नई दिल्ली. पीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में वैसे तो कई इतिहास रचे गए हैं, लेकिन देश एक और इतिहास की दहलीज पर है. महिला आरक्षण बिल मोदी सरकार के पिछले कार्यकाल में पास हुआ था. लेकिन अब जनगणना और परिसीमन प्रक्रिया पूरा होने के बाद अब लोकसभा में एक तिहाई हिस्सों पर देश की नारियों का अधिकार होने जा रहा है. महिला आरक्षण की पूरी प्रक्रिया फिलहाल परिसीमन पर निर्भर है. जो अब पूरा होने जा रहा है.
अगले साल से जनगणना की प्रक्रिया
सूत्रों की मानें तो केंद्र सरकार 2025 में देश की जनगणना शुरू करने की योजना बना रही है, जो चार साल की देरी के बाद होगी. यह प्रक्रिया 2026 तक चलने की उम्मीद है. जनगणना के बाद लोकसभा सीटों का परिसीमन होगा. जिसे 2028 तक पूरा करने की योजना है. यह निर्णय ऐसे समय में आया है जब केंद्र सरकार ने भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त, मृत्युंजय कुमार नारायण का कार्यकाल 2026 तक बढ़ा दिया है ताकि वह इस दशक की जनगणना की देखरेख कर सकें.
कोविड के कारण जनगणना में देरी
विपक्ष नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना कर रहा है क्योंकि इस दशक की जनगणना में देरी हो रही है. विपक्ष जातिगत जनगणना की मांग कर रहा है. यह जनगणना पहले अप्रैल 2020 में होनी थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के कारण इसे टाल दिया गया था. इसी साल अगस्त में गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि जनगणना उचित समय पर की जाएगी. जनगणना के बाद आबादी के हिसाब से लोगों का राजनीति में भागीदारी बढ़ाने का काम होगा. पीएम मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद राजनीतिक सुधारों और सियासत में युवाओं की भागीदारी बढ़ाने पर जोर दे रहे हैं. जनगणना के बाद देश में परिसीमन का काम शुरू होगा. परिसीमन के जरिए आबादी के हिसाब से लोकसभा सीटों की संख्या बढ़ेगी. कुछ राज्यों की विधानसभा सीटों में भी इजाफा होने का अनुमान है. ये काम 2028 तक खत्म होगा. जिससे पूरे भारत में राजनीतिक प्रतिनिधित्व प्रभावित होगा.
सांसदों की संख्या बढ़ेगी
नई संसद का निर्माण भी देश की आबादी को हिसाब से राजनीतिक प्रतिनिधित्व बढ़ाने के मकसद से हुआ है. पुराने भवन की तुलना में नई बिल्डिंग में सांसदों के बैठने के लिए करीब 150 फीसदी ज्यादा सीटें बनाई गई हैं. पुरानी लोकसभा में अधिकतम 552 व्यक्ति बैठ सकते हैं. नए लोकसभा भवन में 888 सीटों की क्षमता है. पुराने राज्यसभा भवन में 250 सदस्यों के बैठने की जगह है, वहीं नए राज्यसभा हॉल की क्षमता को बढ़ाकर 384 किया गया है. नए संसद भवन की संयुक्त बैठक के दौरान वहां 1272 सांसद बैठ सकेंगे.
महिलाओं को मजबूती मिलेगी
महिला आरक्षण बिल पास हुआ है. जनगणना होने के बाद महिलाओं को उनकी आबादी के हिसाब से संसद और विधानसभाओं में सही प्रतिनिधित्व मिलेगा. उनके लिए नौकरियों में नए अवसर बढ़ेंगे.
आपको क्या फायदा होगा?
पहले 593 सांसद 140 करोड़ लोगों के जीवन की दशा और दिशा तय करते थे. अब ये काम दोगुने से भी ज्यादा यानी करीब 1272 सांसद करेंगे. लोकसभा सांसदों की संख्या बढ़ेगी तो उस हिसाब से आप कम भीड़ में अपनी जरूरतों या मांग के बारे में अपने सांसद को बता सकेंगे. वहीं ज्यादा सांसद होने से ज्यादा सांसद निधि इश्यू होगी. जनता के काम जल्दी पूरे हुआ करेंगे.
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FIRST PUBLISHED :
October 29, 2024, 16:36 IST