इंदौर. इंदौर के चंदन नगर क्षेत्र के दो बच्चे अपने माता-पिता से इतने नाराज हुए कि पुलिस स्टेशन पहुंच गए. बच्चों का कहना था कि उनके पैरेंट्स टीवी-मोबाइल चलाने से रोकते हैं. 21 वर्षीय युवती और उसके आठ वर्षीय भाई की शिकायत पर चंदन नगर पुलिस थाने में उनके माता-पिता के खिलाफ केस दर्ज कर लिया. मामला 25 अक्टूबर 2021 का है. धाराएं भी ऐसी लगा दीं कि सात साल तक की सजा हो सकती थी. एफआईआर में भाई-बहन ने आरोप लगाया था कि उनके माता-पिता उन्हें भोजन नहीं देते, टीवी देखने नहीं देते तथा बात-बात पर उन्हें छड़ी से पीटते हुए उनके साथ गाली-गलौज करते हैं.
एफआईआर में दंपति पर यह आरोप भी लगाया गया था कि वे अपने आठ वर्षीय बेटे को घर के अंधेरे कमरे में बंद कर देते हैं जिससे वह बुरी तरह खौफजदा है. एफआईआर के मुताबिक इस दम्पति की कथित प्रताड़ना के कारण वे जून 2021 में अपने घर से भाग कर अपनी बुआ के साथ रहने आ गए थे. पुलिस ने कोर्ट में चालान पेश कर दिया.
मात-पिता ने हाईकोर्ट की शरण ली. दंपति के वकील धर्मेंद्र चौधरी ने गुरुवार को बताया कि इस मामले में पुलिस ने जिला अदालत में उनके पक्षकारों के खिलाफ चार्ज शीट पेश कर दी थी और मुकदमे का ट्रायल शुरू हो गया था. हालांकि, मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर पीठ ने एक कपल को राहत देते हुए निचली अदालत की सुनवाई पर रोक लगा दी. अगली सुनवाई के लिए नौ सितंबर की तारीख तय की है.
हाईकोर्ट में बच्चों के माता-पिता ने कहा कि मोबाइल-टीवी की लत से हर घर परेशान है. बच्चों को पहले प्यार से समझाया भी गया था. बच्चों को डांटना सामान्य सी बात है. हर घर में यह सब होता है. इसके बावजूद पुलिस ने ना केवल एफआईआर दर्ज की बल्कि चालना भी लोअर कोर्ट में पेश कर दिया.
अब एक नजर उन धाराओं पर भी डाल लेते हैं, जो पुलिस ने लगाई हैं. पुलिस ने धारा 342 (किसी को भी बंधक बनाना) , 294 (भद्दी टिप्पणी करना या अश्लील बात बोलना) और 323 (महिला को व्याभिचार की धमकी देना) के तहत केस दर्ज किया है.
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FIRST PUBLISHED :
August 1, 2024, 20:59 IST