हमला करने की पूरी क्षमता है. हम उन्हें और उनके ठिकानों को नष्ट कर सकते हैं. हमारे विकल्प पहले जैसे ही रहेंगे.”
बदल रहे हैं आतंकी तंजीमों के पते
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना ने लश्कर का हेडक्वार्टर मुरीदके में,और जैश-ए-मोहम्मद का हेडक्वार्टर बहावलपुर में निशाना बनाया था. इस हमले से हिल चुके दोनों संगठनों ने अपने मुख्यालय बदल रहे हैं. रक्षा सूत्रों के मुताबिक जैश-ए-मोहम्मद ने अब अपना नया हेडक्वार्टर खैबर पख्तूनख्वा में बना लिया है. हिजबुल मुजाहिदीन भी सारा ढांचा समेटकर खैबर ही पहुंच गया है और HM-313 नाम से नया मुख्यालय स्थापित किया गया है. यह दोनों हेडक्वार्टर खैबर के दूरदराज इलाकों में बनाए गए हैं. इसके मुख्य कारण है. भारतीय वायुसेना की भविष्य की स्ट्राइक से खुद को बचाना.अफगानिस्तान सीमा के पास होने के कारण यह इलाका आतंकियों के छिपने के लिए उपयुक्त माना जाता है. यह इलाका अफगान युद्ध के दौरान से ही आतंकियों का सुरक्षित पनाहगाह रहा है.
खैबर में हिजबुल का ट्रेनिंग सेंटर HM-313
भारतीय थलसेना ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान PoK में एलओसी के पास 7 आतंकी ट्रेनिंग सेंटर को जमींदोज कर दिया था. अब पाकिस्तान की ISI ने ट्रेनिंग सेंटर के लिए नई जगह दी गई है. इसी के तहत हिजबुल मुजाहिदीन को भी जगह मिली है. हालांकि, इस काम के लिए तैयारी पहले से ही जारी थी. रक्षा सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना के रिटायर्ड कमांडो खालिद खान को खैबर पख्तूनख्वा में नए हेडक्वार्टर और ट्रेनिंग सेंटर बनाने की जिम्मेदारी दी गई है. यह जगह खैबर पख्तूनख्वा के लोअर दीर के बंदाई इलाके में है. इसका नाम दिया गया है “HM 313”. खास बात यह है कि इस जमीन की खरीद अगस्त 2024 में ही की गई थी. ऑपरेशन सिंदूर के बाद इस जगह पर फिर से काम शुरू हुआ है.
लश्कर को पाकिस्तानी फौज की सुरक्षा
ISI ने हिजबुल और जैश के हेडक्वार्टर को खैबर में शिफ्ट किया तो लश्कर को भी सुरक्षित जगह पहले ही दे दी थी. जैश के हेडक्वार्टर रहे बहावलपुर में अब लश्कर को शिफ्ट किया गया है. अब जब जैश के हेडक्वाटर पर ऑपरेशन सिंदूर में स्ट्राइक को अंजाम दिया गया तो अगली बार लश्कर के ठिकाने भी निशाना बनाए जा सकते है. खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, लश्कर कमांडर सैफुल्लाह सैफ को इसका काम सौंपा गया. लश्कर के मुख्यालय को मुरीदके से हटाकर बहावलपुर में पाक सेना के एक बड़े और सामरिक तौर पर महत्वपूर्ण मिलिट्री स्टेशन के पास शिफ्ट किया गया है. लश्कर पाकिस्तान फौज का सबसे वफादार संगठन माना जाता है. लश्कर के हेडक्वार्टर को शिफ्ट करने के पीछे ISI के पास कई वजहें हैं. सेना की छत्रछाया में लाने के पीछे की वजह यह है कि आतंकियों की मीटिंग, ट्रेनिंग, लॉजिस्टिक, इंटेलिजेंस शेयरिंग, फंडिंग और सुरक्षा करना पाक आर्मी और ISI के लिए आसान होगा. बहावलपुर में पाक सेना की 31 कोर हेडक्वार्टर और 5-फ्रंटियर कोर विंग भी स्थित हैं.
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First Published :
October 03, 2025, 19:55 IST