Iran News: इजरायल से जंग के अगले राउंड की तैयारी में 'खलीफा'; इस मुल्क से हासिल कर रहा खतरनाक मिसाइलें

3 hours ago

Iran Preparing next round of battle with Israel: ईरान की चाल को कमजोर करने की साज़िश अब पुरानी बात हो चुकी है.. अब खलीफा से लड़ना होगा.. तो उससे पहले 100 बार सोचना होगा.. ऐसा इसलिए क्योंकि ईरान-इज़रायल के बीच महाजंग के बाद ईरान अब और मज़बूत हो चुका है. उसने अपने मिसाइली ठिकानों को चीनी मदद से मजबूत कर ली है. लिहाजा इजरायल को तेहरान के खिलाफ आक्रामक होने से पहले अब सोचना पड़ सकता है. इज़रायल से अदावत के बीच ईरान की चीन से नई दोस्ती किसी भी दुश्मन देश की हेकड़ी निकाल सकता है. ख़बर है कि खलीफा ने ड्रैगन से सीक्रेट डील कर ली है कि वो उसे कच्चा तेल देगा और उसके बदले चीन ईरान को मिसाइलें भेजेगा.

खलीफा 'तेल' बेचेगा...'ड्रैगन' मिसाइल भेजेगा!

ईरान की चीन से ये दिल्लगी नहीं तो और क्या है. 12 दिनों तक इज़रायल से सीधी टक्कर लेने वाले ईरान की रणनीति फेल ना हो. इसके लिए खलीफा ने 'प्लान B' रेडी कर लिया. असल में इज़रायल से युद्ध के बीच ईरान को नए दोस्त का साथ मिल गया है. खलीफा ने ड्रैगन से दोस्ती कर ली है. युद्ध में ईरान कहीं कमज़ोर ना पड़े और उसके पास मिसाइलों की कमी ना हो. साथ ही हथियारों का भंडार जमा रहे. इसके लिए ईरान ने चीन से सीक्रेट डील कर ली है.

खलीफा का 'PLAN B' रेडी है!

इस सीक्रेट डील की पूरी ख़बर आपको बताएंगे. उससे पहले समझिए कि खलीफा जब खुद बुलंद इरादों वाले हैं... वो डटकर इज़रायल से मुकाबले में खुद को 20 साबित कर रहे थे तो आखिर खलीफा को ड्रैगन के साथ की ज़रूरत क्यों पड़ी.

दरअसल कुछ दिनों पहले ईरान की इज़रायल के साथ सीधी फाइट हो रही थी. खलीफा के लड़ाके नेतन्याहू की सेना पर ताबड़तोड़ अटैक कर रहे थे तो नेतन्याहू की सेना भी अपने अटल इरादों के साथ ईरान को बारूदी जवाब दे रही थी. 12 दिनों तक ये फाइट नॉनस्टॉप हुई. इसी बीच इज़रायल को जब सुपर पावर का साथ मिला तो अमेरिका ने ईरान के मिसाइल अड्डों को तबाह कर दिया. इससे कहीं ना कहीं ईरान कमज़ोर पड़ता नज़र आया. जिसके बाद उसे भी एक ऐसे दोस्त की तलाश थी, जो उसे मिसाइली मदद दे सके और युद्ध में उसका बैक सपोर्ट बने. अपने हथियारों के सहारे खलीफा के लड़ाकों को मज़बूत करे. 

चीन से मिल रही सरफेस-टू-एयर मिसाइल बैटरियां

खबर है कि चीन के रूप में ईरान को नया साथी मिल गया है. सूत्रों के मुताबिक, ख़बर है कि चीन को ईरान तेल देगा और इसके बदले चीनी शासक जिनपिंग ईरान को मिसाइल देंगे. ईरान को अपने खास सहयोगी चीन से सरफेस-टू-एयर मिसाइल बैटरियां मिली हैं. सरफेस टू एयर मिसाइल यानी SAM को जमीन या समुद्र से लॉन्च किया जाता है. ये लड़ाकू विमान और मिसाइलों जैसे हवाई खतरों से बचाती हैं.

ख़बरों के मुताबिक इन मिसाइलों की डिलीवरी बीते महीने 24 तारीख़ को हुई है. जो ईरान और इजरायल के बीच युद्धविराम के ठीक बाद तेहरान पहुंची. एक अरबी अधिकारी के दावे के मुताबिक अमेरिका को इस डील की जानकारी थी. लेकिन ईरान को चीन से सतह से हवा में मार करने वाली कितनी मिसाइलें मिली हैं. इसकी जानकारी सुपर पावर को नहीं मिली. अपनी रक्षा क्षमताओं को बेहतर करने पर काम कर रही ईरानी सरकार और सेना ने चीन से ये सौदा तेल के बदले किया है.

'ड्रैगन' की साज़िश समझिए! 

चीन ने इससे पहले पाकिस्तान को अपने HQ-9 और HQ-16 एयर डिफेंस सिस्टम दिए हैं. मिस्र के पास चीन की HQ-9 प्रणाली है. ईरान को भी चीन से यही सिस्टम मिलने की ख़बर है. दरअसल ईरानी तेल का सबसे बड़ा आयातक चीन है. ईरान के कच्चे तेल का निर्यात लगभग 90 फीसदी बीजिंग जाता है. जिससे चीन को बहुत आर्थिक भार पड़ता था. इसी भार को कम करने के लिए चीन ने भी तरकीब चली और खलीफा के साथ जुगलबंदी कर ली. 

ईरान की 'दिल्लगी'...'ड्रैगन' से बेशुमार दोस्ती

ऐसा माना जाता है कि इज़रायल-ईरान युद्ध के कारण ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल का भंडार और लॉन्चर कम हो गए. इसलिए खलीफा ने प्लान बी के तहत ड्रैगन से ये डील की.

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