Last Updated:March 11, 2025, 15:34 IST
Doctor Success Story: मेडिकल की पढ़ाई दुनिया के सबसे कठिन कोर्सेस में शामिल है. मेडिकल की पढ़ाई के साथ ऑल्टरनेटिव करियर ऑप्शन पर फोकस कर पाना आसान नहीं होता है. लेकिन डॉ. ज्योति शर्मा ने एमबीबीएस की पढ़ाई और मॉ...और पढ़ें

Doctor Success Story: डॉ. ज्योति शर्मा एमएस में गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं
हाइलाइट्स
डॉ. ज्योति शर्मा ने एमबीबीएस और मॉडलिंग में सफलता पाई.मिस इंडिया नागालैंड का खिताब जीता और गोल्ड मेडलिस्ट बनीं.सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर हैं.नई दिल्ली (Doctor Success Story). मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए नीट पास करना जरूरी है. लेकिन 2012 में ऐसा नहीं होता था. तब हर राज्य की अपनी मेडिकल प्रवेश परीक्षा होती थी. डॉ. ज्योति शर्मा ने यूपीसीएमटी परीक्षा पास करके उत्तर प्रदेश के कानपुर में स्थित रामा मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लिया था. ब्यूटी विद ब्रेन का परफेक्ट एग्जाम्पल डॉ. ज्योति शर्मा ने मेडिकल की पढ़ाई यानी एमबीबीएस के साथ अपने मॉडलिंग करियर को भी नई ऊंचाइयां दीं.
मेडिकल की पढ़ाई सबसे कठिन कोर्सेस की लिस्ट में शामिल है. एमबीबीएस कोर्स करीब 5.5 सालों का होता है. इसकी पढ़ाई करते समय स्टूडेंट्स का फोकस सिर्फ उसी पर रहता है. लेकिन डॉ. ज्योति शर्मा (Dr. Jyoti Sharma) ने एमबीबीएस के साथ मॉडलिंग करियर पर भी फोकस किया.. और कमाल की बात है कि उन्होंने दोनों ही क्षेत्रों में खुद को सबसे काबिल साबित किया. जहां एक तरफ उन्हें मेडिकल कॉलेज में गोल्ड मेडल मिला तो वहीं दूसरी तरफ, वह मिस इंडिया नागालैंड भी बनीं.
बिहार से नागालैंड तक का सफर
डॉ. ज्योति शर्मा यूपी के इटावा जिले के सैफई में स्थित उत्तर प्रदेश इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस में सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर हैं. उनका जन्म 25 जनवरी 1994 को हुआ था. उनकी जड़ें बिहार के छपरा से जुड़ी हुई हैं. 1980 में उनका परिवार नागालैंड शिफ्ट हो गया था. ज्योति शर्मा का जन्म वहीं हुआ. उनके पिता PWD इंजीनियर और बिजनेसमैन हैं, वहीं मां होममेकर. डॉ. ज्योति शर्मा बड़े संयुक्त परिवार में पली-बढ़ी हैं. इनके परिवार का कंस्ट्रक्शन और रिअल एस्टेट का बिजनेस है.
बिहार से नागालैंड, बंगाल, यूपी तक का सफर
डॉ. ज्योति शर्मा ने 62% के साथ दीमापुर के होली क्रॉस स्कूल से 10वीं की परीक्षा पास की थी. फिर प्रणब विद्यापीठ से 12वीं में 75% मार्क्स हासिल किए थे. नागालैंड बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन से पढ़ाई करने वाली ज्योति शर्मा को केमिस्ट्री और हिंदी में डिस्टिंक्शन मिली थी. उस समय स्टेट बोर्ड में इतने परसेंटेज हासिल करना बड़ी बात मानी जाती थी. उन्होंने हिंदी, इंग्लिश, मैथ, बायोलॉजी, केमिस्ट्री और फिजिक्स विषयों के साथ 12वीं की पढ़ाई की थी.
Doctor Success Story: डॉ. ज्योति शर्मा पैशन और प्रोफेशन, दोनों को मैनेज कर रही हैं
कोलकाता में की मेडिकल प्रवेश परीक्षा की तैयारी
ज्योति शर्मा ने 2012 में यूपी के कानपुर में स्थित रामा मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन लिया था. उन्होंने 2018 में एमबीबीएस पास कर लिया था. तब मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए नीट की अनिवार्यता नहीं थी. एमबीबीएस कोर्स में एडमिशन के लिए उन्होंने यूपी सीएमटी परीक्षा परीक्षा पास की थी. इस प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी के लिए उन्होंने 4 महीने तक कोलकाता में रहकर कोचिंग की थी. रामा मेडिकल कॉलेज के एमबीबीएस कोर्स में उनका एवरेज परसेंटेज 64% था.
एमबीबीएस के बाद भी नहीं थमे कदम
एमबीबीएस की पढ़ाई करने के बाद डॉ. ज्योति शर्मा ने 2 सालों तक दिल्ली के एक सरकारी हॉस्पिटल में बतौर जूनियर रेजिडेंट काम किया था. इसके बाद 2020 में उन्होंने एशिया के तीसरे सबसे पुराने मेडिकल कॉलेज एस.एन. मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी कोर्स में एडमिशन ले लिया था. वहां न्यूरोएनाटॉमी टॉपिक पर रिसर्च वर्क के लिए उन्हें वर्षा कटीरा गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया था. फिर 2023 में उन्होंने अपोलो, दिल्ली से Embryology में फेलोशिप ली थी. इसमें 90% मार्क्स हासिल किए थे.
मेडिकल कॉलेज में शुरू की मॉडलिंग
डॉ. ज्योति शर्मा ने इंटरव्यू में बताया कि 2014 में मेडिकल की पढ़ाई के दौरान वह कॉलेज पेजेंट में हिस्सा लेने लगी थीं. इससे उनका मॉडलिंग की तरफ रुझान बढ़ गया. 2018 में ज्योति ने मिस यूपी प्रतियोगिता में हिस्सा लेकर टॉप 22 फाइनलिस्ट में जगह बनाई. भले ही वह ताज पहनने से चूक गई थीं, लेकिन इससे उन्हें इस क्षेत्र में आगे बढ़ने का कॉन्फिडेंस मिल गया था. इसके बाद 2018 में ही उन्होंने मिस इंडिया कॉम्पिटीशन में हिस्सा लिया और मिस इंडिया नागालैंड का खिताब जीता.
Motivational Story: डॉ. ज्योति शर्मा नीट कैंडिडेट्स को टाइम मैनेजमेंट की खास सलाह देती हैं
बैलेंस कर रही हैं पैशन और प्रोफेशन
डॉ. ज्योति शर्मा डॉक्टर हैं, मॉडल हैं और साथ ही सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर भी. वह पैशन फॉलो करना पसंद करती हैं. अनुशासन और टाइम मैनेजमेंट से उन्हें तीनों क्षेत्रों में बैलेंस बनाने में मदद मिलती है. वह अपने पेरेंट्स को खुद पर गर्व महसूस करवाना चाहती थीं. डॉ. ज्योति शर्मा अपने परिवार को अपना सबसे बड़ा सपोर्ट सिस्टम बताती हैं. वह एक सामान्य, रूटीन जिंदगी नहीं जीना चाहती थीं और इसीलिए उन्होंने डबल मेडनत कर अपनी एक खास पहचान बनाई.
आसान नहीं था शेड्यूल बनाना
ज्यादातर लोगों को एक नौकरी कर पाना भी मुश्किल लगता है. लेकिन डॉ. ज्योति शर्मा ने एक साथ कई चीजों को मैनेज किया. वह सुबह मेडिकल की ड्यूटी करती थीं, फिर वीकेंड और छुट्टी पर एकेडमिक टास्क पूरे करती थीं. बचे हुए समय में वह शूट और ब्रैंड कोलैबोरेशन पर फोकस करती थीं. वह मेहनत से नहीं घबराती हैं और मेडिकल की पढ़ाई कर रहे हर स्टूडेंट के लिए एक इंस्पिरेशन हैं. मॉडलिंग के पैशन के लिए उन्होंने कभी पढ़ाई-लिखाई से समझौता नहीं किया.
मॉडलिंग के लिए मिले कई अवॉर्ड
डॉ. ज्योति शर्मा ने दोनों फील्ड्स को कितनी शानदार तरह से मैनेज किया, उसे इस बात से समझ सकते हैं कि मेडिकल एजुकेशन में उन्होंने गोल्ड मेडल हासिल किया और मॉडलिंग में कई अवॉर्ड. श्री मुरली मनोहर जोशी ने उन्हें अटल बिहारी वाजपेई अवॉर्ड से सम्मानित किया था. वह सुधा चंद्रन से यूथ आइकॉन अवॉर्ड, दिल्ली मेयर से दिल्ली रत्न अवॉर्ड, आगरा बीएनआई और यूपी सरकार से इंफ्लुएंसर अवॉर्ड हासिल कर चुकी हैं. इसके अलावा भी उन्होंने कई अवॉर्ड जीते हैं.
मेडिकल स्टूडेंट्स को दी खास सलाह
डॉ. ज्योति शर्मा कहती हैं कि हर स्टूडेंट अपने आप में खास होता है. सबकी सीखने की अपनी स्पीड और टेक्नीक होती है. स्टूडेंट्स को सिर्फ परीक्षा के लिए पढ़ाई नहीं करनी चाहिए. ज्ञान कभी बर्बाद नहीं होता है. इसलिए पढ़ाई का इस्तेमाल खुद को शेप करने के लिए करिए. उससे आप सशक्त हो सकते हैं और अपने लिए अपनी मनचाही जिंदगी बना सकते हैं. मॉडलिंग की फॉर्मल ट्रेनिंग न होने से उन्हें इस क्षेत्र में भी बहुत मेहनत करनी पड़ी. लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी और वह दूसरों को भी यही सलाह देती हैं.
First Published :
March 11, 2025, 15:34 IST