Russia Ukraine Drone War : रूस और यूक्रेन के बीच जंग शुरु हुए साढ़े तीन साल का वक्त गुजर चुका है लेकिन दोनों पक्षों में से कोई भी पीछे हटने को तैयार नहीं है. यूक्रेन को झुकाने के लिए लिए रूस जहां उस पर ताबड़तोड़ मिसाइल-ड्रोन अटैक कर रहा है. वहीं पश्चिमी देशों से मिले हथियारों के बल पर यूक्रेन भी उसे बखूबी जवाब देने मे लगा है. बीती रात यानी शुक्रवार रात को रूस ने हाल के हफ्तों का यूक्रेन पर सबसे बड़ा हमला बोला. रात भर चले इस हमले में रूस ने करीब 40 मिसाइलें और 580 ड्रोन दागे, जिससे कम से कम तीन लोग मारे गए और दर्जनों घायल हो गए.
रात भर की ड्रोन और मिसाइलों की बारिश
रिपोर्ट के मुताबिक, रूस की इस ड्रोन-मिसाइल बारिश का सबसे ज्यादा असर यूक्रेन के ड्निप्रो शहर पर पड़ा, जहां एक मिसाइल ने आवासीय इमारत को उड़ा दिया. इस हमले में एक व्यक्ति की मौत हुई और 26 लोग घायल हो गए. घायलों में एक व्यक्ति की हालत गंभीर है. वहीं उत्तरी यूक्रेन के चेर्निहिव में हुए ड्रोन हमले में एक 62 वर्षीय बुजुर्ग ड्रोन हमले में मारा गया. वहीं, ख्मेल्नित्स्की क्षेत्र में 20 से ज्यादा घर क्षतिग्रस्त हो गए. जब फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची तो तलाशी के दौरान एक शव बरामद हुआ.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमी जेलेंस्की ने इन हमलों की पुष्टि करते हुए सोशल मीडिया पर कहा कि यूक्रेन पूरी रात रूस के जबरदस्त हमलों के नीचे दबा रहा. उन्होंने इन हमलों की निंदा करते हुए इसे नागरिकों पर सीधी हिंसा भी करार दिया. रक्षा विशेषज्ञों के मुताबिक, रूस का यह हालिया सैन्य अभियान पूरे यूरोप को झकझोर रहा है. अब तक रूस केवल यूक्रेन पर ही ड्रोन बरसा रहा था. अब उसके ड्रोन पोलैंड जैसे नाटो देशों की वायुसीमा में भी घुसपैठ करने लगे हैं. जिससे निपटने के लिए नाटो सेनाएं मिलिट्री ड्रिल कर रही हैं.
पूर्वी यूक्रेन में छिड़ा हुआ है घमासान
वहीं रूस की डिफेंस मिनिस्ट्री ने दावा किया कि उन्होंने शुक्रवार रात दक्षिणी वोल्गोग्राड, रोस्तोव और सराटोव क्षेत्रों में 149 यूक्रेनी ड्रोन को मार गिराया. इन हमलों में सराटोव में एक नागरिक घायल हुआ है. डिफेंस एक्सपर्टों के मुताबिक, रूस इस साल यूक्रेन पर अब तक 34,000 से ज्यादा ड्रोन दाग चुका है. यह पिछले साल के मुकाबले नौ गुना ज्यादा है.
वहीं यूक्रेन की एयर फोर्स का कहना है कि उसने भी शुक्रवार रात 552 ड्रोन और 31 मिसाइलें नष्ट कीं. दोनों देशों के बीच यह घमासान पूर्वी यूक्रेन में हो रहा है, जहां डोनेस्क और लुहांस्क क्षेत्रों को कब्जे में करने के लिए लड़ाई तेज हो रही है. इन दोनों के बड़े हिस्से पर रूस पहले ही कब्जा जमा चुका है और उसके सैनिक ज्यादा से ज्यादा इलाकों को हथियाने की कोशिश में लगे हैं.
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नाटो सेनाओं की बढ़ी टेंशन, शांत रहें या जवाब दें
रूस ने अपने सैन्य अभियान को पिछले कुछ हफ्तों में ज्यादा आक्रामक किया है. वह वह यूक्रेन के साथ ही पोलैंड, एस्टोनिया जैसे नाटो देश में भी घुसपैठ करने लगा है. पिछले हफ्ते पोलैंड ने बताया कि 20 रूसी ड्रोन उसके हवाई क्षेत्र में घुसे थे, जिसे क्रेमलिन ने झूठा बताया. इसके बाद शुक्रवार को शुक्रवार को एस्टोनिया ने रूस पर अपने हवाई क्षेत्र में तीन लड़ाकू विमानों (मिग-31) से घुसपैठ का आरोप लगाया, जो 12 मिनट तक चला.
इन घटनाओं से नाटो में हड़कंप मच गया है. ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस ने पूर्वी सीमा पर अतिरिक्त विमानों से संयुक्त हवाई गश्त बढ़ाने का ऐलान किया है. नाटो महासचिव मार्क रुट्टे ने इसे रूस की गंभीर हवाई लापरवाही कहते हुए निंदा की. लेकिन नाटो सेनाओं की असल समस्या ये है कि वे तय नहीं कर पा रहे हैं कि चुप रहकर खुद को इस युद्ध से बचाएं रखें या फिर जैसे को तैसा के अंदाज में रूस में ड्रोन-फाइटर जेट भेजकर जवाब दें.