Rohingya Hijras: सात बार बलात्कार किया गया, मैंने खुदा से मौत की भीख मांगी... रिफ्यूजी कैंपों में रोहिंग्या हिजड़ों की आपबीती

1 month ago

Rohingya Crisis: 'ना अपनी जमीं ना अपना आसमान.' अगर रोहिंग्या समुदाय के लिए ये लाइन कहें तो गलत नहीं होगा. लेकिन अब तक अपनी जमीन के लिए मारे-मारे फिरने वाले रोहिंग्या जान से ज्यादा 'आत्मसम्मान' बचाने के लिए जूझ रहे हैं.

दरअसल, रिफ्यूजी कैंप में रह रहे रोहिंग्या हिजड़ों की कहानी इतनी दर्दनाक है कि आप पढ़कर हिल उठेंगे. ना जाने कितनी बार इनके आत्मसम्मान को लूटा गया, इज्जत को तार-तार किया गया. सिर्फ रिफ्यूजी कैंप में ही नहीं बल्कि बाहर भी इनके साथ रेप किया जाता है. 

'शादी में शरीक होने निकली थी और...'

सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, 'बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में एक भीड़भाड़ वाले रिफ्यूजी कैंप में रहने वाली सलमा (बदला हुआ नाम) की कहानी भी ऐसी ही है. सितंबर 2023 में अपने दोस्तों से मिलने के लिए वह सज-संवर कर निकली. वह अपनी 5 दोस्तों  (सभी हिजड़ा समुदाय से) के साथ कैंप के बाहर एक शादी में शरीक होने निकली थी. शादी में उनको डांस करना था, जिसके लिए उनको बांग्लादेशी मुद्रा में 5000 टका मिलने वाले थे. लेकिन ये लोग कभी शादी में पहुंचे ही नहीं.

सलमा और उसके दोस्त आधे रास्ते ही पहुंचे थे कि खेतों के बीच नकाबपोश लोगों ने उनको घेर लिया. सलमा ने बताया कि उसे अगवा कर रेप किया गया. 

सलमा के मुताबिक, 'उन लोगों के पास चाकू थे और उन्होंने हमें जान से मारने की धमकी दी. नकाबपोशों ने हम सभी के हाथ बांधे और आंखों पर पट्टी बांधकर बुरी तरह पीटा. मेरे दिल जोरों से धड़क रहा था.' 

'मेरे साथ 7 बार रेप किया'

सलमा के मुताबिक, 'उन लोगों ने मुझे मेरे दोस्तों से अलग किया और गीली मिट्टी से होते हुए एक नाले के पार ले जाने के बाद फिर ऊपर की ओर ले गए. इसके बाद उन लोगों ने मुझे नीचे गिरा दिया और साड़ी उतार दी. एक शख्स ने कहा- पहले तू कर. इसके बाद सलमा ने एक और आवाज सुनी- पहले मुझे करने दे. इसके बाद मेरे साथ 7 बार रेप किया गया. मैंने उस वक्त खुदा से अपने लिए मौत मांगी.'

अपने साथ इस घिनौनी वारदात के बाद सलमा ने सीएनए को बताया कि यह पहली बार नहीं है जब उनके साथ रिफ्यूजी कैंप में अंदर या बाहर यौन उत्पीड़न हुआ हो.  उन्होंने कहा, 'अब तो मैं भूल चुकी हूं कि मेरे साथ कितनी बार रेप हुआ.' 

रोहिंग्या म्यांमार के रखाइन प्रांत के एक जातीय मुस्लिम अल्पसंख्यक हैं. अगस्त 2017 में, लगभग 750,000 रोहिंग्या सेना के हाथों क्रूर हिंसा से बचकर पड़ोसी बांग्लादेश में चले गए, जहां उन्हें बड़े-बड़े शिविरों में रखा गया. उस समय सलमा की उम्र सिर्फ 14 साल थी.

कैंप में भी होता है यौन उत्पीड़न

इंटरव्यू के दौरान सलमान और 9 अन्य हिजड़ा रोहिंग्या ने बताया कि अकसर कैंप के अंदर या बाहर क्रिमिनल, रोहिंग्या पुरुष या फिर प्रशासन के लोग उनका यौन उत्पीड़न करते हैं. ये लोग बताते हैं कि वे शायद ही कभी स्थानीय पुलिस या फिर कैंप लीडर्स के पास इस तरह की शिकायतें लेकर जाते हैं क्योंकि वे जानते हैं कि प्रशासन किसी तरह का एक्शन नहीं लेगा.

ये शिविर बांग्लादेशी सरकार के शरणार्थी राहत और प्रत्यावर्तन आयुक्त कार्यालय (आरआरआरसी) के अधिकार क्षेत्र में हैं और संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी, यूएनएचसीआर के समर्थन से चलाए जाते हैं. 

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