SC चीफ जस्टिस आधारित नहीं... CJI गवई ने किसे बताया सुनहरे रथ का दूसरा पहिया?

19 hours ago

Last Updated:July 30, 2025, 20:33 IST

Supreme Court News: सीजेआई बीआर गवई ने साफ कहा कि सुप्रीम कोर्ट कभी भी चीफ जस्टिस की कोर्ट पर केंद्रित नहीं होनी चाहिए। उन्‍होंने माना कि बार और बेंच कोर्ट में बराबर के स्‍टेकहोल्‍डर हैं.

SC चीफ जस्टिस आधारित नहीं... CJI गवई ने किसे बताया सुनहरे रथ का दूसरा पहिया?सीजेआई ने बड़ी बात कही. (File Photo)

हाइलाइट्स

सीजेआई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट चीफ जस्टिस की कोर्ट पर केंद्रित नहीं होनी चाहिए.बीआर गवई ने माना कि बार और बेंच कोर्ट में बराबर के स्‍टेकहोल्‍डर हैं.सीजेआई गवई ने बार और बेंच को सुनहरे रथ के दो पहिए करार दिया.

नई दिल्ली: चीफ जस्टिस बीआर गवई ने आज बड़ा बयान देते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट को कभी भी “मुख्य न्यायाधीश केंद्रित कोर्ट” नहीं होना चाहिए. ऐसा इसलिए क्योंकि मुख्य न्यायाधीश केवल बराबरियों में पहला होता है. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) द्वारा आयोजित एक समारोह में सीजेआई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट सभी जजों और बार के सदस्यों का होना चाहिए. न्याय प्रशासन में बार और बेंच “समान स्‍टेकहोल्‍डर” हैं और दोनों इस संस्था के “सुनहरे रथ के दो पहिए” हैं.

बार और बेंच में तालमेल
सीजेआई गवई ने कहा कि वह लोकतांत्रिक कार्यप्रणाली में विश्वास रखते हैं और सुप्रीम कोर्ट के सभी निर्णय पूर्ण कोर्ट के सामूहिक फैसले होते हैं. उन्होंने इस साल मई 26 से जुलाई 11 तक “आंशिक कार्य दिवसों” (पहले ग्रीष्मकालीन अवकाश) के दौरान रिकॉर्ड संख्या में मामलों के निपटारे का उल्लेख किया. उन्होंने कहा, “आप सभी और मेरे सहयोगियों के सहयोग से हमने पिछले कई वर्षों में आंशिक कार्य दिवसों के दौरान सबसे अधिक मामलों का निपटारा किया है.” यह उपलब्धि सुप्रीम कोर्ट की कार्यकुशलता और बार-बेंच के सहयोग को दर्शाती है.

बार न्‍याय व्‍यवस्‍था का अहम हिस्‍सा
सीजेआई ने बार के सदस्यों के प्रति स्नेह और सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि वह हमेशा से बार को न्याय प्रशासन का अभिन्न हिस्सा मानते हैं. उन्होंने अपने बॉम्बे हाई कोर्ट के दिनों को याद करते हुए बताया कि जब वह बुनियादी ढांचा और भवन समिति के अध्यक्ष थे, तब उन्होंने यह सुनिश्चित किया कि नए भवनों के निर्माण की योजना बनाते समय बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव को शामिल किया जाए. इससे बार सदस्यों और वादियों, विशेष रूप से दिव्यांगजनों की जरूरतों को ध्यान में रखा गया. सीजेआई गवई ने कोई वादा नहीं किया, लेकिन आश्वासन दिया कि वह और उनके सहयोगी बार की मांगों को सकारात्मक दृष्टिकोण से देखेंगे. समारोह में अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि और एससीबीए अध्यक्ष विकास सिंह ने भी सभा को संबोधित किया. गवई का यह बयान सुप्रीम कोर्ट की समावेशी और सहयोगी कार्यप्रणाली को रेखांकित करता है, जो न्यायिक प्रणाली में पारदर्शिता और सामूहिक जिम्मेदारी को बढ़ावा देता है.

Sandeep Gupta

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...और पढ़ें

पत्रकारिता में 14 साल से भी लंबे वक्‍त से सक्रिय हूं. साल 2010 में दैनिक भास्‍कर अखबार से करियर की शुरुआत करने के बाद नई दुनिया, दैनिक जागरण और पंजाब केसरी में एक रिपोर्टर के तौर पर काम किया. इस दौरान क्राइम और...

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