PM Modi China Visit: दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार शाम तियानजिन पहुंचे. नए समझौतों और ग्लोबल व्यापार में बदलते रिश्तों के बीच पीएम मोदी की पिछले 7 सालों में चीन की ये पहली यात्रा है. यह यात्रा दोनों देशों के बीच चल रहे लगभग 1 साल की कोशिश के बाद संभव हो रही है. इस कोशिश में सीमा विवाद को सुलझाना, भारतीयों के लिए कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरु करना और चीनी नागरिकों के लिए टूरिस्ट वीजा देना भी शामिल है. चीन पहुंचने के बाद PM Modi ने X पर पोस्ट किया, 'चीन के तियानजिन पहुंच गया हूं'. शंघाई संयोग संगठन(SCO)के शिखर सम्मेलन में बातचीत और दुनिया के कई नेताओं के मिलने का इंतजार है.
Landed in Tianjin, China. Looking forward to deliberations at the SCO Summit and meeting various world leaders. pic.twitter.com/gBcEYYNMFO
— Narendra Modi (@narendramodi) August 30, 2025
म्यांमार में शांति बनाने की कोशिश
म्यांमार में 2021 में वहां की सेना ने सत्ता पर कब्ज जमा लिया था, इसके बाद भारत का म्यांमार से उच्च स्तर का संपर्क कम हो गया था. लेकिन, थाईलैंड में हुए बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के बाद, इस साल मोदी म्यांमार के नेता से दूसरी बार मिलेंगे. म्यांमार की सेना ने दिसंबर में चुनाव कराने की घोषणा की है. चुनाव कराए जाने से पहले PM Modi इस बात पर जोर दे सकते हैं कि वहां चुनाव निष्पक्ष हो और बातचीत के माध्यम से हिंसा को समाप्त कर लोकतंत्र को बहाल किया जाए.
अलग-थलग हो गया है म्यांमार
अपनी सेना के राज में म्यांमार दुनिया से अलग-थलग पड़ गया है. हालांकि उसने चीन और भारत दोनों के ही साथ अच्छे संबंध बनाए रखे हैं. भारत के लिए ये जरूरी है कि वह म्यांमार की सेना के साथ मिलकर काम करें क्योंकि भारत-म्यांमार की 1600 किमी लंबी सीमा है जहां आए दिन उग्रवाद की समस्या रहती है.
कब होगी मोदी-शी की मुलाकात?
जैसा कि पहले से ही तय है, प्रधानमंत्री मोदी रविवार को चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिलेंगे. अगले 2 दिनों में उनकी कई और भी बैठकें होंगी. हालांकि, पहले दिन की सबसे खास बैठकों में म्यांमार के कार्यवाहक राष्ट्रपति और सेना प्रमुख मिन आंग ह्लाइंग से मुलाकात करना भी शामिल है.
सीमा पर तनाव को लेकर होगी चर्चा
पीएम मोदी चीन में शंघाई सहयोग संगठन(SCO)के शिखर सम्मेलन में भाग लेने गए हैं, इस बीच उनकी सबसे अहम मुलाकात शी जिनपिंग से होगी. उम्मीद है कि यह बैठक 5 साल से चले आ रहे सैन्य तनाव के बाद संबंधों में सुधार को और मजबूती देगी. यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब भारत और अमेरिका के बीच संबंध दशकों में सबसे खराब दौर से गुजर रहे हैं.
किन मुद्दों पर रहेगा जोर?
प्रधानमंत्री मोदी अपनी बातचीत में व्यापार और आर्थिक सहयोग पर जोर देंगे. वह निष्पक्ष व्यापार की बात कर सकते हैं और चीन से कुछ खास चीजें जैसे Rare Earth Fertilizers और उपकरण की सप्लाई जारी रखने का वादा ले सकते हैं. हाल ही में चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने भारत के विदेश मंत्री S. Jaishankar को भरोसा दिलाया था कि चीन इन चीजों के निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटा देगा. साथ ही पीएम मोदी हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मुद्दा भी उठा सकतें हैं और सीमा पार आतंकवाद पर भी बात कर सकते हैं.