Faisal Rathore: पाकिस्तान ने अपने कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर यानी कि पीओके में प्रधानमंत्री बदल दिया है. अब पीओके में राजा फैसल मुमताज राठौर संभालेंगे. इससे पहले अनवारुल हक के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास उनको पद से हटाया गया है. दरअसल, अविश्वास प्रस्ताव के दौरान 36 वोट अनवारुल हक के खिलाफ पड़े और सिर्फ दो लोगों ने ही उनका समर्थन किया था. राजा फैसल मुमताज राठौर बिलावल भुट्टो की पीपीपी पार्टी के सीनियर नेता है. राठौर के कमान संभालने के बारे में असेंबली स्पीकर की तरफ से ऐलान किया गया था.
16वें प्रधानमंत्री
1975 के बाद मुमताज राठौर पीओके के 16 वें प्रधानमंत्री बने हैं. वो फिलहाल पीपीपी की तरफ से पीओके के चैप्टर महासचिव भी हैं, वो बिलावल भुट्टो के करीबी माने जाते हैं.इतना ही नहीं उनके पिता राजा मुमताज हुसैन राठौर भी पीओके के पीएम रह चुके हैं और लंबे समय तक राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई है. इसी वजह से राठौर फैमिली पाकिस्तानी राजनीति में बड़ा मुकाम रखती है और वो लोग शुरू से ही पीपीपी पार्टी से जुड़े रहे हैं.
फैसल पर आरोप
मुमताज राठौर को पीओके का पीएम बनाने के साथ ही विवाद भी बढ़ने लगा है. पीओके के राजनीतिक कार्यकर्ता अमजद अयूब मिर्जा ने फैसल को पीएम बनाने पर कड़ी आलोचना की है. अयूब मिर्जा ने फैसल पर पहले से कई गंभीर आरोप लगे होने की बात कही, जिसमें एक दशक पुराने मुजफ्फराबाद होटल में हुए सामूहिक बलात्कार में कथित तौर पर फैसल के शामिल का आरोप था. अयूब ने कहा कि राठौर के पीएम बनने पर जनता के पुराने जख्म और गुस्सा फिर से ताजा हो गया है.
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चयन पर सवाल
पीओके राजनीतिक कार्यकर्ता अयूब मिर्जा ने फैसल राठौर की नियुक्ति के लिए करवाए गए चुनाव की वैधता पर भी सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि जेएएसी के 31 सूत्रीय घोषणा पत्र में इस बात का स्पष्ट तौर पर जिक्र है कि शरणार्थी सीटों वाले 12 लोगों को वोट देने की अनुमति नहीं है, लेकिन फिर भी राठौर का चयन करने के लिए इन लोगों को वोट डालने की अनुमति दी गई.

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