Russia China News: कहते हैं कि जब दिल को गहरी चोट पहुंचती है तो अक्सर दुश्मनी की वजह बन जाती है. यही हुआ कीव पर कब्जे की जंग में, जहां यूक्रेन (Ukraine) को अमेरिका (US) से पैसा कौड़ी, राशन-पानी, दवा-दारू और हथियार न मिले होते तो पुतिन (Putin) वहां बहुत पहले ही रूसी झंडा फहराकर 'मेरा वचन ही मेरा शाषन है' जैसा कुछ तूफानी कर चुके होते. जब उनका अरमान पूरा नहीं हुआ तो उन्होंने अमेरिका से अपना हिसाब चुकता करने और उसे सबक सिखाने का मन बनाया है. अमेरिका को घेरने के लिए रूस की मदद करने आया है चीन. जिसने महीने एक महीने पहले मास्को से बार्टर ट्रेड डील (व्यापारिक समझौता) करने के बाद अब डिफेंस सेक्टर में साथ जीने मरने की कसम खाई है.
नो लिमिट पार्टनरशिप डील
पुतिन और शी जिनपिंग सही मौके की तलाश में हैं. रक्षा क्षेत्र में एक दूसरे का सहयोग करने के लिए साथ जीने मरने की कसम खा चुके रूस-चीन ने रक्षा क्षेत्र में 'नो लिमिट पार्टनरशिप' नाम से समझौता किया है. अमेरिकी खतरों का मुकाबला करने के लिए, खासकर जापान में संभावित अमेरिकी मिसाइल तैनाती के जवाब में रूस ने चीन के साथ रक्षा सहयोग (Russia China Defence Deal) के नाम पर नई डील की है. रूसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया ज़खारोवा ने एग्रीमेंट की जानकारी देते हुए कहा, हमारी रणनीतिक साझेदारी, रक्षात्मक है न कि आक्रामक. डील का मकसद अमेरिका से महत्वपूर्ण मिसाइल खतरों से बचाव की तैयारी करना है.
रूस के खिलाफ युद्ध में यूक्रेन पर पश्चिम के नए सिरे से दबाव बनाने और उन खबरों के बीच कि वाशिंगटन जापान में मिसाइलें तैनात कर सकता है, ऐसे सवालों के जवाब में मॉस्को ने कहा है कि वो अमेरिका द्वारा पैदा किए गए खतरों का मुकाबला करने के लिए चीन के साथ डील कर चुका है.
अमेरिका को धमकी!
मारिया ज़खारोवा ने कहा, 'मैं आपको याद दिलाना चाहूंगी कि मॉस्को और बीजिंग अमेरिका द्वारा 'दोहरे नियंत्रण' का जवाब 'दोहरी जवाबी कार्रवाई' से देंगे.' ज़खारोवा उस रिपोर्ट का जवाब दे रही थीं जिसमें दावा किया गया था कि अमेरिका ने संयुक्त सैन्य अभ्यास के लिए जापान में मिसाइलें तैनात करने की इच्छा जताई थी. ज़खारोवा ने कहा, 'ये बहुत स्पष्ट है कि रूस-चीन दोनों जरूरत पड़ने पर दुश्मनों को माकूल जवाब देंगे.'