Last Updated:June 22, 2025, 05:06 IST
Plane Crash Pilot Secret: अहमदाबाद में 12 जून को एअर इंडिया विमान हादसे के दौरान कैप्टन ने आखिरी समय में मेडे मेडे... कहा था, जिसके तुरंत बाद ही प्लेन क्रैश हो गया था, हादसे में 260 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई...और पढ़ें

एअर इंडिया विमान हादसे में क्रू मेंबर सहित 241 लोगों की मौत हो गई थी. (पीटीआई)
हाइलाइट्स
पायलट के मेडे कॉल से हादसे को समझने में मदद मिलती है.हालांकि, ये वो आखिरी शब्द नहीं है जिसे पायलट बोलते हैं.इसका रहस्य स्विस एयर से जुड़ा है.नई दिल्ली. लंदन जाने वाला एअर इंडिया का विमान कैसे अहमदाबाद में दुर्घटना का शिकार हो गई? इसका उत्तर जानने के लिए दुनिया अभी भी बेताब है, और जांचकर्ता नए सबूतों के साथ और करीब पहुंच रहे हैं. जांच पर काम कर रहे अधिकारियों का अब मानना है कि यह भयानक आपदा इमरजेंसी पावर पर चल रहे विमान के कारण हुई होगी. पिछले गुरुवार को, बोइंग ड्रीमलाइनर विमान उड़ान भरने के कुछ सेकंड बाद ही अहमदाबाद में जमीन पर गिर गया. विमान एक मेडिकल कॉलेज की इमारत से टकरा गया, जिसमें कुल 270 लोग मारे गए – जिसमें विमान में सवार 242 यात्रियों में से एक को छोड़कर सभी शामिल थे.
अब जांचकर्ताओं को इस बात के सबूत मिले हैं कि विमान के दुर्घटनाग्रस्त होने के समय इमरजेंसी जनरेटर ही उसका प्राइमरी पावर सोर्स हो सकता है. एक प्रमुख सिद्धांत यह है कि विमान में दोहरे इंजन की विफलता हुई थी, हालांकि यह अभी तक तय नहीं किया जा सका है. मलबे से कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर बरामद करने के बाद, चल रही जांच में दुर्घटना के कारणों के बारे में किसी भी सुराग के लिए पायलटों के अंतिम शब्दों का अध्ययन करने की भी योजना है.
उड़ान भरने के तुरंत बाद ही पायलट ने भेजा था मेडे कॉल
कैप्टन सुमीत सभरवाल, जिनके पास 8,200 घंटों का उड़ान अनुभव था, और उनके सह-पायलट क्लाइव कुंदर, जिनके पास 1,100 घंटों का अनुभव था, ने विमान के रनवे से उड़ाने भरने के कुछ सेकंड बाद ही Mayday कॉल भेजा. कैप्टन ने हताश होकर कहा, “मेडे… कोई थर्स्ट नहीं, पावर खो रहे हैं, विमान को उठाने में असमर्थ हैं.” दुख की बात है कि पायलट विमान को ऊपर उठाने में नाकाम थे – और यह रनवे से केवल 1.5 मील दूर जाकर नीचे आ गिरा.
पायलट के अंतिम शब्दों की अहमियत
वर्षों से, पायलटों के अंतिम शब्दों का उपयोग यह विश्लेषण करने के लिए किया जाता रहा है कि विमान दुर्घटनाओं में क्या गलत हुआ. और कहा जाता है कि स्विटजरलैंड के पायलटों के पास अपनी मृत्यु से पहले कहे जाने वाले अंतिम वाक्य पर एक गुप्त सहमति होती है. रिचर्ड पॉल, एक पायलट और अर्थशास्त्री, ने एक बार Quora पर एक पोस्ट में बताया था कि वे शब्द क्या हैं. अंदरूनी सूत्र ने लिखा कि “अलविदा सबको” (गुडबाय एवरीबडी) वह वाक्य है जो वे हमेशा कहते हैं. उन्होंने द एक्सप्रेस के अनुसार भयावह रूप से खुलासा किया, “यह वही शब्द है जो स्विस पायलटों को अपनी मौत से ठीक पहले कहना चाहिए.”
पायलटों के बीच एक समझौता
उन्होंने कहा कि यह प्रथा स्विस कैप्टन की संस्कृति में गहराई से समाई है. उन्होंने आगे कहा, “यह पायलटों के बीच एक अनौपचारिक समझौता है.” रिचर्ड ने कहा कि 1970 के स्विस एयर हादसे सहित ऐतिहासिक विमान दुर्घटनाओं में ऐसा ही हुआ है. उन्होंने कहा, “ये कैप्टन कार्ल बर्लिंगर द्वारा 21 फरवरी, 1970 को ज्यूरिख से तेल अवीव के लिए उड़ान भरने वाले स्विसएयर एसआर 330 पर बोले गए अंतिम शब्द थे.” उस समय की रिपोर्टें पुष्टि करती हैं कि यह मामला था – विदाई के शब्द ठीक 1:34 बजे कहे गए थे, जो ग्राउंड कंट्रोल को स्पष्ट रूप से बताए गए थे.
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...और पढ़ें
राकेश रंजन कुमार को डिजिटल पत्रकारिता में 10 साल से अधिक का अनुभव है. न्यूज़18 के साथ जुड़ने से पहले उन्होंने लाइव हिन्दुस्तान, दैनिक जागरण, ज़ी न्यूज़, जनसत्ता और दैनिक भास्कर में काम किया है. वर्तमान में वह h...
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