SC ने नौकरियों के लिए 75 साल के इतिहास में उठाया ये बड़ा कदम

6 hours ago

Last Updated:July 01, 2025, 10:35 IST

Supreme Court, SC News: सुप्रीम कोर्ट ने सीधी भर्ती और प्रमोशन में आरक्षण संबंधी नियमों में बदलाव किया है.इसे सुप्रीम कोर्ट के इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा बदलाव बताया जा रहा है.

SC ने नौकरियों के लिए 75 साल के इतिहास में उठाया ये बड़ा कदम

Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट की नौकरियों में आरक्षण.

हाइलाइट्स

सुप्रीम कोर्ट की सीधी भर्ती और प्रमोशन में आरक्षण.ST, SC को मिलेगा इसका फायदा.सीजेआई गवई के कार्यकाल में किया गया ये बदलाव.

Supreme Court, SC News: भारत के सुप्रीम कोर्ट ने अपनी 75 साल की इतिहास में पहली बार अपने कर्मचारियों के लिए सीधी भर्ती और प्रमोशन में अनुसूचिdत जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के लिए आरक्षण की औपचारिक नीति लागू की है.यह कदम 23 जून, 2025 से प्रभावी हुआ है और इसे देश की सबसे बड़ी अदालत के आंतरिक प्रशासन में एक ऐतिहासिक बदलाव के रूप में देखा जा रहा है.
स्पष्ट कर दें यह आरक्षण जजों के लिए नहीं है. यह नीति रजिस्ट्रार,वरिष्ठ निजी सहायक, सहायक लाइब्रेरियन, जूनियर कोर्ट असिस्टेंट और चैंबर अटेंडेंट जैसे कई पदों पर लागू होगी.मॉडल रोस्टर के तहत सभी कर्मचारियों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है: एससी, एसटी और अनारक्षित.

हाईकोर्ट में पहले से ही लागू

मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई)भूषण रामकृष्ण गवई ने हिंदुस्तान टाइम्स से बातचीत में इस बदलाव के पीछे की सोच को साझा करते हुए कहा कि सभी सरकारी संस्थानों और कई हाई कोर्ट में पहले से ही एससी और एसटी के लिए आरक्षण का प्रावधान है, तो सुप्रीम कोर्ट को इससे अलग क्यों रखा जाए? हमने कई ऐतिहासिक फैसलों में सकारात्मक कार्रवाई का समर्थन किया है और एक संस्था के रूप में हमें इसे अपने यहां भी लागू करना चाहिए. हमारे काम हमारे सिद्धांतों को दर्शाने चाहिए.

24 जून को सर्कुलर जारी

24 जून को जारी एक सर्कुलर में सभी कर्मचारियों और रजिस्ट्रारों को इस नीति के लागू होने की जानकारी दी गई.सर्कुलर में कहा गया है कि सक्षम प्राधिकारी के निर्देशानुसार सभी संबंधितों को सूचित किया जाता है कि मॉडल आरक्षण रोस्टर और रजिस्टर को कोर्ट के आंतरिक ईमेल नेटवर्क (Supnet) पर अपलोड किया गया है और यह 23 जून, 2025 से प्रभावी है.इसमें कर्मचारियों से रोस्टर या रजिस्टर में किसी गलती की स्थिति में आपत्ति दर्ज करने और रजिस्ट्रार (भर्ती) को अपनी शिकायतें भेजने को भी कहा गया.

सीजेआई गवई के आने के बाद बदलाव

यह बदलाव सीजेआई गवई के कार्यकाल में आया है. बता दें कि गवई अनुसूचित जाति की पृष्ठभूमि से आने वाले दूसरे ऐसे व्यक्ति हैं जो देश के सर्वोच्च न्यायिक पद तक पहुंचे हैं.हिन्‍दुस्‍तान टाइम्‍स की रिपोर्ट के अनुसार सीजेआई ने कहा कि वह हमेशा से मानते हैं कि समानता और प्रतिनिधित्व विरोधी नहीं, बल्कि एक-दूसरे को मजबूत करने वाले सिद्धांत हैं, जो भारत के संवैधानिक दृष्टिकोण को आगे बढ़ाते हैं. सकारात्मक कार्रवाई समानता का अपवाद नहीं, बल्कि उसका अभिन्न हिस्सा है.यह कदम एक सामाजिक रूप से संवेदनशील न्यायपालिका की दिशा में एक शुरुआत है.

किसे मिलेगा कितना कोटा

सर्कुलर और मॉडल रोस्टर के अनुसार प्रमोशन में एससी कर्मचारियों को 15% और एसटी कर्मचारियों को 7.5% का कोटा मिलेगा. यह केंद्र सरकार की सीधी भर्ती के लिए आरक्षण नीति के अनुरूप है, लेकिन सुप्रीम कोर्ट में प्रमोशन के लिए इसका लागू होना अपने आप में एक नई शुरुआत है.यह कदम न केवल सुप्रीम कोर्ट के कर्मचारियों के लिए बल्कि भारत की शीर्ष संस्थाओं में सकारात्मक कार्रवाई के लिए भी एक महत्वपूर्ण क्षण है. खास बात यह है कि यह बदलाव उस सीजेआई के कार्यकाल में आया है, जिन्होंने सामाजिक रूप से वंचित होने का अनुभव जिया और अब देश की सबसे बड़ी अदालत का नेतृत्व कर रहे हैं.

प्रमोशन में आरक्षण का मसला है पुराना

प्रमोशन में आरक्षण का मुद्दा दशकों से जटिल रहा है. 2006 में एम नागराज बनाम भारत सरकार मामले में सुप्रीम कोर्ट की संविधान पीठ ने इस तरह के लाभ देने के लिए सख्त शर्तें तय की थीं. इन शर्तों की वजह से इसे लागू करना मुश्किल हो गया था.बाद के वर्षों में कई राज्यों की प्रमोशन में आरक्षण की नीतियां इन मानकों को पूरा न करने के कारण हाई कोर्ट में रद्द हो गईं. 2018 में जरनैल सिंह बनाम लच्छमी नारायण गुप्ता मामले में सुप्रीम कोर्ट ने इस मुद्दे पर फिर विचार किया और एक शर्त को हटा दिया.जिसके तहत अब सरकारों को एससी/एसटी के पिछड़ेपन को साबित करने की जरूरत नहीं थी, लेकिन अन्य दो शर्तें जैसे प्रतिनिधित्व का आंकड़ा और प्रशासनिक दक्षता को बरकरार रखा गया.साथ ही क्रीमी लेयर (एससी/एसटी में अपेक्षाकृत संपन्न वर्ग)को आरक्षण लाभ से बाहर करने का नियम जोड़ा गया.

Dhiraj Raiअसिस्टेंट एडिटर

न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य...और पढ़ें

न्यूज़18 हिंदी (Network 18) डिजिटल में असिस्टेंट एडिटर के तौर पर कार्यरत. करीब 13 वर्ष से अधिक समय से मीडिया में सक्रिय. हिन्दुस्तान, दैनिक भास्कर के प्रिंट व डिजिटल संस्करण के अलावा कई अन्य संस्थानों में कार्य...

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