LIVE: PM मोदी की जिनपिंग से महामुलाकात शुरू, भारत-चीन दोस्ती की नई बिसात

1 day ago

Last Updated:August 31, 2025, 09:40 IST

PM Modi-Xi Jinping Meet: चीन में कुछ ही देर में पीएम मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग की महामुलाकात होने वाली है. ट्रंप के टैरिफ पर मनमाने रवैये के बीच दुनिया भर की निगाहें इस मीटिंग पर टिकीं हैं.

 मोदी की जिनपिंग से कुछ देर में महामुलाकात, भारत-चीन दोस्ती की नई बिसातपीएम मोदी और शी जिनपिंग की मुलाकात पर दुनिया भर की नजरें टिकी हैं. (फाइल फोटो)

दुनियाभर की नजरें आज चीन के तियानजिन में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन पर टिकी हुई हैं. चीन की धरती पर अब से थोड़ी देर बाद एक महामुलाकात होने जा रही है. यह मुलाकात पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच होगी, जिसपर डोनाल्ड ट्रंप भी नजरें गड़ाए बैठे होंगे. दरअसल यह मुलाकात ऐसे वक्त पर हो रही है, जब अमेरिकी राष्ट्रपति टैरिफ के नाम पर अपनी मनमानी थोप रहे हैं.

पीएम मोदी और शी जिनपिंग के बीच दस महीने बाद यह पहली द्विपक्षीय बातचीत होगी. ये दोनों नेता पिछली बार 2024 में रूस के कज़ान में आयोजित ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के दौरान मिले थे. पीएम मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच इस बैठक का खास फोकस भारत-चीन संबंधों को मजबूत करने और हाल ही में हुई प्रगति को आगे बढ़ाने पर रहेगा.

भारत-चीन के पास बड़ा मौका

इस बैठक का रास्ता हाल ही में उस समय साफ हुआ जब भारत और चीन ने 3,500 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर गश्ती प्रोटोकॉल पर सहमति बनाई. इस समझौते ने चार साल से चल रहे सीमा विवाद को काफी हद तक कम कर दिया है.

चीनी अखबार ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक, पीएम मोदी की ये यात्रा दोनों देशों के बीच तनाव कम कर सकती है. चीन और भारत के बीच द्विपक्षीय बातचीत को बढ़ावा देने का एक बड़ा मौका साबित हो सकता है.

अखबार ने इसके साथ कहा कि शी जिनपिंग इस समिट के जरिये दुनिया को ये दिखाने की कोशिश करेंगे कि वो अमेरिका के लीडरशिप वाले ग्लोबल ऑर्डर का एक विकल्प दे सकते हैं. इसके साथ ही SCO समिट से ये मैसेज भी जाएगा कि चीन, रूस, ईरान और अब भारत को अलग-थलग करने की अमेरिकी कोशिशें नाकाम रही है.

भारत की भी कूटनीतिक परीक्षा

इसके साथ ही भारत के लिए ये समिट इसलिए अहम है, क्योंकि जून 2025 में किंगदाओ में हुई एससीओ रक्षा मंत्रियों की बैठक में भारत ने उस संयुक्त बयान पर दस्तख़त करने से इनकार किया था, जिसमें 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का ज़िक्र नहीं था. अब इस शिखर सम्मेलन में भारत इस मुद्दे को जोर-शोर से उठा सकता है और आतंकवाद पर सदस्य देशों का समर्थन लेने की कोशिश करेगा. चूंकि पाकिस्तान भी SCO का सदस्य है, ऐसे में ये भारत के लिए कूटनीति का बड़ा इम्तिहान भी होगा.

पीएम मोदी ने इस हफ्ते जापान के अख़बार द योमिउरी शिंबुन को दिए इंटरव्यू में कहा था कि भारत, चीन के साथ संबंधों को ‘आपसी सम्मान, आपसी हित और आपसी संवेदनशीलता’ के आधार पर आगे बढ़ाने के लिए तैयार है. उन्होंने कहा कि कज़ान में शी जिनपिंग से मुलाकात के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में ‘स्थिर और सकारात्मक प्रगति’ हुई है.

पीएम मोदी ने यह भी कहा कि भारत और चीन के बीच स्थिर और सौहार्दपूर्ण संबंध न केवल दोनों देशों के लिए बल्कि क्षेत्रीय और वैश्विक शांति व समृद्धि के लिए भी बेहद अहम हैं. वैश्विक आर्थिक अस्थिरता का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत और चीन जैसे दो बड़े देश मिलकर दुनिया की आर्थिक व्यवस्था में स्थिरता ला सकते हैं.

Saad Omar

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...और पढ़ें

An accomplished digital Journalist with more than 13 years of experience in Journalism. Done Post Graduate in Journalism from Indian Institute of Mass Comunication, Delhi. After Working with PTI, NDTV and Aaj T...

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First Published :

August 31, 2025, 09:31 IST

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