Last Updated:May 10, 2025, 00:05 IST
IMF ने पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर का नया कर्ज दिया है. लेकिन भारत ने वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया. भारत ने कड़े शब्दों में पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने और सैन्य हुकूमत के चलते फंडिंग पर सवाल उठाए. भारत ने ...और पढ़ें

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मोदी सरकार पर सवाल उठाए हैं. (फोटो PTI और Reuters)
हाइलाइट्स
भारत ने IMF में पाकिस्तान के लोन पर वोटिंग से परहेज़ किया.कांग्रेस ने मोदी सरकार पर कमज़ोरी का आरोप लगाया.भारत ने पाकिस्तान पर आतंकवाद को बढ़ावा देने का आरोप लगाया.नई दिल्ली: पाकिस्तान में पल रहे आतंकवाद के खिलाफ जहां भारत ने सीमाओं पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाकर बड़ा संदेश दिया है, वहीं अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक ऐसा फैसला सामने आया जिसने देश में सियासत को गरमा दिया है. दरअसल, शुक्रवार रात भारत ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) में पाकिस्तान को 1.3 अरब डॉलर का नया कर्ज देने के मुद्दे पर वोटिंग से परहेज किया. इस पर कांग्रेस ने मोदी सरकार को जमकर घेरा और इसे “कमजोरी भरा कदम” बताया.
कांग्रेस ने 29 अप्रैल को ही केंद्र सरकार से मांग की थी कि IMF की इस बैठक में भारत पाकिस्तान को मिलने वाले इस कर्ज़ के खिलाफ “ज़ोरदार ना” कहे. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 29 अप्रैल को ही मांग की थी कि भारत पाकिस्तान को दिए जा रहे IMF ऋण के खिलाफ मतदान करे, जिस पर आज IMF की एक्सक्यूटिव बोर्ड में विचार किया गया.”
भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 29 अप्रैल को ही मांग की थी कि भारत पाकिस्तान को दिए जा रहे IMF ऋण के खिलाफ मतदान करे, जिस पर आज IMF की एक्सक्यूटिव बोर्ड में विचार किया गया। लेकिन भारत ने मतदान से दूर रहकर खुद को अलग रखा।मोदी सरकार पीछे हट गई। वहां एक मजबूत ‘NO’ का वोट एक सशक्त संदेश… https://t.co/CoRaUjRLbQ
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 9, 2025
कांग्रेस ने मोदी सरकार को घेरने की कोशिश की
जयराम ने X पर अपने पोस्ट में आगे लिखा, “ लेकिन भारत ने मतदान से दूर रहकर खुद को अलग रखा. मोदी सरकार पीछे हट गई. वहां एक मजबूत ‘NO’ का वोट एक सशक्त संदेश देता.” उन्होंने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर में जो सख्ती दिखाई गई, वही अंतरराष्ट्रीय मंच पर क्यों नहीं? वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने कहा, “मोदी सरकार से उम्मीद थी कि वह सिर्फ वोट ही नहीं, बल्कि IMF के अन्य देशों को भी पाकिस्तान के खिलाफ लामबंद करेगी. लेकिन सरकार ने चुप्पी और परहेज़ का रास्ता चुना.”
IMF में कैसे होती है वोटिंग?
IMF के एग्जीक्यूटिव बोर्ड में 25 डायरेक्टर होते हैं. ये सभी सदस्य देशों या उनके समूहों का प्रतिनिधित्व करते हैं. UN की तरह यहां ‘वन कंट्री, वन वोट’ नहीं होता बल्कि किसी देश की आर्थिक हैसियत के मुताबिक उसका वोटिंग पावर तय होता है. जैसे अमेरिका का प्रभाव सबसे ज़्यादा होता है. IMF आमतौर पर सर्वसम्मति से फैसले लेता है. जब वोटिंग होती है तो ‘ना’ का कोई विकल्प नहीं होता. डायरेक्टर या तो ‘फेवर’ में वोट करते हैं या ‘एब्स्टेन’ (वोटिंग से परहेज़) करते हैं.
वित्त मंत्रालय ने क्या जवाब दिया?
हालांकि देर रात वित्त मंत्रालय की ओर से एक बयान आया जिसमें बताया गया कि भारत ने IMF की बैठक में यह साफ कहा कि पाकिस्तान को कर्ज़ देना उस देश को पुरस्कृत करने जैसा है जो सीमा पार आतंकवाद को बढ़ावा देता है. मंत्रालय ने कहा कि इस तरह की मदद से वैश्विक मूल्यों का मज़ाक बनता है और फंडिंग एजेंसियों की साख पर सवाल खड़े होते हैं.
भारत ने विरोध किया, लेकिन IMF सिस्टम में रहकर
भारत ने पाकिस्तान को लोन दिए जाने पर वोटिंग में भाग नहीं लिया, लेकिन बैठक में अपनी कड़ी आपत्तियां दर्ज कीं:
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को पहलगाम में आतंकी हमले के बाद भारत ने 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान और पीओके के 9 आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया. इसके जवाब में पाकिस्तान ने ड्रोन और मिसाइल से हमले किए जिन्हें भारतीय सेना ने मुंहतोड़ जवाब दिया. इस कड़ी में अब भारत अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भी पाकिस्तान को घेर रहा है. हालांकि कांग्रेस का कहना है कि सिर्फ एब्स्टेन करने से बात नहीं बनेगीभारत को ‘ना’ कहना चाहिए था.
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...और पढ़ें
Sumit Kumar is working as Senior Sub Editor in News18 Hindi. He has been associated with the Central Desk team here for the last 3 years. He has a Master's degree in Journalism. Before working in News18 Hindi, ...
और पढ़ें
Location :
New Delhi,Delhi