Last Updated:May 10, 2025, 00:12 IST
Pakistan Bailout Package : भारत के तमाम विरोध के बावजूद आईएमएफ ने पाकिस्तान के लिए 1.3 अरब डॉलर के बेलआउट पैकेज को मंजूरी दे दी है. पाकिस्तान के पीएम कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री...और पढ़ें

आईएमएफ ने पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर का कर्ज मंजूर कर लिया है.
हाइलाइट्स
आईएमएफ ने पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर का लोन मंजूर किया.भारत के विरोध के बावजूद आईएमएफ ने लोन को मंजूरी दी.प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ ने आईएमएफ का आभार जताया.नई दिल्ली. भारत के तमाम विरोध के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) ने पाकिस्तान के बेलआउट पैकेज को मंजूरी दे दी है. पाकिस्तान सरकार ने शुक्रवार देर रात इसकी जानकारी दी है. पाकिस्तानी पीएम के कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि प्रधानमंत्री मुहम्मद शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान के लिए IMF द्वारा 1 अरब डॉलर (करीब 11 हजार करोड़ रुपये) की पहली किस्त की मंजूरी पर संतोष व्यक्त किया है.
आईएमएफ के कार्यकारी बोर्ड ने पाकिस्तान के लिए 7 अरब डॉलर (करीब 60 हजार करोड़ रुपये) के लोन की समीक्षा के बाद 1.3 अरब डॉलर की पहली किस्त को मंजूरी दी है. यह लोन 2 साल की अवधि के लिए दिया गया है. आईएमएफ की ओर से यह मंजूरी ऐसे समय आई है, जब भारत ने पाकिस्तान को दिए गए कर्ज की समीक्षा करने का अनुरोध किया था. भारत ने इस बेलआउट पैकेज के खिलाफ अपनी चिंता और विरोध भी दर्ज कराया था, लेकिन आईएमएफ के अधिकारियों ने पाकिस्तान को लोन की पहली किस्त देने पर सहमति जता दी है. इस तरह, पाकिस्तान को अभी तक 7 अरब डॉलर में से 2.3 अरब डॉलर का कर्ज मंजूर कर चुका है. इससे पहले भी 1 अरब डॉलर का बेलआउट पैकेज दिया था.
भारत ने क्यों जताया विरोध
पाकिस्तान के बेलआउट पैकेज का विरोध करते हुए भारत ने इसके 3 बड़े कारण आईएमएफ को बताए हैं. भारत ने कहा है कि साल 1989 के बाद से पाकिस्तान 35 सालों में 28 बार आईएमएफ से कर्ज ले चुका है. पिछले 5 साल में ही 4 बार आईएमएफ के प्रोग्राम का लाभ उठाया है. लेकिन, पाकिस्तान इस फंड का सही इस्तेमाल नहीं करता है. यही कारण है कि लगातार बेलआउट पैकेज मिलने के बावजूद उसकी इकनॉमी बदहाल होती जा रही है. आईएमएफ को इस बात की जांच करनी चाहिए कि पाकिस्तान ने पहले जो पैकेज लिया है, उसका सही इस्तेमाल किया अथवा नहीं.
सेना करेगी इस फंड का इस्तेमाल : भारत
भारत ने अपने विरोध में कहा था कि पाकिस्तान की आर्थिक नीतियों में उसकी सेना की दखलंदाजी काफी ज्यादा है. इससे जोखिम पैदा होता है कि आईएमएफ के बेलआउट पैकेज का इस्तेमाल वहां की सेना कर सकती है. भारत ने याद दिलाया कि साल 2021 में संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट भी इसका खुलासा कर चुकी है कि पाकिस्तान एक तरह से मिलिट्री आधारित बिजनेस करने वाला देश है और दोनों एक-दूसरे के पूरक हैं. पाकिस्तान की सेना वहां की आर्थिक नीतियों में पूरी दखल देती है, लिहाजा इकनॉमी सुधारने के नाम पर मांगा जाने वाला यह कर्ज मंजूर नहीं किया जाना चाहिए.
हमारे खिलाफ हो सकता है फंड का इस्तेमाल
भारत ने कहा है कि पाकिस्तान के साथ जारी सैन्य तनाव के बीच उसे आईएमएफ से कोई बेलआउट पैकेज मिला तो वह इसका इस्तेमाल सैन्य कार्रवाई और युद्ध के साजोसामान खरीदने में कर सकता है. हालांकि, आईएमएफ ने भारत की इन सभी चिंताओं को दरकिनार करते हुए पाकिस्तान के लिए 1.3 अरब डॉलर के कर्ज को हरी झंडी दे दी है.
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्वेस्टमेंट टिप्स, टैक्स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...
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