क्वाड देश के विदेश मंत्रियों के सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने एक बार फिर चीन की चालाकियों को दुनिया के सामने उजागर किया है. इसके साथ ही विदेश मंत्री ने चीन के प्रति भारत की सख्त विदेश नीति को भी दुनिया के सामने जाहिर किया है. क्वाड सम्मेलन में हिस्सा लेने जापान पहुंचे एस. जयशंकर ने बताया कि भारत के चीन से संबंध कब खराब हुए. ये भी बता दिया कि हालात कब तक नहीं सुधरने वाले हैं. साथ में यह भी कहा कि किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता को भारत स्वीकार नहीं करेगा. विदेश मंत्री ने चीन के प्रति भारत की विदेश नीति में भारत का रुख स्पष्ट करते हुए दुनिया को भी अपना संदेश दे दिया है.
एस. जयशंकर ने चीन के साथ-साथ दुनिया को संदेश दिया है कि हमारा अनुभव कहता है कि चीन के साथ हमारे संबंध बहुत अच्छे नहीं चल रहे हैं. इसकी मुख्य वजह कोरोना के दौरान 2020 में चीन की हरकतें हैं. चीन ने हमारे साथ हुए समझौतों का उल्लंघन किया. सीमावर्ती क्षेत्रों में बड़ी संख्या में सैनिकों की तैनाती की, जिसकी वजह से तनाव पैदा हुआ. झड़पें भी हुईं. यह मुद्दा अभी भी हल नहीं हुआ है. चीन के साथ अभी संबंध अच्छे नहीं हैं और सामान्य नहीं हैं.
चीन से भारत यह करता है अपेक्षा
विदेश मंत्री का कहना है कि एक पड़ोसी के रूप में हम चीन के साथ बेहतर रिश्ते की उम्मीद करते हैं, लेकिन यह तभी हो सकता है जब वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (LOC) का सम्मान करें. उन समझौतों का सम्मान करें जिन पर उन्होंने पहले हस्ताक्षर किए हैं. जब तक उनका रवैया नहीं बदलेगा, भारत के साथ संबंध नहीं सुधरने वाले है.
भारत का यह रुख चीन और दुनिया को साफ तौर पर संदेश देता है कि भारत दुनिया की बढ़ती हुई शक्ति है. भारत अपनी संप्रभुता के साथ कोई समझौता नहीं कर सकता. विदेश मंत्री ने वैश्विक मंच पर चीन के साथ भारत के संबंध की व्याख्या करते हुए दुनिया को संदेश दिया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत वैश्विक संबंधों को बराबरी और मित्रता के साथ निभाना चाहता है.
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FIRST PUBLISHED :
July 30, 2024, 16:58 IST