Last Updated:July 26, 2025, 20:44 IST
ALL ARMS BRIGADE 'RUDRA': IBG का इंतजार लंबा हो चला है. 2020 में चीन के साथ हुए तनाव और फिर ऑपरेशन सिंदूर में जिस तरह से सेना ने समन्वय से ऑपरेट किया, वह सबने देखा. अब उसी समन्वय को एक नई शक्ल दी गई है, जिसका न...और पढ़ें

हाइलाइट्स
ऑल आर्म्स ब्रिगेड 'रूद्र' का गठन हुआ.रूद्र ब्रिगेड में इंफेंट्री, टैंक, आर्टिलरी शामिल.सेना प्रमुख ने करगिल दिवस पर रूद्र का एलान किया.ALL ARMS BRIGADE ‘RUDRA’: चीन ने अपनी पूरी सैन्य इलाकों को 5 थियेटर कमांड में बदल दिया है. भारतीय सीमा से लगने वाले कमांड का नाम है- वेस्टर्न थियेटर कमांड. इस कमांड में चीन की थल सेना और वायुसेना एक साथ तैनात हैं. यही नहीं, चीन ने अपनी कई सैन्य डिविजन को कंबाइनड आर्म्ड ब्रिगेड (CAB) में बदल दिया है. अब इस तैनाती का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत का इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप लगभग तैयार है. लंबे समय से इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप की तैयारी चल रही थी, लेकिन सरकार की तरफ से उसे मंजूरी नहीं मिल रही थी. लिहाजा मौजूदा चुनौतियों को देखते हुए आर्मी चीफ ने ऑल आर्म्स ब्रिगेड के गठन की मंजूरी दे दी. इसका नाम रखा गया है ‘रूद्र’. चीन के कंबाइनड आर्म्ड ब्रिगेड को अब भारतीय रूद्र सबक सिखाएगा. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने 26वें कारगिल दिवस के मौके पर इसका एलान किया.
क्या है यह ‘रूद्र’?
ऑल आर्म्स ग्रुप ‘रूद्र’ के गठन की प्रक्रिया पहले से ही चल रही थी. ऑपरेशन सिंदूर के दौरान इसकी रफ्तार को बढ़ाया गया. सूत्रों के मुताबिक, अभी सेना के 2 इंफेंट्री ब्रिगेड को ‘रूद्र’ ब्रिगेड में तब्दील कर दिया गया है और इनकी तैनाती भी की जा चुकी है. करगिल वॉर मेमोरियल से आर्मी चीफ ने अपने संबोधन में कहा कि ‘रूद्र’ के रूप में नई ऑल आर्म्स ब्रिगेड्स का गठन किया जा रहा है. एक दिन पहले ही उस फाइल पर दस्तखत कर के आए हैं, जिनमें इंफ्रेंट्री, मैकेनाइज्ड इंफ्रेंट्री, टैंक, आर्टिलरी यूनिट, स्पेशल फोर्सेस और अनमैन्ड एरियल सिस्टम जैसे फाइटिंग कंपोनेंट को एक साथ मिलाया गया है. इन्हें खास तौर से तैयार किए गए लॉजिस्टिक्स सपोर्ट और कॉम्बेट सपोर्ट मिलेगा. इस ब्रिगेड को ब्रिगेडियर ही कमांड करेंगे.
क्या है IBG?
इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप का मकसद यह है कि भारतीय सेना की ताकत यानी इंफैंट्री, आर्म्ड, आर्टिलरी और एविएशन विंग को एक साथ समन्वय के साथ बेहतर तालमेल के एक छत के नीचे लाना. दरअसल, ये बैटल ग्रुप अमेरिकी सेना की तर्ज पर ही काम करेंगे. यानी कि एक 2 स्टार जनरल की कमान में सभी यूनिट एक साथ काम करेंगी. एक माउंटेन स्ट्राइक कोर के तहत कम से कम 3 इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप होंगे. हर एक ग्रुप में इंफेंट्री सैनिकों के साथ-साथ इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल, टैंक, आर्टिलरी तोपों के साथ-साथ हेलीकॉप्टर भी शामिल होंगे. ये बैटल ग्रुप चीन और पाकिस्तान की सीमा के पास तैनात होंगे, जो किसी भी मौसम में दुश्मन से लड़ने के लिए पूरी तरह से तैयार होंगे. अभी तक तो इंफेंट्री, आर्टिलरी, टैंक रेजीमेंट अलग-अलग यूनिट्स की तरह काम करते हैं, लेकिन इस बैटल ग्रुप में ये सब एक साथ होंगे. इसका सबसे बड़ा मकसद यह है कि लड़ाई के हालात में देश के अलग-अलग हिस्सों में तैनात इन रेजिमेंट के मूवमेंट में जो समय जाया होता था, अब वह नहीं हुआ करेगा. इंटीग्रेटेड बैटल ग्रुप की मंजूरी के लिए गवर्नमेंट सेंक्शन लेटर ड्राफ्ट भेजा जा चुका है, लेकिन अभी तक कोई मंजूरी नहीं मिली. सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने पहले ही साफ कर दिया है कि इस साल IBG का गठन हुआ तो सही, वरना कभी नहीं.