PM मोदी की दिल्ली वाली ‘चाल’ क्या राहुल गांधी बिहार में चलेंगे? जानें A To Z

1 day ago

Last Updated:April 01, 2025, 19:00 IST

Rahul Gandhi Politics in Bihar: राहुल गांधी 7 अप्रैल को पटना आकर कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करेंगे और बिहार चुनाव की रणनीति तय करेंगे. उनका लक्ष्य अति पिछड़ा, पसमांदा, दलित और आदिवासी समाज को कांग्रेस के...और पढ़ें

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बिहार चुनाव के लिए राहुल गांधी का नया प्लान

हाइलाइट्स

राहुल गांधी 7 अप्रैल को पटना में कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मिलेंगे.राहुल का लक्ष्य अति पिछड़ा, पसमांदा, दलित और आदिवासी समाज को जोड़ना है.राहुल गांधी बिहार में नीतीश सरकार पर जातीय जनगणना को लेकर हमला करेंगे.

पटना. राहुल गांधी 7 अप्रैल को पटना आ रहे हैं. राहुल गांधी के पटना आगमन को लेकर कांग्रेस कार्यकर्ता जहां उत्साहित हैं, वहीं लालू यादव को भी लग रहा है कि महागठबंधन में सीएम फेस को लेकर अब भ्रम की स्थिति से राहुल गांधी पूरी तरह से पर्दा उठा देंगे. राहुल गांधी 7 अप्रैल को पटना के एएन सिन्हा इंस्टीट्यूट में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ एक बड़ी बैठक कर बिहार विधानसभा चुनाव की रूपरेखा तय करेंगे. इस बैठक का मुख्य उद्देश्य है अति पिछड़ा, पसमांदा, दलित आदिवासी समाज के लोगों को कांग्रेस के पक्ष में जोड़ना.

बता दें कि इसी तरह का प्लान पीएम मोदी ने दिल्ली चुनाव से ठीक पहले अपनी एक रैली में सेट किया था. उस रैली में पीएम मोदी ने दिल्ली की आप सरकार को ‘आप’दा सरकार कहा था. पीएम मोदी ने आपदा की सरकार को हटाने का ऐलान किया था. राहुल गांधी भी बिहार में पीएम मोदी के उसी प्लान को बिहार में आजमाने जा रहे हैं. इसके तहत राज्य के अति पिछड़ा वोट, पसमांदा मुस्लिमों के वोट और दलित व आदिवासी समाज के वोट बैंक को अपने साथ जोड़ने के लिए आपदा प्लान लेकर आए हैं.

राहुल गांधी क्या करने आ रहे हैं बिहार?
दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 के प्रचार के दौरान पीएम मोदी ने AAP सरकार पर तीखे हमले बोले थे. जनवरी 2025 में दिल्ली के द्वारका में एक जनसभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘बीते 11 साल में AAP-दा ने सबके साथ लड़ाई-झगड़ा ही किया है. ये केंद्र सरकार से लड़ते हैं, हरियाणा वालों से लड़ते हैं, यूपी वालों से लड़ते हैं.’ मोदी ने AAP को ‘आप-दा’ कहकर यह संदेश दिया कि दिल्ली का विकास तभी संभव है जब भाजपा की डबल इंजन सरकार सत्ता में आए. इस नैरेटिव का उद्देश्य AAP के शासन को नाकाम बताना और मतदाताओं में असंतोष पैदा करना था.

किस प्लान पर लड़ेंगे बिहार चुनाव
बिहार में राहुल गांधी का ‘AAPDA’ नैरेटिव राहुल गांधी ने बिहार में नीतीश कुमार की सरकार पर हमला बोलते हुए जातीय जनगणना को ‘फर्जी’ करार दिया है. जनवरी 2025 में अपने बिहार दौरे के दौरान उन्होंने कहा, ‘जातीय जनगणना लोगों को मूर्ख बनाने के लिए की गई है.’ उनका यह बयान नीतीश सरकार के उस दावे को चुनौती देता है, जिसमें 2023 की जातीय जनगणना के आधार पर दलित और पिछड़े वर्गों के लिए आरक्षण बढ़ाने की कोशिश की गई थी, लेकिन पटना हाईकोर्ट ने इसे रद्द कर दिया. राहुल का यह नैरेटिव बिहार की जनता में यह संदेश देता है कि नीतीश सरकार वंचित वर्गों के हितों के प्रति गंभीर नहीं है.

2023 की बिहार जातीय जनगणना के अनुसार:
कुल जनसंख्या: 13,07,25,310
अति पिछड़ा वर्ग (EBC): 36.01% (4,70,80,514)
पिछड़ा वर्ग (OBC): 27.12% (3,54,63,936)
अनुसूचित जाति (SC): 19.65% (2,56,89,820)
मुस्लिम (पसमांदा सहित): ~17% (2,22,23,302, अनुमानित)

इन आंकड़ों से साफ है कि बिहार में अति पिछड़ा, पिछड़ा, दलित और पसमांदा मुस्लिम मिलकर करीब 75-80% आबादी बनाते हैं. ये वर्ग पारंपरिक रूप से RJD, JDU और कांग्रेस के बीच बंटे रहे हैं. हालांकि, पिछले लोकसभा चुनाव 2024 में इंडिया गठबंधन को इन समुदायों का बड़ा समर्थन मिला, जिसके चलते BJP को यूपी और बिहार में नुकसान हुआ. अब कांग्रेस की रणनीति है कि अति पिछड़ा (EBC) पर फोकस कर 36% आबादी को अपने पाले में किया जाए. क्योंकि, ये 36 प्रतिशत लोग नीतीश कुमार के कोर वोट बैंक का हिस्सा रहे हैं. लेकिन, नीतीश की NDA के साथ साझेदारी और आरक्षण नीति की विफलता ने इस वर्ग में असंतोष पैदा किया है. कांग्रेस ने इसे भुनाने के लिए EBC नेता राजेश कुमार को बिहार कांग्रेस अध्यक्ष बनाया और कन्हैया कुमार जैसे नेताओं को आगे किया.

Location :

Patna,Patna,Bihar

First Published :

April 01, 2025, 19:00 IST

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